बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की हैं। संभल हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इनमें एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि जब सर्वे टीम जामा मस्जिद की ओर जा रही थी, तब लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए, जिसके चलते दंगा भड़क गया। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ है।
सपा नेता अखिलेश यादव ने लिखा, ‘सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे।उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है।’
सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई… pic.twitter.com/9Fj30K4aLm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2024
रंजन चौधरी ने लिखा, ‘संभल में पत्थरबाजी की घटना पर असदुद्दीन ओवैसी “संभल की मस्जिद 200 साल से भी ज़्यादा पुरानी है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से सलाह किए बिना ही आदेश पारित कर दिया, जो कि गलत है। सर्वे टीम भड़काऊ नारे लगाते हुए पहुंची, जिससे हिंसा भड़क उठी और तीन मुसलमानों की मौत हो गई। जो गोलीबारी हुई, वह हत्या थी और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को सस्पेंड किया जाना चाहिए…’.
संभल में पत्थरबाजी की घटना पर असदुद्दीन ओवैसी
— Rajan Chaudhary (@EditorRajan) November 25, 2024
"संभल की मस्जिद 200 साल से भी ज़्यादा पुरानी है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से सलाह किए बिना ही आदेश पारित कर दिया, जो कि गलत है। सर्वे टीम भड़काऊ नारे लगाते हुए पहुंची, जिससे हिंसा भड़क उठी और तीन मुसलमानों की मौत हो गई। जो गोलीबारी हुई,… pic.twitter.com/MBtA35rL2v
ज़ी न्यूज़ ने लिखा, ‘ जय श्री राम के नारे लगाए गए, साजिश के तहत हिंसा हुई’, संभल हिंसा पर SP सांसद ज़िया उर रहमान बर्क का बयान’
'जय श्री राम के नारे लगाए गए, साजिश के तहत हिंसा हुई', संभल हिंसा पर SP सांसद ज़िया उर रहमान बर्क का बयान @pratyushkkhare @ravindrak2000 #ZiaurRehmanBarq #SambhalJamaMasjid #sambhalmasjidsurvey #SambhalViolnce #Police | #ZeeNews pic.twitter.com/RALcsVrKwC
— Zee News (@ZeeNews) November 25, 2024
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘प्रशासन ने ही दंगा भड़काने का काम किया है। सर्वे टीम मस्जिद में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए गई, जिससे दंगा भड़क गया…..’
दिल्ली : संभल हिंसा पर बोले प्रोफेसर रामगोपाल यादव
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 26, 2024प्रशासन ने जानबूझकर वहां अशांति पैदा की
कहीं से न्याय नहीं मिलेगा तो निराश होकर व्यक्ति क्या करेगा?
प्रशासन इजाजत देगा तो हमारा प्रतिनिधिमंडल जाएगा
संसद में हमारी प्राथमिकता संभल का मुद्दा
हम संभल मुद्दे को छोड़ नहीं… pic.twitter.com/9EZbGm82gF
द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : संभल, यूपी। धार्मिक नारा लगाते हुए मस्जिद में दाखिल हुई सर्वे टीम।पथराव और झड़प के बीच कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वे टीम मस्जिद में दाखिल ।
लोकेशन : संभल, यूपी
— The Muslim (@TheMuslim786) November 24, 2024
धार्मिक नारा लगाते हुए मस्जिद में दाखिल हुई सर्वे टीम।
पथराव और झड़प के बीच कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वे टीम मस्जिद में दाखिल । pic.twitter.com/EPv5YU4apD
इसके अलावा इस दावे को सदफ अफरीन, मोहम्मद नसीरुद्दीन, रिज़वी खान, खुर्शीद अहमद, चांदनी, अंसार इमरान और अरसलान ने शेयर किया।
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फैक्ट चेक
पड़ताल में हमें भारत समाचार द्वारा 24 नवंबर को प्रसारित एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने के दावे पर कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की टीम सुबह 7:30 बजे सर्वे के लिए मस्जिद में दाखिल हुई। यह भी बताया गया कि इससे पहले 19 नवंबर को भी सर्वे किया गया था।
भारत समाचार की रिपोर्ट में स्पष्ट देखा जा सकता है कि सर्वे की टीम शांतिपूर्वक मस्जिद के अंदर जाती है और उस दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगाए जा रहे हैं।
संभल
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 24, 2024संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद का सर्वे शुरू
दूसरी बार शाही जामा मस्जिद का शुरू हुआ सर्वे
सबसे पहले 19 नवंबर को हुआ था मस्जिद का सर्वे
आज सुबह 7.30 बजे से फिर से शुरू हुआ सर्वे
कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के लिए पहुंचे
डीएम,एसपी समेत… pic.twitter.com/QWuWhfBIj0
इसके अलावा, ग्लोबल भारत न्यूज़ के एक ट्वीट में बताया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे शुरू हुआ। यह दूसरा सर्वे है, जो कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की उपस्थिति में हुआ। सुबह 7:30 बजे टीम मस्जिद पहुंची, और क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया।
#संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे शुरू, दूसरी बार जामा मस्जिद का शुरू हुआ सर्वे* सबसे पहले 19 नवंबर को हुआ था सर्वे, आज सुबह 7:30 बजे से फिर से शुरू हुआ सर्वे, कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के लिए पहुंचे, डीएम एसपी सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर, छावनी में तब्दील हुआ… pic.twitter.com/d7uUcBS6SH
— Global Bharat News (@Global__Bharat) November 24, 2024
पड़ताल में आगे हमें टाइम्स नाउ के पत्रकार राहुल शिवशंकर का ट्वीट मिला, ‘सपा नेताओं और उनके समर्थकों द्वारा संभल की जामा मस्जिद के बाहर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाकर दंगे भड़काने का आरोप लगाने की साजिश पूरी तरह फेल हो गई है।
देखिए यह फुटेज, जिसमें जैन और प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट के आदेश पर सर्वे के लिए सुबह-सुबह मस्जिद में प्रवेश कर रहे हैं। इस वीडियो में न तो ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए जा रहे हैं और न ही कोई साम्प्रदायिक भड़काऊ टिप्पणी की जा रही है। माहौल शांत है, और ऐसा कोई भी संकेत नहीं है जो उकसावे की ओर इशारा करता हो।
अब बड़ा सवाल यह उठता है: जिन लोगों ने झूठे वीडियो फैलाकर जैन की छवि खराब की और उनकी जान खतरे में डाल दी, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? अगर उनके इस भ्रामक प्रचार के चलते जैन पर हमला होता है, तो क्या वे जिम्मेदारी लेंगे?’
BIG BREAKING: Attempt by ecosystem and SP leaders to blame Hindu side lawyer @Vishnu_Jain1 for chanting Jai Sri Ram slogans outside Sambhal Jama Masjid to incite riots falls flat.
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) November 27, 2024
Watch this footage of Jain and administration officials entering the Masjid in Sambhal early in… pic.twitter.com/O1nldA11cz
आजतक की 24 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट द्वारा गठित टीम ने मस्जिद का करीब 2.5 घंटे तक सर्वे किया। रिपोर्टर ने कहा कि टीम में एडवोकेट विष्णु शंकर भी शामिल थे। इस दौरान मस्जिद के आसपास की भीड़ आक्रोशित थी और पुलिस पर पत्थरबाजी कर रही थी।
एक अन्य आजतक रिपोर्ट के मुताबिक, उग्र भीड़ ने सर्वे टीम की कार को आग के हवाले कर दिया। वीडियो में देखा गया कि मस्जिद के आसपास के रास्तों पर भीड़ पत्थरबाजी कर रही थी और सुरक्षा बल सर्वे टीम को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे।
यूपी तक ने बताया कि टीम सुबह 7:30 बजे मस्जिद में दाखिल हुई और 9 बजे के आसपास हिंसक भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।
पड़ताल के अंत में हमें मुरादाबाद के कमिश्नर आजनेय कुमार सिंह का इंटरव्यू मिला, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं जो भी बोलूंगा, साक्ष्य के आधार पर बोलूंगा और बाकी लोगों से भी अनुरोध करता हूं कि जो भी कहें, साक्ष्य के आधार पर कहें। यदि पुलिस के पास ऐसा कोई प्रमाण होता, तो निश्चित रूप से कहीं न कहीं वह कैप्चर हुआ होता। हमने जो भी तथ्य प्रस्तुत किए हैं, वे कैप्चर किए गए साक्ष्यों के आधार पर हैं।
"अगर कोई पुलिस पर पत्थर फेंकेगा या पुलिस पर हमला करेगा, तो क्या पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी? मस्जिद पर पत्थर फेंकना कहां से जायज है?": आंजनेय कुमार सिंह, कमिश्नर मुरादाबाद #हल्ला_बोल #Sambhal #Violence | @anjanaomkashyap pic.twitter.com/J27li11Np0
— AajTak (@aajtak) November 26, 2024
कमिश्नर ने आगे कहा, “मैंने वह फुटेज भी देखी है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि सर्वे करने गई टीम ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। यह दावा पूरी तरह झूठा है। जिस स्थान पर नारे लगाए जा रहे थे, वह जगह जामा मस्जिद से बहुत दूर, हिंदू-बहुल इलाके में है। सर्वे टीम के साथ कुछ लोग जुड़ गए थे, जिन्होंने नारे लगाए, लेकिन उन्हें तुरंत मना किया गया। नारे लगाने के लिए हम किसी को पीटने नहीं लगे। मस्जिद के सामने भी नारे लगाए जा रहे थे, लेकिन हमने उन्हें समझाया और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने का प्रयास किया।”
दावा | मस्जिद में सर्वे के दौरान “जय श्री राम” के नारे लगने से दंगा भड़का। |
दावेदार | अखिलेश यादव एवं अन्य |
निष्कर्ष | जय श्री राम के नारे मस्जिद से दूर अन्य स्थान पर दंगा शुरू होने के बाद लगा। |