धर्म

संभल हिंसा: मस्जिद में सर्वे के दौरान ‘जय श्री राम’ के नारों से दंगा भड़कने का दावा झूठा

बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की हैं। संभल हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इनमें एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि जब सर्वे टीम जामा मस्जिद की ओर जा रही थी, तब लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए, जिसके चलते दंगा भड़क गया। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ है।

सपा नेता अखिलेश यादव ने लिखा, ‘सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे।उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है।’

रंजन चौधरी ने लिखा, ‘संभल में पत्थरबाजी की घटना पर असदुद्दीन ओवैसी “संभल की मस्जिद 200 साल से भी ज़्यादा पुरानी है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से सलाह किए बिना ही आदेश पारित कर दिया, जो कि गलत है। सर्वे टीम भड़काऊ नारे लगाते हुए पहुंची, जिससे हिंसा भड़क उठी और तीन मुसलमानों की मौत हो गई। जो गोलीबारी हुई, वह हत्या थी और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को सस्पेंड किया जाना चाहिए…’.

ज़ी न्यूज़ ने लिखा, ‘ जय श्री राम के नारे लगाए गए, साजिश के तहत हिंसा हुई’, संभल हिंसा पर SP सांसद ज़िया उर रहमान बर्क का बयान’

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘प्रशासन ने ही दंगा भड़काने का काम किया है। सर्वे टीम मस्जिद में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए गई, जिससे दंगा भड़क गया…..’

द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : संभल, यूपी। धार्मिक नारा लगाते हुए मस्जिद में दाखिल हुई सर्वे टीम।पथराव और झड़प के बीच कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वे टीम मस्जिद में दाखिल ।

इसके अलावा इस दावे को सदफ अफरीन, मोहम्मद नसीरुद्दीन, रिज़वी खान, खुर्शीद अहमद, चांदनी, अंसार इमरान और अरसलान ने शेयर किया।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमें भारत समाचार द्वारा 24 नवंबर को प्रसारित एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने के दावे पर कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की टीम सुबह 7:30 बजे सर्वे के लिए मस्जिद में दाखिल हुई। यह भी बताया गया कि इससे पहले 19 नवंबर को भी सर्वे किया गया था।

भारत समाचार की रिपोर्ट में स्पष्ट देखा जा सकता है कि सर्वे की टीम शांतिपूर्वक मस्जिद के अंदर जाती है और उस दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगाए जा रहे हैं।

इसके अलावा, ग्लोबल भारत न्यूज़ के एक ट्वीट में बताया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे शुरू हुआ। यह दूसरा सर्वे है, जो कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की उपस्थिति में हुआ। सुबह 7:30 बजे टीम मस्जिद पहुंची, और क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया।

आजतक की 24 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट द्वारा गठित टीम ने मस्जिद का करीब 2.5 घंटे तक सर्वे किया। रिपोर्टर ने कहा कि टीम में एडवोकेट विष्णु शंकर भी शामिल थे। इस दौरान मस्जिद के आसपास की भीड़ आक्रोशित थी और पुलिस पर पत्थरबाजी कर रही थी।

एक अन्य आजतक रिपोर्ट के मुताबिक, उग्र भीड़ ने सर्वे टीम की कार को आग के हवाले कर दिया। वीडियो में देखा गया कि मस्जिद के आसपास के रास्तों पर भीड़ पत्थरबाजी कर रही थी और सुरक्षा बल सर्वे टीम को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे।

यूपी तक ने बताया कि टीम सुबह 7:30 बजे मस्जिद में दाखिल हुई और 9 बजे के आसपास हिंसक भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।

पड़ताल के अंत में हमें मुरादाबाद के कमिश्नर आजनेय कुमार सिंह का इंटरव्यू मिला, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं जो भी बोलूंगा, साक्ष्य के आधार पर बोलूंगा और बाकी लोगों से भी अनुरोध करता हूं कि जो भी कहें, साक्ष्य के आधार पर कहें। यदि पुलिस के पास ऐसा कोई प्रमाण होता, तो निश्चित रूप से कहीं न कहीं वह कैप्चर हुआ होता। हमने जो भी तथ्य प्रस्तुत किए हैं, वे कैप्चर किए गए साक्ष्यों के आधार पर हैं।

कमिश्नर ने आगे कहा, “मैंने वह फुटेज भी देखी है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि सर्वे करने गई टीम ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। यह दावा पूरी तरह झूठा है। जिस स्थान पर नारे लगाए जा रहे थे, वह जगह जामा मस्जिद से बहुत दूर, हिंदू-बहुल इलाके में है। सर्वे टीम के साथ कुछ लोग जुड़ गए थे, जिन्होंने नारे लगाए, लेकिन उन्हें तुरंत मना किया गया। नारे लगाने के लिए हम किसी को पीटने नहीं लगे। मस्जिद के सामने भी नारे लगाए जा रहे थे, लेकिन हमने उन्हें समझाया और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने का प्रयास किया।”

दावामस्जिद में सर्वे के दौरान “जय श्री राम” के नारे लगने से दंगा भड़का।
दावेदारअखिलेश यादव एवं अन्य
निष्कर्षजय श्री राम के नारे मस्जिद से दूर अन्य स्थान पर दंगा शुरू होने के बाद लगा।
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