सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बदायूं के नागपुर गांव में हिंदुओं ने कुछ मुसलमानों को नमाज़ अदा करने से रोका। इस वीडियो के जरिए हिंदू समाज पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि हमारी जांच में यह दावा भ्रामक पाया गया है।
इस्लामिक कट्टरपंथी हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : नागपुर गांव,बदायूं,उत्तरप्रदेश. नमाज पढ़ने पर गांव के हिंदुओं ने किया विरोध दोनों पक्ष थाने गए तहसीलदार और सीओ ने नमाज अदा करने से मना कर दिया। इस्लामोफोबिया अपने चरम पर। मुस्लिम समुदाय द्वारा खाली पड़े सलीम के घर में नमाज अदा की जा रही थी। संभल की घटना के बाद हिंदू समाज ने आपत्ति जताई। गांव के हिंदुओं ने नमाज पढ़कर सलीम के घर से कुछ लोगों को निकलते देखा और नमाज को नई परंपरा बताते हुए इसका विरोध किया।’
लोकेशन : नागपुर गांव,बदायूं,उत्तरप्रदेश
— The Muslim (@TheMuslim786) December 24, 2024
नमाज पढ़ने पर गांव के हिंदुओं ने किया विरोध दोनों पक्ष थाने गए तहसीलदार और सीओ ने नमाज अदा करने से मना कर दिया।
इस्लामोफोबिया अपने चरम पर।
मुस्लिम समुदाय द्वारा खाली पड़े सलीम के घर में नमाज अदा की जा रही थी। संभल की घटना के बाद हिंदू… pic.twitter.com/WsIqk9vzlM
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें अमर उजाला की 19 दिसंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार बदायूं जिले के कोतवाली बिसौली क्षेत्र के नागपुर गांव में नमाज अदा करने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव हो गया। आरोप है कि एक समुदाय ने खाली मकान में पहले मदरसा बनाया और फिर उसे धर्मस्थल में बदलकर वहां नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। इसका विरोध करते हुए दूसरे समुदाय के लोगों ने हंगामा किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया गया। यहां एसडीएम, सीओ और तहसील प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए निर्णय लिया कि गांव में सामूहिक नमाज अदा नहीं की जाएगी और मदरसा संचालन पर भी रोक लगा दी गई।
इसके बाद हमें अमर उजाला की 21 दिसंबर 2024 को प्रकाशित दूसरी रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय के 18 और हिंदू समुदाय के 58 लोगों पर दो-दो लाख रुपये का मुचलका पाबंद किया। विवाद का कारण यह था कि मुस्लिम समुदाय ने एक खाली मकान को पहले मदरसे का रूप दिया और बाद में वहां मस्जिद बनाकर सामूहिक नमाज अदा शुरू कर दी। इस पर हिंदू समुदाय ने आपत्ति जताते हुए हंगामा किया, जिससे गांव में तनाव फैल गया। देर शाम तक तहसील परिसर में दोनों समुदाय के लोग मौजूद रहे और उन्हें पाबंद करने के बाद रिहा कर दिया गया।
दावा | मुसलमानों को नमाज अदा करने नहीं दिया जा रहा है। |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | पड़ताल से स्पष्ट है कि सामूहिक नमाज किसी मस्जिद में नहीं, एक घर में हो रही थी इसीलिए प्रशासन ने नमाज पर रोक लगा दी। |