सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो सैनिक तिरंगा लिए हुए मीडिया को इंटरव्यू देते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वे भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि सरकार उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं कराती। दावा है कि वे चीन सीमा पर तैनात हैं और वहां के गांव वाले उन्हें भोजन देते हैं। हालांकि हमारी जांच में यह दावा गलत साबित हुआ है। इस वीडियो से भारतीय सेना और भारत सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
ऋतु राठौर ने लिखा, ‘यह वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है। क्या यह सच है कि चीन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को पर्याप्त राशन नहीं मिल रहा है और वे भूखे रह रहे हैं?‘
This video is doing rounds on WA. Is this true that Indian soldiers on china border are not getting enough ration and are going hungry?
— Ritu #सत्यसाधक (@RituRathaur) September 26, 2024
Can @adgpi look Into this?
Cc: @rajnathsingh pic.twitter.com/kYi4zgnhta
परमवीर राठौर ने लिखा, ‘मोदी जी ये क्या हो रहा है हमारे जवानो पर भूखे रह रहे है ! आज आपको देश का प्रधान सेवक कहते हुए शर्म आ रही है ! China के बॉर्डर पे जवान आंख से छलका आंसु !‘
मोदी जी @narendramodi ये क्या हो रहा है हमारे जवानो पर भूखे रह रहे है !
— Paramveer Rathore (@ParamveerS36404) September 17, 2024
आज आपको देश का प्रधान सेवक कहते हुए शर्म आ रही है !
China के बॉर्डर पे जवान आंख से छलका आंसु !@rajnathsingh @BJP4India @PMOIndia #IndianArmy pic.twitter.com/As4YbDy4GT
विवेक सिंह आज़ाद ने लिखा, ‘ये हमारे देश की हालत है चीन बॉर्डर पर जबान कटोरा लेकर खाने के लिए मजबूर है वहा रहने वाले लोग उनको खाना खिलाते हैं जब एक पत्रकार सबाल करता है तो जबान भाबुक हो जाता है आखों से आसू आ जाते हैं एक मीडिया के सामने अपने देश की कमियों को फिर भी उजागर नही करना चाहता है‘
ये हमारे देश की हालत है चीन बॉर्डर पर जबान कटोरा लेकर खाने के लिए मजबूर है वहा रहने वाले लोग उनको खाना खिलाते हैं जब एक पत्रकार सबाल करता है तो जबान भाबुक हो जाता है आखों से आसू आ जाते हैं एक मीडिया के सामने अपने देश की कमियों को फिर भी उजागर नही करना चाहता है pic.twitter.com/qsppbupvQZ
— vivek _singh _ajad (@Ranjeet10343345) September 20, 2024
फैजान पशा ने लिखा, ‘हमारे देश के जवान चीन के बॉर्डर पे तैनात है लेकिन खाना पानी नही मिल पा रहा है आंख से छलका आंसू भावुक होकर रोने लगे। हमारे देश के प्रधानमंत्री फेकम फेंक रहें हैं । विश्व गुरु बना रहें रामराज्य यही है रामराज्य शर्म करो……‘
हमारे देश के जवान चीन के बॉर्डर पे तैनात है लेकिन खाना पानी नही मिल पा रहा है आंख से छलका आंसू भावुक होकर रोने लगे।
— ER FAIZAN PASHA BJP (@bjpErfaizan) September 15, 2024
हमारे देश के प्रधानमंत्री फेकम फेंक रहें हैं । विश्व गुरु बना रहें रामराज्य यही है रामराज्य शर्म करो…….@narendramodi ,@RahulGandhi @aajtak ,@ABPNews , pic.twitter.com/3R6wNyDVnW
श्याम बहादुर राजभर ने लिखा, ‘हमारे देश के जवान चीन के बॉर्डर पे तैनात है लेकिन खाना पानी नही मिल पा रहा है आंख से छलका आंसू भावुक होकर रोने लगे। हमारे देश प्रधानमंत्री फेकम फेंक रहें हैं । विश्व गुरु बना रहें रामराज्य यही है रामराज्य शर्म करो‘
हमारे देश के जवान चीन के बॉर्डर पे तैनात है लेकिन खाना पानी नही मिल पा रहा है आंख से छलका आंसू भावुक होकर रोने लगे।
— Shyam Bahadur Rajbhar (@ShyamBahadurRH) September 15, 2024
हमारे देश प्रधानमंत्री फेकम फेंक रहें हैं । विश्व गुरु बना रहें रामराज्य यही है रामराज्य शर्म करो…….
@narendramodi @yadavakhilesh @BhimArmyChief @RahulGandhi pic.twitter.com/4r18lv4kZw
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया, जिससे हमें यह वीडियो 11 सितंबर को ‘ग्लोबल खबर’ नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो में सेना की वर्दी पहने दो युवक हरेंद्र कुमार यादव और चंदू चव्हाण ने बताया कि वे सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे थे लेकिन अखिलेश यादव से मुलाकात का समय नहीं मिल पाया। वीडियो में दोनों जवान यह भी कहते हैं कि उन्हें सेना से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सेना में कई जवानों की हत्या होती है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है, जिसके विरोध में वे अखिलेश यादव से मिलने आए थे।
इंटरव्यू के दौरान, जब उनसे पूछा गया कि वे कहां रह रहे हैं और भोजन कैसे प्राप्त कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि वे एक हफ्ते से लखनऊ में हैं और मंदिर में रहकर अपना गुजारा कर रहे हैं। भोजन के लिए मंदिर के पास रहने वाले गांववाले उन्हें कुछ खाने के लिए दे देते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें नवभारत टाइम्स की 30 जनवरी 2024 की रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार गलत सूचनाएं और प्रोपेगेंडा फैलाने के साथ-साथ अनधिकृत रूप से गैरहाजिर रहने के लिए भारतीय सेना ने सिग्नलमैन हरेंद्र कुमार यादव का कोर्ट मार्शल किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हरेंद्र कुमार जबलपुर में आर्मी सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर से बिना अनुमति के अनुपस्थित थे और सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे थे। इसी कारण उन्हें पिछले साल मार्च में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। हरेंद्र को गंभीर कदाचार का दोषी पाया गया और उन्हें 89 दिनों की कठोर कैद और सेना से बर्खास्त किए जाने की सजा सुनाई गई। हरेंद्र कुमार ने 2015 में सेना जॉइन की थी लेकिन जबलपुर के ट्रेनिंग सेंटर में बिना अनुमति के एक तकनीकी कोर्स से गायब रहे और सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ झूठी बातें प्रचारित कीं। उन्होंने चोरी-छुपे ट्रेनिंग सेंटर की गतिविधियों का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे इस तरह पेश किया जैसे सैनिकों को प्रताड़ित किया जा रहा हो। इसके बाद वह भाग गए और सेना में वापस नहीं लौटे। सभी सबूतों के आधार पर उनका कोर्ट मार्शल हुआ और उन्हें सजा सुनाई गई।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमें 6 अक्टूबर 2019 की नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट भी मिली जिसमें बताया गया कि 2016 में जवान चंदू चव्हाण गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे जहां उन्हें कई महीनों तक कैद रखा गया और यातनाएं दी गईं। बाद में चंदू ने सेना पर ही उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सेना छोड़ने का फैसला किया। भारतीय सेना के अनुसार चंदू लगातार अनुशासनहीनता के दोषी रहे हैं और उन पर पांच अनुशासनात्मक कार्रवाइयाँ चल रही हैं। सेना ने यह भी कहा कि चंदू के पुनर्वास के प्रयास उसकी भावुकता और शिकायत भरे रवैये के कारण असफल रहे। सेना ने स्पष्ट किया कि ऐसी अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके अलावा वन इंडिया की 26 अक्टूबर 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक चंदू का जेसीओ(जूनियर कमीशन ऑफिसर) के साथ ड्यूटी वितरण के कारण कुछ कहासुनी हुई, जिसके बाद वो अपनी पोस्ट से गलती से एलओसी पार कर गए। चंदू को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया। 7 अक्टूबर, 2016 को पाकिस्तान ने डीजीमओ से बातचीत में स्वीकार किया कि चंदूलाल नाम का जवान पाकिस्तान में मौजूद है। पाकिस्तान ने चार महीने बाद चंदू को अमृतसर वाघा बार्डर पर भारतीय सेना को सौंपा दिया था। एलओसी पार के आरोप में चंदू का कोर्ट मार्शल किया गया, जिसमें उन्हें तीन महीने के सजा सुनाई गयी।
दावा | चीन सेना पर तैनात जवानों को खाने का पर्याप्त राशन नहीं मिल रहा है |
दावेदार | ऋतु राठौर, परमवीर राठौर एवं अन्य |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो में किए गए आरोप गलत थे। हरेंद्र कुमार और चंदू चव्हाण दोनों ही अनुशासनहीनता के दोषी थे, जिससे सेना ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सेना से कोर्ट मार्शल कर दिया है। |