उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पुलिस द्वारा डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने का मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि भीमपुर गांव में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति स्थापित की गई थी। लेकिन पुलिस ने मूर्ति को हटा दिया। इस मामले में पुलिस पर पक्षपाती होने के आरोप लगाये जा रहे हैं हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने एक्स पर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के रोरावर थाना क्षेत्र के गांव भीमपुर में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने के लिए पुलिस का पहुंचना और इसके कारण उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति उत्तर प्रदेश की असफल और पक्षपाती कानून व्यवस्था का कड़वा सच उजागर करती है। कानून और प्रशासन का दायित्व है कि सभी समाजों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करें। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन का संवेदनशील एवं निष्पक्ष रवैया अत्यंत आवश्यक है। सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए समाज के सभी वर्गों के प्रति न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि राज्य में शांति और सद्भाव बना रहे।’
उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के रोरावर थाना क्षेत्र के गांव भीमपुर में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने के लिए पुलिस का पहुंचना और इसके कारण उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति उत्तर प्रदेश की असफल और पक्षपाती कानून व्यवस्था का कड़वा सच उजागर करती…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 28, 2025
जुबेर चौधरी ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के रोरावर थाना क्षेत्र के गांव भीमपुर में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने के लिए पुलिस का पहुंचना और इसके कारण उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति उत्तर प्रदेश की असफल और पक्षपाती कानून व्यवस्था का कड़वा सच उजागर करती है। कानून और प्रशासन का दायित्व है कि सभी समाजों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करें। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन का संवेदनशील एवं निष्पक्ष रवैया अत्यंत आवश्यक है। सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए समाज के सभी वर्गों के प्रति न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि राज्य में शांति और सद्भाव बना रहे।’
उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के रोरावर थाना क्षेत्र के गांव भीमपुर में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने के लिए पुलिस का पहुंचना और इसके कारण उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति उत्तर प्रदेश की असफल और पक्षपाती कानून व्यवस्था का कड़वा सच उजागर करती… pic.twitter.com/PROBq4JUOa
— Juber Choudhary (@JuberJamia) January 29, 2025
विक्रम नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के रोरावर थाना क्षेत्र के गांव भीमपुर में 25 जनवरी को जाटव समाज द्वारा स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को हटाने के लिए पुलिस का पहुंचना कितना उचित जगह जगह लगी मंदिरों में मूर्ति क्यों नहीं हटाई जाती।’
वहीं चौधरी शादान वाहिद ने और BASF ने भी एक्स पर इसी दावे के साथ पोस्ट किया है।
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फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल में हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक 28 जनवरी की शाम को अलीगढ़ में रोरावर क्षेत्र के गांव इब्राहिमपुर-भीमपुर में 27 जनवरी की रात को लगाई गई आंबेडकर की प्रतिमा को पुलिस द्वारा हटाने पर बवाल हो गया। दरअसल गांव इब्राहिमपुर-भीमपुर में बघेल समाज और अनुसूचित जाति के लोगों के बीच ग्राम समाज की भूमि को लेकर विवाद चला आ रहा है। यहां ग्राम समाज की जमीन के दो प्लॉट खाली पड़े हैं। एक प्लॉट पर 27 जनवरी को बघेल समाज के लोगों ने मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया। अनुसूचित जाति के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की। पहुंची पुलिस ने मंदिर का निर्माण रुकवा दिया।
वहीं 27 जनवरी की रात को दूसरे प्लॉट पर अनुसूचित जाति के लोगों ने आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। बघेल समाज के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। प्रतिमा को हटवाए जाने की मांग गूंजने लगी। जब लोगों को लगा कि पुलिस प्रतिमा को हटा सकती है तो समाज के लोगों की भीड़ प्रतिमा स्थल को घेरकर बैठ गई। अफसरों ने लोगों को समझा-बुझाकर प्रतिमा हटवाने की कोशिश की लेकिन लोग तैयार नहीं हुए। वहीं इससे गांव में भी तनाव बढ़ रहा था। 28 जनवरी शाम करीब साढ़े छह बजे पुलिस ने यहां से प्रतिमा हटा दी और उसे लेकर जाने लगे। इस पर दो दिन से प्रतिमा स्थल को घेरकर बैठे लोग भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ ने पुलिस की दोपहिया वाहनों में आग लगा दी जबकि चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।
वहीं अलीगढ़ के एसएसपी संजीव सुमन ने कहा कि ये तो साफ है कि प्रतिमा गलत व नियम विरुद्ध लगाई गई। ग्राम समाज की भूमि पर इस तरह से किसी महापुरुष की या अन्य कोई प्रतिमा स्थापित नहीं कराई जा सकती। बात ग्रामीणों को व उनके नेतृत्वकर्ताओं को बार-बार समझाई गई। उसी क्रम में उन्हें लगातार बातचीत कर बताया गया। रहा सवाल निचले स्तर की लापरवाही का और समय से सूचनाएं न मिलने का तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी जवाबदेह होंगे। उन पर कार्रवाई तय की जाएगी।
दावा | अलीगढ़ में जाटव समाज द्वारा स्थापित की गई डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को पुलिस ने हटा दिया। |
दावेदार | चंद्रशेखर आजाद, जुबेर चौधरी व अन्य |
निष्कर्ष | अलीगढ़ में जाटव समाज ने ग्राम समाज की भूमि पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति लगाई थी। वहीं ग्राम समाज की भूमि पर मंदिर की बाउंड्री भी बनी थी। पुलिस ने आंबेडकर की मूर्ति और मंदिर की बाउंड्री, दोनों को हटाया है। |