मध्य प्रदेश के गुना में आदिवासियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। अखबार की एक कटिंग शेयर कर दावा किया जा रहा है कि करीली गांव में सहरिया आदिवासी परिवार को पेशाब पिलाई गई। साथ ही उनके घर जलाकर खेत की फसल को भी नष्ट कर दिया गया। हालंकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।
ट्राइबल आर्मी ने एक्स पर इस मामले को पोस्ट कर लिखा, ‘मध्यप्रदेश के गुना जिले में सहरिया आदिवासियों के साथ हुई बर्बरता ने भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को बेनकाब कर दिया है। आदिवासी परिवारों की झोपड़ियों को ट्रैक्टर से रौंदना, उन्हें बांधकर पीटना और पेशाब पिलाने जैसी अमानवीय घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाती हैं, बल्कि मानवता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं। इन घटनाओं पर सरकार की चुप्पी और जिम्मेदार नेताओं की निष्क्रियता बेहद शर्मनाक है। यह घटना स्पष्ट करती है कि आदिवासी समुदायों के अधिकार और सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं हैं। हम सहरिया समुदाय के साथ हुए अन्याय के खिलाफ खड़े हैं और उनके लिए न्याय की मांग करते हैं।’
सुनील अस्तय ने लिखा, ‘मध्यप्रदेश के गुना में आदिवासी सहारिया परिवारों पर बर्बरता की हदें पार! दबंग पूर्व सरपंच उदयभान यादव द्वारा जमीन छीनने का विरोध करने पर जानलेवा हमला, महिलाओं के साथ अमानवीय कृत्य कर पेशाब की गई ,घर जलाना और फसल नष्ट करना बेहद शर्मनाक है।’
डॉ. विक्रांत बहुरिया ने लिखा, ‘गुना के करीली गांव में सहरिया आदिवासी परिवार पर हुए क्रूर हमले ने मानवता को शर्मसार कर दिया। ट्रैक्टर से घर तोड़ा, पेशाब पिलाई , और फसल उजाड़ी गई। पुलिस ने भीड़तंत्र के सामने घुटने टेक दिए। भाजपा सरकार में मध्यप्रदेश का आदिवासी सुरक्षित नहीं बच।’
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दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें नई दुनिया की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक गुना जिले के सिरसी थाना क्षेत्र के ग्राम करीली में रहने वाली प्रेमबाई पत्नी हरिसिंह सहरिया का आरोप है कि 4 जनवरी की रात गांव के पूर्व सरपंच, उसके दो बेटे और 15-20 रिश्तेदार दो ट्रैक्टरों से आए। उन्होंने ट्रैक्टरों से हमारी 10 बीघा गेहूं की फसल को उजाड़ दिया। झोपड़ी पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। बिजली करंट से हमें मारने के लिए डीपी के पास ले गए। परिवार का आरोप है कि इसके बाद एक दबंग ने हमारे मुंह पर कथित पेशाब की।
वहीं सिरसी थाना प्रभारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि पेशाब पिलाने जैसा कुछ मामला नहीं है, मारपीट हुई है। प्रकरण दर्ज कर रहे हैं। एक पक्ष के ज्ञानी सिंह सहरिया और दूसरे पक्ष के इंद्र भान सिंह यादव की शिकायत पर दोनों तरफ से प्रकरण दर्ज किया है। दोनों के बीच जमीन का विवाद है। इंद्रभान करके की महू का निवासी है उसकी जमीन पट्टे की पिता के नाम की बरखेड़ा में है। रात में 2 बजे दोनों पक्ष में झगड़ा होने के बाद कार्रवाई की है। ट्रैक्टर से फसल उजाड़ने की बात सामने आई है।
वहीं पड़ताल में आगे हमें 7 जनवरी को प्रकाशित दैनिक भास्कर के अखबार में प्रकाशित इस मामले की एक खबर मिली। खबर के मुताबिक सहरिया परिवार द्वारा डीपी से बांधकर करंट लगाने का प्रयास करने और पेशाब पिलाने के आरोप के बाद सोमवार को कलेक्टर और एसपी खुद मौके पर जांच करने के लिए पहुंचे।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सहरिया परिवार के डीपी से बांधने और पेशाब पिलाने के आरोप बेबुनियाद हैं। दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ है जिसमें दोनों ओर से मारपीट की गई है और क्रॉस में दोनों पर प्रकरण दर्ज हुआ है। विवाद में इंद्रभान यादव ही गंभीर घायल हुआ था जिसके सिर में कुल्हाड़ी लगी थी। वहीं मेडिकल जांच में फरियादी हरि सहरिया के पक्ष के लोगों को कोई गंभीर चोट नहीं निकली है।
दावा | मध्य प्रदेश के गुना में सहरिया आदिवासी परिवार को पेशाब पिलाई गई। |
दावेदार | ट्राइबल आर्मी, सुनील व अन्य |
निष्कर्ष | मध्य प्रदेश के गुना में आदिवासी परिवार को पेशाब पिलाने का दावा झूठा है। दोनों पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर झगड़ा हुआ है जिसमें दोनों ओर से मारपीट की गई है और क्रॉस में दोनों पर प्रकरण दर्ज हुआ है। |
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