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पुलिस द्वारा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज का वीडियो 10 साल पुराना है

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में पुलिस शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज कर रही है। सोशल मीडिया पर लोग इसे हाल ही का बताकर शेयर कर रहे हैं और शंकराचार्य पर लाठीचार्ज की निंदा कर रहे हैं। हालांकि पड़ताल में यह वीडियो पुराना निकला।

आप कार्यकर्ता राम गुप्ता ने लिखा, ‘सत्ता के नशे में चूर भाजपा अब देश के सर्वोच्च धर्माचार्य पूज्य शंकराचार्य पर लाठियाँ चलवाकर साबित कर चुकी है कि इनका हिंदुत्व सिर्फ सत्ता की कुर्सी तक सीमित है। इस वीडियो को देखने के बाद उम्मीद है देशवासियों की आँखें अवश्य खुलेंगी।’

रितेश सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘सनातन धर्म का ध्वज लिए शंकराचार्य जी पर इस कदर लाठीचार्ज। घोर निन्दनीये कर्म है ये। हिन्दू रक्षा के नाम पर राजनीति करनेवालों के मुँह में दही जम गया है क्या।’

दलबीर सिंह रंधावा ने लिखा, ‘अमृतकाल में सनातन का प्रचार शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज )कहाँ हैं हिन्दू रक्षा के नाम पर खून खराबा करने वाले’

वहीं हर्ष गोयल ने लिखा, ‘अमृतकाल में सनातन का प्रचार शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज ) कहाँ हैं हिन्दू रक्षा के नाम पर खून खराबा करने वाले’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने मामले से सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान पुलिस द्वारा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज का वीडियो हमें 23 सितंबर 2015 को First India News के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। जिसमें इस वीडियो को वाराणसी का बताया गया है।

Source: Youtube

पड़ताल में आगे हमें 12 अप्रैल 2021 को प्रकाशित दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक, यह मामला वाराणसी जिले में वर्ष 2015 का है तब उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के शासनकाल में प्रशासन ने संतों को गंगा में गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं करने दिया था। इससे नाराज संत और बटुक श्रीविद्यामठ प्रमुख स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद के साथ गंगा तट पर ही धरने पर बैठ गए। संतों को हटाने के लिए पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया। इसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत कई संतों को चोट आई थी। वहीं इस घटना के छह साल बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वाराणसी में हुए लाठीचार्ज के लिए संतों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि ‘जो गलती हुई थी, उसे स्वीकार करते हुए मैंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से क्षमा मांगी है।

दावाशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
दावेदाररितेश सिंह, दलबीर सिंह रंधावा व अन्य
निष्कर्षशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज का वीडियो साल 2015 का है। तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी। प्रशासन ने गणेश प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दी थी जिसका विरोध करने पर पुलिस ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज किया था।

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