सोशल मीडिया पर बोलता हिंदुस्तान का ग्राफिक इमेज शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है, मुझे उसका नाम बदलने का पूरा अधिकार है। इस ग्राफिक के जरिए भारत सरकार की आलोचना की जा रही है। हालांकि हमारी जांच में पाया गया कि चीन का यह बयान पुराना है। साथ ही भारत इसका जवाब भी दे चुका है।
कविश अज़ीज़ ने लिखा, ‘कोई बात नहीं वक़्फ़ बिल पारित करके सरकार ने चीन से बदला ले लिया है. जितना चीन ने कब्ज़ा किया है उतना सरकार वक्फ बोर्ड से वसूल रही है , बात बराबर हो गयी.’
कोई बात नहीं वक़्फ़ बिल पारित करके सरकार ने चीन से बदला ले लिया है
— Kavish Aziz (@azizkavish) April 5, 2025
जितना चीन ने कब्ज़ा किया है उतना सरकार वक्फ बोर्ड से वसूल रही है , बात बराबर हो गयी pic.twitter.com/LAr4EbgfB6
तनमोय ने लिखा, ‘अब अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए वीज़ा की ज़रूरत पड़ेगी. हमारे मोदी जी ने जरूर कुछ सोच-समझकर अरुणाचल प्रदेश चीन को दिया होगा।’
Oh, So From Now On, A Visa Will Be Required To Go To Arunachal Pradesh.
— তন্ময় l T͞anmoy l (@tanmoyofc) April 5, 2025
Humre Moti Ji Kuch Soch Samajh Ke AP China Ko Dia Hoga#ArunachalPradesh #TrumpTariffs #CSKvDC #WaqfBillAmendment pic.twitter.com/hToQVWsBG8
प्रियामवादा ने लिखा, ‘अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है और हमें उस क्षेत्र का नाम बदलने का पूरा अधिकार है।” – चीन का विदेश मंत्रालय।अब बारी आपकी है, 56 इंच!’
Breaking
— Priyamwada (@PriaINC) April 5, 2025
Arunachal Pradesh is a part of China and we have the right to change the name of the region. – External affairs ministry of China.
Over to you 56 inch !! pic.twitter.com/UIOtCYmHj1
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फैक्ट चेक
पड़ताल में हमने देखा कि यह पोस्टकार्ड ‘बोलता हिंदुस्तान’ का है। जांच के दौरान हमें यह पोस्टकार्ड ‘बोलता हिंदुस्तान’ के एक्स हैंडल पर मिला, इसे 5 अप्रैल 2023 को पोस्ट किया गया था।
"अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है, नाम बदलने का पूरा हक़ है."
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) April 5, 2023
चीन के विदेश मंत्रालय का बयान pic.twitter.com/Axs7VVYsXd
इसके बाद हमें दैनिक भास्कर की 4 अप्रैल 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदल दिए हैं। यह पिछले पांच वर्षों में तीसरी बार है जब चीन ने ऐसा किया है। इससे पहले 2021 में 15 और 2017 में 6 स्थानों के नाम बदले गए थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की इस हरकत से नाम नहीं बदल जाएंगे। अगर किसी देश को, किसी जगह का नाम बदलना है तो उसे UN ग्लोबल जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट को पहले से जानकारी देनी होती है। इसके बाद UN के जियोग्राफिक एक्सपर्ट उस इलाके का दौरा करते हैं। इस दौरान प्रस्तावित नाम की जांच की जाती है। स्थानीय लोगों से बातचीत की जाती है। तथ्य सही होने पर नाम बदलने को मंजूरी दी जाती है और इसे रिकॉर्ड में शामिल किया जाता है।
चीन की इस विस्तारवादी नीति पर भारत के विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश न केवल भारत का हिस्सा रहा है, बल्कि हमेशा रहेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की कोशिश की है। हम इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और मनगढ़ंत नामों से इस सच्चाई को बदला नहीं जा सकता।’
दावा | चीन ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है और उसके नाम बदलने का अधिकार सिर्फ चीन को है। |
दावेदार | सोशल मीडिया यूज़र्स |
फैक्ट चेक | वायरल ग्राफिक वर्ष 2023 की है। चीन की इस विस्तारवादी नीति पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा है कि अरुणाचल प्रदेश न केवल भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है, बल्कि हमेशा रहेगा। |