सोशल मीडिया पर एक लड़के के शव की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह शव संभल का है, जहां बीते रविवार को उग्रवादियों ने पुलिस प्रशासन पर पथराव किया था। इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि यह मुस्लिम लड़का पुलिस की फायरिंग में मारा गया। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा पूरी तरह से गलत साबित हुआ है।
उवेद मुअज्जम ने लिखा, ‘लोगों का सपना होता है हसी ख़ुशी शहीद होनाz भाई ने तो अपनी जान मस्जिद के लिए दे दी। ये चहरे का नूर और ख़ुशी बता रही है कि भाई की शहादत क़ुबूल हुई। अल्लाह जन्नत में आला से आला मुकाम अता फ़रमाए , आमीन‘
नेहा सैफी ने लिखा, ‘लोगों का सपना होता है हसी ख़ुशी शहीद होना भाई ने तो अपनी जान मस्जिद के लिए दे दी। ये चहरे का नूर और ख़ुशी बता रही है कि भाई की शहादत क़ुबूल हुई। अल्लाह जन्नत में आला से आला मुकाम अता फ़रमाए , आमीन‘
इस दावे को अब्दुस सलाम, आदिल शेख अब्बास, और फेसबुक पर वसीम खान व काशिफ जमाल खान द्वारा भी साझा किया गया है।
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वायरल दावे की पड़ताल के लिए तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया गया। इस जांच के दौरान हमें इंस्टाग्राम पर pullup4success द्वारा साझा की गई 20 अक्टूबर की एक तस्वीर मिली। तस्वीर के कैप्शन में लिखा था, ‘सुभानअल्लाह, मृत्यु के बाद भी एक शांत मुस्कान। वाह। हां, वह एक शहीद थे, जिन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से मारा गया। उन्हें उनकी दफनाने की प्रक्रिया के दौरान इस हालत में पाया गया! जब उनके चेहरे से कफन धीरे से हटाया गया, तो वहां डर या पीड़ा का कोई निशान नहीं था—सिर्फ एक शांत मुस्कान, जिसने वहां मौजूद सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।’
इसके बाद हमे ‘Kurram Valley’ नाम के फेसबुक पेज के एक पोस्ट में मिली। 13 अक्टूबर के इस पोस्ट में पांच अन्य शवों की तस्वीरें हैं। इन्हीं में से एक वायरल फोटो की मूल तस्वीर है। इस तस्वीर में मृतक युवक के चेहरे पर मुस्कान नहीं है। इससे यह प्रतीत होता है कि मुस्कान वाली तस्वीर एडिटेड है।
इस पोस्ट के साथ बताया गया है कि पाकिस्तान के कुर्रम इलाके में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़प चल रही है। इससे संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जिनके मुताबिक पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम इलाके में 12 अक्टूबर को दो जनजातीय गुटों के बीच हुई गोलीबारी और हिंसक झड़प में 11 लोग मारे गए और आठ लोग घायल हो गए।
इसके बाद हमें दैनिक जागरण की 25 नवंबर 2024 की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में संभल हिंसा में मारे गए चार व्यक्तियों बिलाल, नुमान खां, नईम खां, और मोहम्मद कैफ की तस्वीरें प्रकाशित की गई थीं। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल शव की तस्वीर का संभल हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
दावा | वायरल तस्वीर को संभल हिंसा में मारे गए युवक का बताया जा रहा है। |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | जांच में यह तस्वीर इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध से जुड़ी पाई गई। |
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