सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें अरविंद केजरीवाल, अन्ना हजारे और किरण बेदी, साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह और अन्य भाजपा नेताओं के साथ बैठक करते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दो अलग-अलग गुट हैं। यह भी कहा जा रहा है कि AAP को RSS ने खड़ा किया था, और आप-भाजपा के बीच मतभेद बढ़ने के कारण RSS ने यह बैठक बुलाई थी। हालांकि, हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।
कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत घोषी ने लिखा, ‘RSS ने अचानक बुलाई अपने साथियों की मीटिंग. संगठन के धरो में बड़ते टकराव के कारण बुलानी पड़ी मीटिंग’
RSS ने अचानक बुलाई अपने साथियों की मीटिंग
— Manjeet Ghoshi (@ghoshi_manjeet) February 8, 2025
संगठन के धरो में बड़ते टकराव के कारण बुलानी पड़ी मीटिंग pic.twitter.com/uOiWesV9CW
पत्रकार पंकज चौधरी ने लिखा, ‘आंदोलन के दिनों में भाजपा के नेताओं के साथ रणनीति को अंतिम रूप रेखा देते हुए अरविंद केजरीवाल’
आंदोलन के दिनों में भाजपा के नेताओं के साथ रणनीति को अंतिम रूप रेखा देते हुए अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/sQQqO7BbHO
— PANKAJ CHOUDHARY (@PANCHOBH) February 8, 2025
बोले भारत ने ग्राफिक इमेज शेयर करते हुए लिखा, ‘ऐसे बनी थी आप’
ऐसे बनी थी आप … pic.twitter.com/s8KW5ba5V2
— Bole Bharat (@bole_bharat) February 8, 2025
इसके अलावा इस दावे को दयाशंकर मिश्रा और मुमताज पटेल ने शेयर किया.
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फैक्ट चेक
वायरल तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमने फोटो का रिवर्स इमेज सर्च किया जिसके बाद हमें इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित 1 जुलाई 2011 का रिपोर्ट मिला। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सिविल सोसाइटी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें लोकपाल बिल के उनके मसौदे पर चर्चा की गई। बैठक के बाद हजारे ने कहा कि उनकी टीम और भाजपा के बीच एक प्रभावी और मजबूत लोकपाल के गठन को लेकर सहमति बन गई है। यह बैठक भाजपा मुख्यालय में करीब डेढ़ घंटे तक चली। हजारे ने इसे सार्थक और सकारात्मक करार दिया। इस बैठक में उनके साथ अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी भी मौजूद थे।
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रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘भाजपा की ओर से इस चर्चा में लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, वेंकैया नायडू, एस एस अहलूवालिया, अनंत कुमार, रामलाल और रविशंकर प्रसाद शामिल थे। विपक्ष (BJP) की मुख्य चिंता यह थी कि लोकपाल के तहत नियुक्त व्यक्तियों की छवि साफ-सुथरी होनी चाहिए। भाजपा ने संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत सांसदों को मिलने वाली संवैधानिक छूट को लेकर भी सवाल उठाए।’
2011 में बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ‘अन्ना हज़ारे के सहयोगियों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ बैठक के बाद कहा है कि भाजपा जन लोकपाल बिल का समर्थन करती है बैठक के बाद अन्ना हज़ारे के सहयोगि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा को जन लोकपाल के बारे में जो सशंय थे उन्हें लगभग दूर कर दिया गया है।’, नितिन गडकरी और अरुण जेटली ने भी अन्ना हज़ारे की टीम के साथ हुई बैठक को सकारात्मक बताया।
दावा | आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) RSS के दो गुट हैं, इसलिए उनके बीच बैठक हो रही है। |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | वायरल तस्वीर जुलाई 2011 की है। उस समय लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने तत्कालीन विपक्षी दल भाजपा के नेताओं से मुलाकात की थी। इस तस्वीर का AAP और BJP के RSS से जुड़े होने से कोई संबंध नहीं है। |