सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक भीड़ जनाजे को लेकर जाती दिखाई दे रही है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इजराइली सेना ने एक फिलिस्तीनी शहीद का शव भेजा था, जिसके अंदर बम लगाया गया था। दावा किया गया है कि वह बम जनाज़े में शामिल भीड़ के बीच फट गया, जिससे कई लोग मारे गए। हालांकि, हमारी जांच में यह दावा गलत पाया गया।
तनवीर रंगरेज ने लिखा, ‘इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए। दुनिया के इतिहास में इतना बड़ा आतंकवादी नहीं देखा होगा जो इतनी घिंघोनी हरकत कर सकता है.’
*इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए।*
— TANVIR RANGREZ (@virjust18) October 13, 2024
*दुनिया के इतिहास में इतना बड़ा आतंकवादी नहीं देखा होगा जो इतनी घिंघोनी हरकत कर सकता है #IsraelTerroristState#Lebanon #deprem #Garime pic.twitter.com/9N4Omt8NNF
अरसलान ने लिखा, ‘देख लो इजराइल का समर्थन करने वालो. इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए. क्या तुम अभी भी ऐसे आतंकवादियों का समर्थन करोगे ? जो मासूम नागरिकों को इस तरह मारे’
देख लो इजराइल का समर्थन करने वालो
— Arslan (@_arslanX) October 13, 2024
इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा
इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए
क्या तुम अभी भी ऐसे आतंकवादियों का समर्थन करोगे ?
जो मासूम नागरिकों को इस तरह मारेpic.twitter.com/FOKwMK4A4x
मुसलेउद्दीन ने लिखा, ‘ इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए। दुनिया के इतिहास में इतना क्रूर और क्रूर व्यक्ति किसी ने नहीं देखा. अल्लाहू अक़बर’
इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए।
— musleuddin 💝100% follow back (@Musleuddin17) October 1, 2024
दुनिया के इतिहास में इतना क्रूर और क्रूर व्यक्ति किसी ने नहीं देखा 😭😭
अल्लाहू अक़बर#LebanonUnderAttack pic.twitter.com/oRTKQiOZR0
दुर्गादास भैया ने लिखा, ‘हम जिसको सोच भी नहीं सकते, इजरायल उसको अंजाम दे रहा है। पेजर बॉम्ब तो आपने सुना ही होगा… यहां है “लाश बॉम्ब”, कमजोर दिल वाले दूर रहें। इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए।’
ॐ शांति शांति शांति🙏🙏
— 𝘋𝘶𝘳𝘨𝘢𝘥𝘢𝘴 𝘉𝘩𝘢𝘪𝘺𝘢🇮🇳 (@ddbhaiya) October 14, 2024
हम जिसको सोच भी नहीं सकते, इजरायल उसको अंजाम दे रहा है। पेजर बॉम्ब तो आपने सुना ही होगा… यहां है "लाश बॉम्ब", कमजोर दिल वाले दूर रहें।
इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा
इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे… pic.twitter.com/BAyMq2DIih
विनीत ने लिखा, ‘इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए।’
इज़राइल ने एक फ़िलिस्तीनी शहीद का शव भेजा, इस शव के अंदर एक बम लगाया गया था, और वह जनाज़े से भरी भीड़ में फट गया, जिससे कई लोग मारे गए।*#IsraelTerroristState pic.twitter.com/G2UtrnNM0c
— VINIT ( यदुवंश ) (@VinitYaduvnsh) October 14, 2024
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो के की फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके बाद हमें एनबीसी न्यूज़ की 2 जुलाई 2012 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सीरिया की राजधानी दमिश्क की है।
आगे की पड़ताल में हमें सीएनएन द्वारा 1 जुलाई 2012 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, यह जनाजा सीरियाई क्रांतिकारी अब्दुल हादी हलाबी का था, जिसकी हत्या कर दी गई थी। लोग अब्दुल हादी हलाबी को दफनाने के लिए ले जा रहे थे। वहीं इस दौरान वहां खड़ी एक कार में बम धमाका होता है जिसमें 85 लोग मारे जाते हैं और 300 से अधिक लोग घायल होते हैं। ये धमाका करने का आरोप सीरियन सरकार पर ही लगा था।
गौरतलब है कि 2011 में ट्यूनीशिया से शुरू हुआ अरब स्प्रिंग 2012 तक सीरिया में बड़े पैमाने पर फैल चुका था, जिसमें स्थानीय लोग और विपक्षी दल राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
दावा | इजराइली सेना ने फिलिस्तीनी के शव में बम लगाकर भेजा था, जिससे जनाजे में कई लोगों की मौत हो गई। |
दावेदार | तनवीर, अरसलान और अन्य |
निष्कर्ष | वायरल वीडियो 2012 में सीरिया की है। |