सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सुरक्षाकर्मी बौद्ध भिक्षुओं पर बल प्रयोग कर उन्हें हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि बिहार के बोधगया में चल रहे महाबोधि मुक्ति आंदोलन के दौरान बिहार पुलिस ने बौद्ध भिक्षुओं पर बल प्रयोग कर अमानवीय व्यवहार किया। हालांकि हमारी जांच में यह दावा गलत पाया गया है।
अतुल खोड़ावल ने लिखा, ‘महाबोधि मुक्ति आंदोलन में शांतिपूर्ण ढंग से बौद्ध भिक्षु प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन का रवैया निंदनीय है. ये किसी मंदिर के पुजारी नहीं है जिन्हें पुलिस लात मार रहीं है ये तथागत बुद्ध के अनुयायि है अगर ये चुप है तो बुद्ध है। और अगर युद्ध की जरूरत पड़ी तो ये सम्राट अशोक है.’
इसके अलावा यह दावा निशु आजाद, अरुण कुशवाहा, गौतम अम्बेडकर, प्रीतम, सुरेन्द्र सिंह ने भी किया है
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इस दावे की सत्यता जांचने के लिए हमने वीडियो का की-फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। जांच के दौरान हमें Laligurash Media Network द्वारा 8 अप्रैल 2024 को प्रकाशित एक फेसबुक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार वीडियो नेपाल का है, जहां बौद्ध भिक्षुओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान नेपाल पुलिस ने बल प्रयोग किया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि घटना के बाद संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आगे पड़ताल में हमें Khabardabali मीडिया की रिपोर्ट भी मिली। इसके अनुसार काठमांडू पुलिस मुख्यालय ने बौद्ध भिक्षुओं पर बल प्रयोग करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया है। रिपोर्ट में बताया गया कि भद्रकाली में राष्ट्रीय क्रांति आंदोलन के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने प्रदर्शन कर रहे बौद्ध भिक्षुओं पर बल प्रयोग किया था, जिसके चलते उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जो भिक्षु केवल शांतिपूर्वक पैदल चल रहे थे, उन पर कोई बल प्रयोग नहीं किया गया। पुलिस का कहना है कि उन्होंने केवल उन प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया जो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे। काठमांडू पुलिस के एसपी नवराज अधिकारी ने भी पुष्टि की कि शांतिपूर्वक चल रहे भिक्षुओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि प्रदर्शन कर रहे भिक्षुओं के खिलाफ बल प्रयोग किया गया।
दावा | बिहार में महाबोधि मुक्ति आंदोलन के दौरान बिहार पुलिस ने बौद्ध भिक्षुओं पर बल प्रयोग किया। |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | यह घटना नेपाल की है। अप्रैल 2024 में नेपाल में बौद्ध भिक्षुओं ने प्रदर्शन किया था, जिसके दौरान नेपाल पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था। |
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