मध्य प्रदेश: दूकान में रखा सामन छूने पर दलित बच्चे की पिटाई की घटना में जातिगत एंगल नहीं है
मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। लोग दावा कर रहे हैं कि लवकुशनगर थाना क्षेत्र के ग्राम बेड़ी में एक 12 साल के दलित लड़के अंशु अहिरवार ने गांव में रामा शुक्ला की दुकान पर रखा सामान छू लिया तो दुकानदार ने बच्चे को जाति सूचक शब्द कहते हुए मारपीट की। जातिगत अपमान के बाद अंशु ने घर आकर आत्महत्या कर ली।
रामेश्वर धनगर ने एक्स पर इस मामले को शेयर कर लिखा, ‘छतरपुर में दलित बच्चे की हत्या – जातिवादी नफरत कब रुकेगी? मध्यप्रदेश, छतरपुर, लवकुशनगर, ग्राम बेड़ी – 12 साल के दलित बच्चे अंशु अहिरवार ने दुकान पर रखा सामान छू लिया, तो दुकानदार रामा शुक्ला ने जातिसूचक गालियां दीं और बेरहमी से पीटा। कुछ ही देर बाद अंशु फांसी पर लटका मिला! परिवार का आरोप – यह आत्महत्या नहीं, हत्या है! बच्चे के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान, लेकिन पुलिस लीपापोती में जुटी! SC/ST एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी क्यों नहीं? क्या दोषी खुलेआम घूम रहा हैं? क्या किसी राजनीतिक या सामाजिक संगठन ने इस मुद्दे को उठाया?’
उमा शंकर पटेल ने लिखा, ‘मध्यप्रदेश छतरपुर लवकुश नगर थाना क्षेत्र बेड़ी गांव में कक्षा आठ में पढ़ने वाला 13 साल का अंशु अहिरवार छुआछूत का शिकार हुआ बच्चे ने डर से फांसी लगाई। अंशु गांव के किराना की दुकान पर सामान लेने के लिए गया हुआ था जहां पर उसने किराना सामान को छू लिया तो किराना मालिक राम शुक्ला ने अंशु के साथ में बेरहमी से मारपीट कर दी, दुकान से जब अंशु घर जाते समय रास्ते में चाचा मिला तो चाचा को बताया तो चाचा राम शुक्ला की दुकान पर पहुंचा जब चाचा ने शुक्ला से पूछा की बच्चे को क्यों मार दिया तो राम शुक्ला चाचा को भी धमकी देने लगा और कहने लगा कि तुम्हें भी मारूंगा और तुम्हारे बच्चे को भी मारूंगा जो करना हो कर लेना। बच्चे ने डर के कारण कि और मारेंगे तो बच्चे ने फांसी लगा ली, मौत।’
कुलदीप धावानी ने लिखा, ‘हिंदू राष्ट्र की एक और नई सौगात! मध्यप्रदेश के छतरपुर के बेड़ी गांव में 13वर्षीय दलित छात्र अंशु अहिरवार ने जातिगत अपमान के बाद आत्महत्या कर ली ,दुकान का समान छूने मात्र पर दुकानदार राम शुक्ला ने जातिसूचक गालियां दीं।’
वहीं भीम सेना और एससी महासभा ने भी इसी दावे के साथ मामले को एक्स पर शेयर किया है।
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दावे की पड़ताल में हमने सबसे पहले छतरपुर के बेड़ी गांव की प्रधान उर्मिला सिंह से संपर्क किया। हालाँकि हमारी बात उर्मिला सिंह के पति लाल सिंह से हुई। लाल सिंह ने बताया कि अंशु अपने पड़ोस में रामा शुक्ला की दुकान पर कुछ खरीदने गया था। इस दौरान उसने रुपयों के बैग में हाथ डाला था। तब रामा शुक्ला की पत्नी दुकान पर थी, उन्होंने उसे देख लिया और हाथ पकड़कर डांट-फटकार दिया था। इसके बाद वो क्रिकेट खेलने चला गया। बाद में उसने घर पर आकर आत्महत्या कर ली।
इसके बाद हमारी बातचीत छतरपुर जनपद के लबकुशनगर थाना के एसआई आशीष सिंह से हुई। आशीष सिंह ने बताया कि इस घटना में छुआछूत की कोई बात नहीं है। अंशु ने एक दुकान एक बैग में हाथ डाल दिया था इसी दौरान दुकानदार ने डांट या थप्पड़ मार दिया और उसे पिता से शिकायत कहकर भगा दिया था। इस घटना के बाद वो गांव में कई बच्चों के साथ क्रिकेट भी खेलने गया था। इस दौरान उसके पैर में गेंद भी लग गयी थी, डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है। करीबन डेढ़-दो घंटे बाद उसने घर में जाकर आत्महत्या की है।
पड़ताल में आगे हमें घटना के तुरंत बाद अंशु के पिता किशोर अहिरवार का वीडियो मिला। वीडियो में किशोर अहिरवार ने बताया कि मेरा बेटा अंशु रामा शुक्ला की दूकान पर गया था। वहां उसने कुछ सामान ले लिया, जिसके बाद उन्होंने अंशु को मार दिया। इसके बाद अंशु घर आया और अंदर से दरवाजा बंद कर आत्महत्या कर ली। उस समय हम सब खेत में फसल की कटाई के लिए गए थे। वापस आकर जब दरवाजा खोला तो अंशु फंदे पर लटका मिला। वीडियो में किशोर अहिरवार ने वीडियो में यह भी बताया कि रमा शुक्ला ने मुझे खुद बताया कि उसने अंशु को दूकान से सामान चुराने की वजह से दो-चार थप्पड़ मारा था।
इसके बाद हमे किशोर अहिरवार से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अंशु दुकान पर सामान लेने गया था, उसने वहां कुछ सामान छू लिया तो रामा शुक्ला ने उसको पीटा। छुआछूत की वजह से ही उसके साथ मारपीट की गयी। इसके बाद हमने किशोर अहिरवार से पूछा कि क्या इससे पहले भी वो रामा शुक्ला की दुकान पर सामना खरीदने जाता था? जवाब में किशोर अहिरवार ने बताया कि हाँ वो जाता रहता था, इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुई।
अपनी पड़ताल के अंत में हमने किशोर अहिरवार के पड़ोसी रामबाबू विश्वकर्मा से भी सम्पर्क किया। इस घटना के सम्बन्ध में रामबाबू ने बताया कि दुकान पर विवाद के सम्बन्ध में मुझे जानकारी नहीं है, उस वक्त मैं खेत पर था। जब मैं खेत से वापस आया तो अंशु का छोटा भाई और उसकी बहन कमरे का दरवाजा खोलने को कह रहे थे लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। बाद में उसका शव लटका हुआ मिला। रामबाबू ने बताया कि रामा शुक्ला की दुकान पर तो सभी जाति-वर्ग के लोग सामान खरीदने जाते हैं, इससे पहले कभी छुआछूत की बात सामने नहीं आई।
दावा | मध्य प्रदेश के छतरपुर में जातिगत उत्पीड़न और मारपीट से आहत होकर 13 वर्षीय दलित अंशु अहिरवार ने आत्महत्या कर ली। |
दावेदार | भीम सेना, उमा शंकर, एससी महासभा व अन्य |
निष्कर्ष | मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुई इस घटना में जातिगत एंगल नहीं है। बच्चे ने दूकान में चोरी की थी, जिसकी शिकायत उसके पिता से होने के डर उसने आत्महत्या कर ली। |
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