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मथुरा में दलित की बारात में मारपीट की घटना में जातिगत एंगल नहीं है

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उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक दलित समाज के युवक की बारात में मारपीट का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस घटना को जातिवाद के एंगल के साथ शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मथुरा के बाटी गांव में दलित की बारात पर ठाकुरों ने हमला किया और दूल्हे व बारात के साथ मार पिटाई की गई। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।

भीम आर्मी चीफ और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में दलित होना अपराध बन चुका है! मथुरा के थाना जैत के बाटी गांव में दलित समाज की बारात पर हमला, बारातियों की बेरहमी से पिटाई, आगजनी— यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि जातिवादी आतंकवाद का खुला प्रदर्शन और सरकार की नाकामी का जिंदा सबूत है। हर दिन यूपी में दलितों पर हमले हो रहे हैं। क्यों? क्योंकि योगी सरकार जातिवादी गुंडों की संरक्षक बनी हुई है! हाथरस हो, उन्नाव हो, लखीमपुर हो, मेरठ या अब मथुरा—हर जगह दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं और अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।’

प्रियांशु कुमार ने लिखा, ‘ठीक अभी खबर मिल रही है कि मथुरा के थाना जैत के बाटी गांव में ठाकुर समाज द्वारा दलित समुदाय की बारात को पीटा गया है और आगजनी की गयी है। भीम आर्मी मथुरा की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।।’

दलित टाइम्स ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश: मथुरा में फिर रोकी गयी दलित दुल्हे की बारात, ठाकुरों ने बारातियों के साथ जमकर की मारपीट,आगजनी भी की, घटना मथुरा के थाना जैत के बाटी गांव की है’

वहीं कमल सिंह वालिया ने लिखा, ‘भाजपा सरकार में गुंडागर्दी चरम सीमा पर जनपद मथुरा की विधानसभा मथुरा के गांव बाटी में थाना क्षेत्र जतिया में दबंगों ने दलित समाज की बारात को वापस लौटाया ओर दूल्हे व बारात के साथ मार पिटाई की प्रतिदिन दलित समाज पर अत्याचार बिल्कुल असहनीय है इन घटनाओं के जिम्मेदार बीजेपी सरकार है बीजेपी सरकार का पूरी तरह शासन व प्रशासन निष्क्रिय दिखाई दे रहा है’

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फैक्ट चेक

पड़ताल में संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक, मथुरा में छटीकरा में जैंत क्षेत्र के गांव बाटी में राजस्थान से आयी दलित की बारात में शराब पीने का विरोध करने को लेकर विवाद हो गया। जानकारी के मुताबिक 3 मार्च को हरिशचंद्र अपने बेटे की बारात गांव बाटी लेकर आये थे। शादी गांव स्थित मैरिज होम से हो रही थी। रात करीब दस बजे बरात चढ़ रही थी, तभी पीछे से आये ऑटो सवार बराती शराबी पी रहे थे। ये लोग आपसी बातचीत में भद्दी-भद्दी गाली-गलौज करने लगे। इस पर पास ही मकान वाले सुखवीर सिंह ने विरोध करते हुए उनसे गाली-गलौज न करने की कहते हुए कहा कि आप लोग यहां से आगे जाओ। इसी बात को लेकर दोनों ओर से कहा-सुनी होने लगी।

इस दौरान सुखवीर के भतीजे ओमप्रकाश घर आया तो बरातियों ने भतीजे के सिर पर बोतल मार दी, इससे उसका सिर फट गया। इसकी जानकारी होने पर मौके पर अफरा तफरी मच गयी तो आक्रोश भड़क गया। इसकी सूचना सुखवीर ने पुलिस को सूचना दी तो दूसरी ओर आक्रोशित कार सवार गांव के युवकों ने बारात निकलने वाले रास्ते में कंडा, घास-फूंस रख कर आग जला दी। इसकी जानकारी होने पर बराती-घरातियों में हड़कंप मच गया। दुल्हन के चाचा गजाधर सिंह का आरोप है कि झगड़े के बाद बरात निकलते समय कार से आये कुछ युवकों ने बरात के आगे सड़क पर घास व कंडे जला दिये थे। लोगों ने कार चालक को पकड़ पुलिस के सुपुर्द कर दिया था, बाद में जानकारी कर छोड़ दिया गया।

पड़ताल में आगे हमने बाटी गांव के प्रधान संजय धनगर से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि पूरा विवाद शराब के नशे में हुआ। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। बारात रोकने और दुल्हे को पीटने जैसी कोई घटना नहीं हुई।

वहीं मथुरा पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर मामले का खंडन किया है। पुलिस ने बताया कि मथुरा के बाटी गांव में दलित समाज की बारात पर जातिवादियों द्वारा हमला करने की खबर असत्य व निराधार है। दरअसल राजस्थान से मथुरा के ग्राम बाटी में आई बारत में कुछ बाराती ऑटो में बैठकर शराब पे रहे थे और शराब की खाली बोतल गांव वालों के घरों पर फेंक रहे थे। इसी बात को लेकर गांव वालों और बारातियों में झगड़ा हुआ। दुल्हे की पिटाई और आगजनी की बात गलत है, न ही बारात को रोका गया।

दावा मथुरा में दलित की बारात पर ठाकुरों ने हमला किया और दूल्हे व बारात के साथ मार पिटाई की गई।
दावेदार चंद्रशेखर आजाद, प्रियांशु कुमार व अन्य
निष्कर्ष मथुरा में दलित की बारात में हुई मारपीट की घटना में कोई जातिगत एंगल नहीं है।  बरात में शामिल कुछ युवकों द्वारा ओटो में आकर एक जगह शराब पी रहे थे, इसका गांव के व्यक्ति द्वारा विरोध करने पर विवाद हुआ था।

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