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सुल्तानपुर में सूरज शुक्ला की हत्या में जातिगत एंगल नहीं है

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बीते कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर जातिवादी मानसिकता वाले यूजर्स की सक्रियता बढ़ती जा रही है। ये यूजर्स हर घटना को जातिगत एंगल देकर भ्रामक खबरें साझा कर रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी सूरज शुक्ला की सुल्तानपुर में हत्या जातिगत कारणों से की गई। इस दावे के साथ उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया कि सरकार की नाकामी के चलते प्रदेश में ब्राह्मणों की जाति के आधार पर हत्याएं हो रही हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ है।

अभिनय ने लिखा, ‘सुल्तानपुर में एक और ब्राह्मण की मौत ने उत्तर प्रदेश की हकीकत को एक बार फिर सामने रखा है। जौनपुर के सूरज शुक्ला, जो एक सामान्य कलेक्शन एजेंट थे, की सड़क के किनारे लाश मिली है। ये घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि हमारे समाज की गहरी समस्या का हिस्सा है।‘

अनुज अग्निहोत्री स्वतंत्र ने लिखा, ‘सुल्तानपुर…हिंदुत्व के हवन में एक और ब्राह्मण की आहूति। जौनपुर निवासी सूरज शुक्ला जो L&T कंपनी कादीपुर में कलेक्शन एजेंट का काम करते थे उनकी सड़क के किनारे आज लाश मिली है! उत्तर प्रदेश में दिन प्रतिदिन बढ़ती ब्राह्मणों की हत्याओं के पीछे सरकार, राजनैतिक दलों और मीडिया के द्वारा भरा गया जहर और नफ़रत ही है? आखिरकार ब्राह्मणों की हत्याएं कैसे रूकेंगी? मेरी सरकार से मांग है….‘

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फैक्ट चेक

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इसके बाद हमें नवभारत टाइम्स में 13 दिसंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तानपुर में पांच दिन पहले एलएनटी कंपनी के एक कलेक्शन एजेंट की हत्या हुई थी। मामले का चौथे दिन पुलिस ने खुलासा किया। पुलिस ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक ई-रिक्शा चालक को गिरफ्तार किया, जिसने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि कलेक्शन एजेंट द्वारा लगातार किश्त के लिए दबाव बनाया जा रहा था। आरोपी पर ₹3650 की किश्त बकाया थी, और इसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके चलते हत्या कर दी गई। हालांकि, घटनास्थल से शव के पास मिले ₹77,000 को आरोपी ने छुआ तक नहीं था, जिससे सवाल उठने लगे हैं।

Source- Navbharat Times

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि दोस्तपुर थाना क्षेत्र के पलिया गोलपुर निवासी प्रीयेश पांडेय उर्फ पिंकू को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हाईस्कूल फेल प्रीयेश पांडेय पेशे से ई-रिक्शा चालक है और उसके तीन बच्चे (दो बेटियां और एक बेटा) हैं। वह सरैया से कादीपुर मार्ग पर रिक्शा चलाता था। करीब 15 महीने पहले उसने एलएनटी कंपनी से ₹68,000 का लोन लिया था, जिसमें ₹3650 की एक किश्त बाकी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह किश्त नहीं चुका पा रहा था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि कलेक्शन एजेंट सूरज शुक्ला, जो जौनपुर के मड़ियाहूं थाना अंतर्गत कुत्तुपुर, छंगापुर का निवासी था, लगातार किश्त के लिए दबाव डाल रहा था और प्रताड़ित कर रहा था। घटना वाले दिन प्रीयेश ने शाम 5 बजे सूरज को फोन कर कहा कि वह आकर पैसे ले जाए। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच प्रीयेश के मोबाइल से सूरज के नंबर पर 22 कॉल किए गए थे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमें सुल्तानपुर पुलिस की आधिकारिक बाइट भी मिली। पुलिस के अनुसार, “दिनांक 9 दिसंबर को दोस्तपुर थाना क्षेत्र में कलेक्शन एजेंट सूरज शुक्ला की हत्या हुई थी। पंचनामा और जांच के बाद पता चला कि हत्या लोहे की रॉड से की गई। घटना के तुरंत बाद हमारी जांच टीम सक्रिय हुई और आरोपी प्रीयेश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल की गई लोहे की रॉड भी बरामद हुई। मृतक कलेक्शन एजेंट किश्त मांगने आरोपी के घर गया था। इसी दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ, जो हत्या की वजह बना।”

दावा सूरज शुक्ला की हत्या का जातिगत कारणों की वजह से हुई है
दावेदारसोशल मीडिया यूजर्स 
निष्कर्षसूरज शुक्ला की हत्या का जातिगत एंगल पूरी तरह भ्रामक है। यह घटना आर्थिक विवाद के चलते हुई थी।

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