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Home धर्म बदायूं में सैनिक के समाधि स्थल बनाने के विरोध में जातिगत एंगल है?
धर्म

बदायूं में सैनिक के समाधि स्थल बनाने के विरोध में जातिगत एंगल है?

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उत्तर प्रदेश के बदायूं में बीते दिनों भारतीय सेना में तैनात राजेश कुमार प्रजापति लंबी बीमारी की वजह से 24 नवंबर 2024 को मौत हो गई थी। वहीं अब लोग दावा कर रहे हैं कि राजेश कुमार प्रजापति के समाधि स्थल का ब्राह्मण समाज के लोग विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले को जातिवाद के दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

अजय प्रजापति ने एक्स पर लिखा, ‘राजेश कुमार #प्रजापति जी के समाधि स्थल व मूर्ति स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं! बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना के निवासी राजेश कुमार #प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उनकी अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। इस समय सभी प्रजापति समाज को साथ आना होगा यह एक समाज एवं पूरे राष्ट्र का मामला है!’

ब्रिजेश कुमार प्रजापति ने लिखा, ‘भारतीय सेना में तैनात रहे अमर शहीद राजेश कुमार #प्रजापति जी के समाधि स्थल व प्रतिमा स्थापना को लेकर #ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं… उत्तर प्रदेश में जातीय भेदभाव चरम पर… क्या प्रजापति हिन्दू नहीं हैं??? बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना, थाना – बिसौली, जिला- बदायू के निवासी राजेश कुमार #प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिनका अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। अमर शहीदों का अपमान नहीं सहेगा देश का नौजवान…’

प्रजापति इंद्र बजरंगी ने लिखा, ‘राजेश कुमार #प्रजापति जी के समाधि स्थल व मूर्ति स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं! बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना के निवासी राजेश कुमार #प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उनकी अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। इस समय सभी प्रजापति समाज को साथ आना होगा यह एक समाज एवं पूरे राष्ट्र का मामला है!’

यह भी पढ़ें: अमेठी में सैनिक के पिता की हत्या का मामला 5 साल पुराना है

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें 25 नवंबर 2024 को प्रकाशित हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के परवेज नगर गांव के रहने वाले सैनिक राजेश कुमार की इलाज के दौरान रविवार को लखनऊ के एम्स अस्पताल में मौत हो गई। गांव के लोगों ने बताया कि राजेश कुमार असम में तैनात थे। राजेश की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां राजेश की रविवार को मौत हो गई।

वहीं 17 जनवरी 2025 को प्रकाशित अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी जमीन पर शहीद सैनिक के प्रेरणा स्थल के निर्माण को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। चूंकि निधन सेवाकाल में ही हुआ तो सैनिक के परिजनों को गांव की आबादी के नजदीक गाटा संख्या 1363 पर मृतक सैनिक को शहीद मानकर प्रेरणा स्थल का निर्माण कराना शुरू कर दिया। इसका गांव के दर्जन भर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे निर्माण कार्य रुक गया। दूसरे पक्ष का कहना है कि गांव के खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। एसडीएम राशि कृष्णा ने बताया कि गाटा संख्या 1363 खलिहान के लिए आरक्षित है। इसलिए उस पर अन्य कोई निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अमर उजाला की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जनवरी 2024 को सैनिक की समाधि बनवाने को लेकर फिर से दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम राशि कृष्णा और तहसीलदार विजय शुक्ला ने दोनों पक्षों की बात सुनी। इसके बाद एसडीएम राशि कृष्णा ने खलियान की जगह पर कोई भी निर्माण नहीं करने की चेतावनी दी।

पड़ताल में आगे हमने परवेज नगर गांव के प्रधान प्रेम सिंह से संपर्क किया। प्रधान ने बताया कि सैनिक राजेश कुमार की इलाज के दौरान निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार गाँव में खलिहान की सरकारी भूमि पर हुआ था। यहाँ एक प्राचीन मंदिर, बारात घर और यज्ञशाला है। राजेश कुमार के परिजन गांव के खलिहान की जमीन पर उसका समाधि स्थल बनान चाहते हैं। इसका दूसरा पक्ष विरोध कर रहा है।

पड़ताल ने आगे हमने गाँव के दुसरे पक्ष अमित शर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि सेना के जवान का अंतिम संस्कार खलिहान की भूमि पर हुआ था। वहां और एक मंदिर और बारात घर भी है, लेकिन यह सार्वजानिक है। जिसका इस्तेमाल गाँव के सभी लोग करते हैं। खलिहान की भूमि सरकारी है इसलिए इसपर समाधी का निर्माण नहीं हो सकता। किसी और स्थान पर समाधि बनाने को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं है।

वहीं बिसौली थाना प्रभारी विशाल प्रताप सिंह ने हमें बताया कि सरकारी जमीन होने की वजह से परिजनों को खलिहान की जमीन पर समाधि बनाने को मना किया गया है। हालंकि किसी अन्य जगह पर समाधि बनाने की मनाही नहीं है। लेकिन परिजन वहीं पर समाधि बनाने की जिद पर अड़े हैं। पड़ताल में आगे हमने तहसीलदार विजय शुक्ला से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि खलिहान की भूमि पर अस्थाई तौर पर यज्ञ होता है। यह जमीन सरकार की सम्पत्ति है। इसे किसी व्यक्ति के नाम नहीं की जा सकती। परिजन दूसरी जगह समाधि स्थल बना सकते हैं। इसके लिए जगह तलाशकर दे दी जाएगी।

दावा बदायूं में शहीद सैनिक राजेश कुमार प्रजापति जी के समाधि स्थल व मूर्ति स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं।
दावेदार अजय प्रजापति, ब्रिजेश कुमार प्रजापति व अन्य
निष्कर्ष शहीद सैनिक के खलिहान की सरकारी जमीन पर समाधि स्थल बनाना चाहते हैं, जिस पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। प्रशासन उन्हें समाधि स्थल बनाने के लिए दूसरी जगह जमीन सौंपने को तैयार है।

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