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झारखंड में शहाबुद्दीन की मौत में सांप्रदायिक एंगल नहीं है

सोशल मीडिया पर झारखंड के कोडरमा में मौलाना शहाबुद्दीन की मौत को लेकर दावा है कि भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला। इस घटना को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया।

कट्टरपंथी मीर फैसल ने लिखा, ‘इमाम को मुस्लिम होने की वजह से मार दिया गया।’

TIND पोस्टिंग ने लिखा, ‘कोडरमा, झारखंड में मॉब लिंचिंग का मामला। मौलाना शहाबुद्दीन का सड़क पर दुर्घटना हो गई, जिसके कारण स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और उन्हें पीट-पीटकर मार डाला।‘

Source-X

सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने लिखा, ‘झारखंड के कोडरमा ज़िले में मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन जी की मॉब लीचिंग कर हत्या करने की घटना दुःखद तो है है साथ ही दंडनीय भी है। अभी इस घटना के विरोध में @AzadSamajParty जमशेदपुर यूनिट द्वारा   प्रदर्शन किया गया है, अगर न्याय नही मिला तो हम पूरे प्रदेश में न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। मैं @JharkhandCMO से मांग करता हूं कि इस लिंचिंग में शामिल दोषियों को सख्त सज़ा दिलाए और मृतक मौलाना शहाबुद्दीन जी के परिजनों को ₹50 लाख मुआवज़ा आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए। एक जुलाई 2024 को ‘Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023’ कानून पूरे देश में लागू हुआ है। @JharkhandCMO कोडरमा मॉब लिंचिंग में जान गंवाने वाले मरहूम मौलाना शहाबुद्दीन के दोषियों के विरुद्ध #BNS की धारा 103 (2) के तहत ही कारवाई करें।‘

इस्लामिस्ट एक्स हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, ‘मौलाना सहाबुद्दीन मस्जिद से नमाज पढ़ाकर एक शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे उसकी दौरान रास्ते मैं उनकी गाड़ी से महिला से टकरा जाती है और क्रिकेट खेल रही हिंदू भीड़ और महिला के साथ मौजूद लोग उन्हें बेट से पीटकर मार डालते है।‘

इस्लामिस्ट एक्स हैंडल मुस्लिम स्पेस ने लिखा, ‘झारखंड: कोडरमा में मौलाना की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या। मौलाना सहाबुद्दीन की बाइक और ऑटो में टक्कर हो गई थी जिसके कारण उनकी बाइक एक महिला से टकरा गई थी। उसके पति महेंद्र यादव ने पास के क्रिकेट मैदान से युवकों को बुलाकर उनकी कथित पिटाई कर दी।‘

फेक न्यूज़ पेडलर सदफ अफरीन ने लिखा, ‘झारखंड के कोडरमा मे मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन साहब की भीड़ द्वारा पीट पीटकर की गई हत्या मामले में आजाद समाज पार्टी ने जमशेदपुर में प्रदर्शन किया! आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मौलाना शहाबुद्दीन साहब की मॉब लिंचिंग पर  दुख जताया और कहा– “इस लिंचिंग में शामिल दोषियों को सख्त सज़ा दिलाएंगे” मृतक मौलाना शहाबुद्दीन जी के परिजनों को ₹50 लाख मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग की!‘

आजम खान पैरोडी ने लिखा, ‘फिलिस्तीन के बाद सबसे ज़्यादा मुसलमानों पर ज़ुल्म हिंदुस्तान में हो रहा हैं , जिसकी वजह से ना जाने कितने प्यारो ने अपनी जाने खो दी। झारखण्ड(कोडरमा): मौलाना शहाबुद्दीन की हिंदुत्व भीड़ ने पीट पीट कर उन्हें ज़ख़्मी कर दिया।‘

AIMIM नेता मोहम्मद शाकिर ने लिखा, ‘कोडरमा :-पिछले दिनों इमाम शहाबुद्दीन जी का भीड़ ने लाठी डंडों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दिया था। आज @AIMIMJamshedpur जिला कमिटी द्वारा मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री @hafizulhasan001 और विधायक @IrfanAnsariMLA का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।‘

इसके अलावा इस दावे को राना आयूब, अनिनदया दास, और शकील यसर ने शेयर किया।

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित कीवर्ड का उपयोग करके गूगल सर्च किया, जिसमें हमें ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित 10 जुलाई की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक जिले के बरकट्ठा में साहेबउद्दीन की मॉब लिंचिंग में मौत नहीं हुई थी बल्कि सड़क हादसे में उसकी जान गई थी। हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय और एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बुधवार को संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का खुलासा किया है।‘

Source- ETV Uttarpradesh

रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘पिछले दिनों संदिग्ध स्थिति में साहेबउद्दीन नामक शख्स का शव पुलिस ने बरामद किया था, जिसे मॉब लिंचिंग की घटना बताया जा रहा था। पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हुआ कि साहेबउद्दीन की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी। हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि साहेबउद्दीन मूल रूप से कोडरमा जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के रघुनियाडीह गांव का निवासी था और हजारीबाग के बरकट्ठा थाना क्षेत्र के बसरामों गांव में बच्चों को पढ़ाता था और मस्जिद में इमामत का काम करता था। 30 जून को साहेबउद्दीन बरकट्ठा के ग्राम बसरामों से अपनी मोटरसाइकिल (नंबर JH10F-9434) से अपने घर कोडरमा के ग्राम रघुनियाडीह जा रहा था। इसी दौरान बरकट्ठा थाना क्षेत्र के ग्राम छुतहरिकटिया पक्की सड़क के पास सुबह 08:10 बजे के करीब उसकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई और वह गिर गया। इस हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आई और वह घायल हो गया। इसी हादसे में अनिता देवी नामक एक महिला भी घायल हो गई थी।‘

पड़ताल में आगे हमें लाइव हिंदुस्तान द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक जिले के बरकट्ठा थाना क्षेत्र के बसरामों गांव में शहाबुद्दीन की मौत को जिला प्रशासन ने मॉब लिंचिंग से जुड़ा मामला बताने से इनकार किया है। डीसी नैंसी सहाय और एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिल टक्कर के कारण यह दुखद घटना हुई है। डीसी ने बताया कि इमाम की मौत के बाद बरकट्ठा थाना के पुलिस निरीक्षक सह आईओ इमदाद अंसारी ने इस मामले की गहन जांच की थी। जांच में उन्होंने बताया कि दो जुलाई को बरकट्ठा थाना में कांड संख्या 138/24 दर्ज किया गया है। इस मामले में संबंधित साक्ष्य जुटाने और अनुसंधान के क्रम में स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई। इस दौरान सड़क दुर्घटना की बात सामने आई है। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हेड इंजरी से मौत की वजह बताई गई है और मारपीट की संभावना से इनकार किया गया है।

निष्कर्ष: रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि झारखंड के मौलाना शहाबुद्दीन की मौत मॉब लिंचिंग के कारण नहीं, बल्कि सड़क हादसे में हुई है।

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