सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों को पीटने का एक वीडियो वायरल है। दावा किया जा रहा है कि भारतीय मुसलमानों पर प्रशासन द्वारा हमला भी खतरनाक है, जबकि दंगाइयों को खुली छूट दी जाती है।
शोभनाथ ने लिखा, ‘भारतीय मुसलमानों पर प्रशासन द्वारा हमला भी खतरनाक होता है जबकि RSS के दंगाइयों को खुली छूट दी जाती है!! जब कि ये दंगाई पुलिस पर हमला करते हैं तो यहीं पुलिस वाले मार खाकर भी चुप रहते है.. वास्तव में देश बदल रहा है…।’
नेशन मुस्लिम ने लिखा, ‘भारतीय मुसलमानों पर प्रशासन द्वारा हमला भी खतरनाक है जबकि दंगाइयों को खुली छूट दी जाती है’
https://twitter.com/AmjadAsR/status/1854521912929747116?ref_src=twsrc%5Etfw /p>
अहमद हुसैन ने लिखा, ‘भारतीय मुसलमानों पर प्रशासन द्वारा हमला भी खतरनाक है जबकि दंगाइयों को खुली छूट दी जाती है!!’
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वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान यह वीडियो हमें 27 अगस्त 2015 को यूट्यूब पर प्रकाशित इंडिया टीवी की एक वीडियो रिपोर्ट में मिली। जिसके मुताबिक बिहार में वेतन समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मदरसा शिक्षकों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
पड़ताल में आगे हमें न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक यह वीडियो बिहार के पटना में गर्दनीबाग थाना क्षेत्र का है। अगस्त 2015 में मदरसा टीचर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। मांग पूरी न होते देख ये आक्रोशित हो उठे और विधानसभा का घेराव करने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
दावा | भारतीय मुसलमानों पर प्रशासन द्वारा हमला भी खतरनाक है जबकि दंगाइयों को खुली छूट दी जाती है। |
दावेदार | नेशन मुस्लिम, सोमनाथ राव व अन्य |
निष्कर्ष | यह वीडियो बिहार के पटना में गर्दनीबाग थाना क्षेत्र का है। अगस्त 2015 में मदरसा टीचर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था, जब शिक्षकों ने विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। |
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