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बीते सप्ताह वायरल पांच फर्जी दावों का फैक्ट चेक

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बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने राजस्थान में दलित छात्र की मौत, मुजफ्फरनगर के मंदिर में पुजारी की पिटाई, बिहार में बौद्ध भिक्षुओं की पिटाई, एमपी में छावा फिल्म देखने के बाद सोने की खोज के लिए खुदाई और मथुरा में ठाकुरों द्वारा दलित की बारात में मारपीट के दावे को शामिल किया है।

1. राजस्थान में दलित छात्र की मौत का मामला दो साल से भी ज्यादा पुराना, जातिगत एंगल नहीं

पुनीत शर्मा ने एक्स पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर लिखा, ‘जाति? कहाँ है जाति? अब तो जाति के स्वघोषित योद्धा भी सिरे से गायब हैं। क्यूँकि उनकी नयी नौकरी और उस से होने वाली कमाई, अब उन्हें कम से कम, अपनी पोषण पार्टी के राज्यों में होने वाले जातिगत अपराधों की ओर देखने से रोक देती है।’

फैक्ट चेक: वायरल दावे की गहराई से जांच करने पर पता चला कि यह घटना अगस्त 2022 की है। वहीं मटके का पानी पीने पर छात्र की पिटाई का दावा भ्रामक और झूठा है।

2. मुजफ्फरनगर के मंदिर में पुजारी की पिटाई का पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

ऋतू सत्यसाधक ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा , ‘खौफनाक तस्वीरें! नए भारत में हिसाब चुकाना उत्तर प्रदेश में गुंडों ने एक मंदिर में घुसकर पुजारी अनुराग शर्मा पर धारदार हथियारों से हमला किया! देखिए कैसे शोषित पीड़ित वंचित बदमाशों ने हमारे भगवान की मूर्ति तोड़ने से रोकने की हिम्मत करने पर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया घिनौनी जातिगत गालियाँ देते हुए, उन्होंने पुजारी को लहूलुहान कर दिया; मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश, भाजपा शासित राज्य में ब्राह्मणों के प्रति घृणा का एक घिनौना प्रदर्शन वीडियो में कैद हुआ।’

फैक्ट चेक: मुजफ्फरनगर के मंदिर में पुजारी की पिटाई का वायरल वीडियो पुराना है और जातिगत एंगल नहीं है। दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं।

3. बौद्ध भिक्षुओं पर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो बिहार नहीं, नेपाल का है

अतुल खोड़ावल ने लिखा, ‘महाबोधि मुक्ति आंदोलन में शांतिपूर्ण ढंग से बौद्ध भिक्षु प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन का  रवैया निंदनीय है. ये किसी मंदिर के पुजारी नहीं है जिन्हें पुलिस लात मार रहीं है ये तथागत बुद्ध के अनुयायि है अगर ये चुप है तो बुद्ध है। और अगर युद्ध की जरूरत पड़ी तो ये सम्राट अशोक है.’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि यह घटना नेपाल की है। अप्रैल 2024 में नेपाल में बौद्ध भिक्षुओं ने प्रदर्शन किया था, जिसके दौरान नेपाल पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था।

4. एमपी में छावा फिल्म देखने के बाद सोने की खोज के लिए खुदाई करने का दावा भ्रामक है

रोशन राय ने एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा, ‘छावा फिल्म में दिखाया गया कि मुगलों ने मराठों से सोना और खजाना लूटा और उसे बुरहानपुर, मध्य प्रदेश के असीरगढ़ किले में रख दिया। फिल्म देखने के बाद स्थानीय लोग खुदाई के औजार, मेटल डिटेक्टर और बैग लेकर मौके पर पहुंचे और खजाना खोदकर अपने घर ले गए।’

फैक्ट चेक: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में छावा फिल्म देखने के बाद ग्रामीणों द्वारा सोने की खोज के लिए खुदाई करने का दावा भ्रामक है। छावा फिल्म 14 फरवरी 2025 को रिलीज हुई थी। वहीं सोने के लालच में बीते तीन माह से लोग खुदाई कर रहे हैं, इससे पहले बीते साल अक्टूबर में भी लोगों ने खुदाई की थी।

5. मथुरा में दलित की बारात में मारपीट की घटना में जातिगत एंगल नहीं है

प्रियांशु कुमार ने लिखा, ‘ठीक अभी खबर मिल रही है कि मथुरा के थाना जैत के बाटी गांव में ठाकुर समाज द्वारा दलित समुदाय की बारात को पीटा गया है और आगजनी की गयी है। भीम आर्मी मथुरा की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।।’

फैक्ट चेक: मथुरा में दलित की बारात में हुई मारपीट की घटना में कोई जातिगत एंगल नहीं है। बरात में शामिल कुछ युवकों द्वारा ओटो में आकर एक जगह शराब पी रहे थे, इसका गांव के व्यक्ति द्वारा विरोध करने पर विवाद हुआ था।





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