बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, और वीडियो फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने अटल सेतु में पड़ी दरारें, डिलीवरी बॉय के दलित होने की वजह से खाना न लेना, कौशाम्बी में ऊँची जाति के लोगों द्वारा दलित बुजुर्ग को जूते की माला पहनाकर घुमाना, मुजफ्फरनगर में मुस्लिम युवक के लिंग परिवर्तन के मामले में सांप्रदायिक एंगल और बाप-बेटे द्वारा एक ही लड़की से शादी करने के दावे को शामिल किया है।
1. अटल सेतु में पड़ी दरारें?
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘नरेंद्र मोदी ने 6 महीने पहले अटल सेतु का उद्घाटन किया था. खूब प्रचार हुआ, खूब फोटो क्लिक हुई. अब खबर है कि ₹18 हजार करोड़ में बने अटल सेतु में दरार आ गई. यह साफ तौर से भ्रष्टाचार का मामला है.’
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि अटल सेतु पर दरारें पड़ने का दावा भ्रामक है। दरअसल दरारें एमटीएचएल को उल्वे से मुंबई की ओर जोड़ने वाली अप्रोच रोड पर पड़ी हैं।
2. डिलीवरी बॉय के दलित होने की वजह से खाना न लेने और मूंह पर थूकने का दावा गलत है
डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव ने एक्स पर खबर की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, ‘दलित डिलीवरी बॉय के हाथ का छुआ खाना ठाकुर अजय सिंह नहीं लेगा। उस दलित डिलीवरी बॉय को लौटाएगा भी नहीं बल्कि 12 लोगों का जुटान करके उसे पीटेगा। खाना लेना न लेना तुम्हारी पसंद है। ऑर्डर कैंसिल कर दो। लेकिन दलित डिलीवरी बॉय को पीटने का अधिकार किसने दिया, किस सरकार ने इतना मन बढ़ाया? जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से भाजपा की सरकार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जो जाति से ठाकुर हैं। यह घटना 20 जून 2022 की है।’
फैक्ट चेक: यह घटना दो साल पुरानी है। इस मामले में आरोपी अजय सिंह और अभय सिंह ठाकुर नहीं, कुर्मी जाति से हैं। साथ ही दलित होने की वजह से डिलीवरी बॉय से खाना न लेने और मुंह पर थूकने का दावा गलत है।
3. कौशाम्बी में ऊँची जाति के लोगों द्वारा दलित बुजुर्ग को जूते की माला पहनाकर घूमाने का दावा भ्रामक है
The Dalit Voice ने एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ’65 वर्षीय दलित को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा है, उसके गले में जूतों की माला डालकर उसे पूरे गांव में घुमाया जा रहा है, इस कृत्य के लिए ऊंची जाति के ग्राम प्रधान पति और उसके सहयोगी जिम्मेदार हैं, घटना यूपी के कौशाम्बी की है।’
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि ऊँची जाति के लोगों द्वारा दलित बुजुर्ग को जूते की माला पहनाकर घूमाने का दावा भ्रामक है, इस मामले में 4 आरोपी एससी कैटेगरी से आते हैं। वहीं बुजुर्ग को उसकी जाति की वजह से नहीं, महिलाओं पर बुरी नजर रखने के आरोप में घुमाया गया था।
4. मुजफ्फरनगर में मुस्लिम युवक के लिंग परिवर्तन के मामले में सांप्रदायिक एंगल नहीं है
मीर फैजल ने लिखा, ‘एक मुस्लिम लड़के को जबरन उसके गुप्तांगों को काटकर उसका लिंग बदल दिया गया, जिससे वह लड़का से लड़की बन गया। 3 जून को ओमप्रकाश मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के सांझक गांव में रहने वाले 20 वर्षीय मुजाहिद नामक लड़के को लेकर आया। ओमप्रकाश ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से मिलीभगत करके मुजाहिद का ऑपरेशन करवा दिया। ओमप्रकाश ने उसे बताए बिना उसके गुप्तांग कटवा दिए और लिंग परिवर्तन करवा दिया। मुजाहिद के मुताबिक ओमप्रकाश पिछले दो साल से उसके साथ मारपीट कर रहा है और ऑपरेशन के लिए उसे धमका रहा है।’
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि मुजाहिद का ऑपरेशन डॉ. रजा फारूकी ने किया था। यह ऑपरेशन मुजाहिद की सहमती से हुआ था, घटना में किसी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
5. बाप और बेटे ने एक ही लड़की से शादी नहीं की, वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है
चरमपंथी मिश्कत फातिमा ने एक्स पर वीडियो शेयर कर दावा किया, ‘सगे बाप बेटे ने मिलकर भरी लड़की की मांग, दोनो बन गए एक ही लड़की के पति। यह कौन सी प्रथा है और इस शादी से संबंधित रिश्ते अब क्या कहलायेंगे?‘
फैक्ट चेक: बाप और बेटे ने एक ही लड़की से शादी नहीं की, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है।
This website uses cookies.