बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने शामली में इमाम की हत्या, जेपी नड्डा और नितिन गडकरी का वायरल वीडियो, पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को मार्गदर्शक मंडल में शामिल करने का दावा, कौशांबी में महिला पत्रकार के बेटे का एनकाउंटर और ओटीपी से EVM को अनलॉक करने के दावे को शामिल किया है।
1. शामली में इमाम की हत्या में सांप्रदायिक एंगल नहीं है
कट्टरपंथी वाजिद खान ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘प्रतापगढ़, मुरादाबाद के बाद अब शामली में मस्जिद के इमाम की सिर काटकर हत्या कर दी है। लगातार मौलानाओ की ह्त्या क्या मुसलमानों के लिए बड़ा संकेत है?‘
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि शामली के बल्ला मजरा गांव के इमाम फजलू रहमान की हत्या उनके बेटे जुनैद ने की थी। मामले में किसी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
2. जेपी नड्डा और नितिन गडकरी गुटखा या खैनी नही खा रहे थे?
कांग्रेस समर्थक ऋषि चौधरी ने लिखा, ‘भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने देश के सामने स्वस्थ रहने का नुस्खा पेश किया ।गुटखा खाओ, स्वस्थ रहो । इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री जी को कोई ट्रोल मत करना प्लीज ।‘
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि जेपी नड्डा, नितिन गडकरी को पान मसाला या खैनी नहीं दे रहे थे, बल्कि खांसी की आयुर्वेदिक गोली योगी कंठिका दे रहे थे।
3. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मार्गदर्शक मंडल में शामिल करने का दावा भ्रामक है
सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी को लेकर दावा किया जा रहा है कि पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को शामिल किया गया है। इस दावे के साथ संकेत दिया जा रहा है कि पीएम मोदी और राजनाथ सिंह जल्द ही राजनीतिक जीवन से संन्यास ले सकते हैं। निगर परवीन ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘स्वागत नहीं करोगे मोदी जी ?भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो गए हैं। जल्द ही पूर्व भी हो जाएंगे ?’
फैक्ट चेक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में हाल ही में नहीं, बल्कि अगस्त 2014 में ही शामिल कर दिया गया था।
4. कौशांबी में महिला पत्रकार के बेटे को घर से उठाकर एनकाउंटर करने का दावा भ्रामक
कट्टरपंथी अशरफ हुसैन ने लिखा, ‘कौशाम्बी: मुस्लिम महिला पत्रकार ज़रीना सिद्दीकी का आरोप- ‘बेटे को घर से उठाकर पुलिस ने पैर में गोली मार एनकाउंटर कर दिया, घर में लगा सीसीटीवी और DVR उखाड़ ले गए’‘
फैक्ट चेक: महिला पत्रकार के बेटे को घर से उठाकर एनकाउंटर करने का दावा भ्रामक है। स्टांप विक्रेता के साथ लूटपाट करने के बाद जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो आरोपियों ने पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग की, जिससे एक आरोपी के पैर में गोली लग गई। इस मामले में किसी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
5. ओटीपी से EVM को अनलॉक करने का दावा भ्रामक है
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक्स पर ‘मिड डे’ की रिपोर्ट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” हैं और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं। जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है।’
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती है। मिड डे अखबार ने ओटीपी से EVM को अनलॉक करने की भ्रामक खबर प्रकाशित की है।
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