बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने अमित शाह ने किया अंबेडकर का अपमान, अमेठी में ब्राह्मण संजीव कुमार मिश्रा की हत्या, अजमेर दरगाह के सर्वे के आदेश के बाद गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के बेहोश होने का दावा, सुल्तानपुर में ब्राह्मण होने की वजह से रोडवेज कर्मचारी की हत्या के दावों को शामिल किया है।
1. अमेठी में संजीव कुमार मिश्रा की हत्या ब्राह्मण होने की वजह से नहीं हुई है
अनुज अग्निहोत्री ने एक्स पर लिखा, ‘अमेठी… उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्याओं का शिलशिला जारी। एक नौजवान ब्राह्मण संजीव कुमार मिश्रा की हत्या। आखिर ब्राह्मणों की इतनी बड़ी संख्या में प्रतिदिन हो रही हत्याओं के पीछे का क्या कारण है? सवाल:- ब्राह्मण समाज के नेता मौन। ब्राह्मण समाज मे एकता का अभाव। मीडिया क्या द्वारा फैलाई गई ब्राह्मणों के प्रति नफ़रत। राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही वोट बैंक की राजनीति। ब्राह्मण समाज दो भागों में बंटा है… सेक्युलर और धार्मिक। सेक्युलर- कोई मरे या जिए उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। धार्मिक- हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने में व्यस्त है। समाधान:- ब्राह्मण संरक्षण एक्ट बनना। ब्राह्मण वोट बैंक बनना। दलीय राजनीति से हटकर समाज हित में काम करना।’
अमेठी…
— Anuj Agnihotri Swatntra (@ASwatntra) December 10, 2024
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्याओं का शिलशिला जारी।
एक नौजवान ब्राह्मण संजीव कुमार मिश्रा की हत्या।
आखिर ब्राह्मणों की इतनी बड़ी संख्या में प्रतिदिन हो रही हत्याओं के पीछे का क्या कारण है?
सवाल:-
ब्राह्मण समाज के नेता मौन।
ब्राह्मण समाज मे एकता का अभाव।
मीडिया… pic.twitter.com/0C14cS5Afp
फैक्ट चेक: दावे की पड़ताल में पता चला कि संजीव कुमार मिश्रा की हत्या ब्राह्मण होने की वजह से नहीं हुई है। उसकी हत्या उसके दोस्त आदित्य मिश्रा ने बहन से प्रेम-प्रसंग होने पर की है। वहीं आरोपी और मृतक एक ही जाती के हैं।
अमेठी में संजीव कुमार मिश्रा की हत्या ब्राह्मण होने की वजह से नहीं हुई हैhttps://t.co/t4DHtM62eB
— Only Fact (@OnlyFactIndia) December 16, 2024
2. अजमेर दरगाह के सर्वे के आदेश के बाद गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के बेहोश होने का दावा गलत है
करिश्मा अज़ीज़ ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘ख़्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह का सर्वे काटने चले थे, खुद का ही सर्वे हो गया!’
ख़्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह का सर्वे काटने चले थे, खुद का ही सर्वे हो गया!😂😂 pic.twitter.com/WgKX04Ksbf
— Karishma Aziz (@karishma_aziz97) December 19, 2024
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी हैं, जो फरवरी 2021 में मंच पर बेहोश हुए थे। वहीं अजमेर शरीफ दरगाह की सर्वेक्षण याचिका नवंबर 2024 में स्वीकार की गई। दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है।
3. अमित शाह ने नहीं किया अंबेडकर का अपमान, वायरल वीडियो एडिटेड है
कांग्रेस पार्टी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है. इस बात से जाहिर होता है कि BJP और RSS के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है. नफरत ऐसी कि उनके नाम तक से इनको चिढ़ है. ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहेब के पुतले फूंकते थे, जो ख़ुद बाबा साहेब के दिए संविधान को बदलने की बात करते थे. जब जनता ने इन्हें सबक सिखाया तो अब इन्हें बाबा साहेब का नाम लेने वालों से चिढ़ हो गई है. शर्मनाक! अमित शाह को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.‘
"अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर..
— Congress (@INCIndia) December 17, 2024
इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."
अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है.
इस बात से जाहिर होता है कि BJP और RSS के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है.
नफरत… pic.twitter.com/zXkefmGkLI
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चल कि वीडियो को संदर्भ से काटकर प्रस्तुत किया गया। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि अम्बेडकर का नाम लेना अच्छी बात है, लेकिन उनकी विचारधारा और उनके योगदान को समझना और लागू करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने अम्बेडकर के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के कारणों का भी जिक्र किया। शाह के वीडियो को काट छांटकर भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।
4. सुल्तानपुर में रोडवेज कर्मचारी की हत्या ब्राह्मण होने की वजह से नहीं हुई है
अनुज अग्निहोत्री ने एक्स पर लिखा, ‘सुल्तानपुर… हिंदुत्व के हवन में ब्राह्मणों की आहूति। सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी ब्राह्मण सुरेन्द्र पांडे 65 वर्षीय की बाइक सवार बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या। अपराध मुक्त प्रदेश में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन ब्राह्मणों की हत्याएं न होती हों। यही हिंदुत्व शंखनाद है।’
सुल्तानपुर…
— Anuj Agnihotri Swatntra (@ASwatntra) November 18, 2024
हिंदुत्व के हवन में ब्राह्मणों की आहूति।
सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी ब्राह्मण सुरेन्द्र पांडे 65 वर्षीय की बाइक सवार बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या।
अपराध मुक्त प्रदेश में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन ब्राह्मणों की हत्याएं न होती हों।
यही हिंदुत्व शंखनाद है। pic.twitter.com/g5ARE6FmHI
फैक्ट चेक: सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी सुरेन्द्र पांडे की हत्या जमीन के विवाद को लेकर चल रही पुरानी रंजिश में हुई है। मृतक और आरोपी दोनों एक ही जाती के हैं। इस मामले में कोई जातिगत एंगल नहीं है।
5. सुल्तानपुर में सूरज शुक्ला की हत्या में जातिगत एंगल नहीं है
अभिनय ने लिखा, ‘सुल्तानपुर में एक और ब्राह्मण की मौत ने उत्तर प्रदेश की हकीकत को एक बार फिर सामने रखा है। जौनपुर के सूरज शुक्ला, जो एक सामान्य कलेक्शन एजेंट थे, की सड़क के किनारे लाश मिली है। ये घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि हमारे समाज की गहरी समस्या का हिस्सा है।‘
फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि सूरज शुक्ला की हत्या का जातिगत एंगल पूरी तरह भ्रामक है। यह घटना आर्थिक विवाद के चलते हुई थी।
सुल्तानपुर में सूरज शुक्ला की हत्या में जातिगत एंगल नहीं हैhttps://t.co/LgG6qAlgT2
— Only Fact (@OnlyFactIndia) December 17, 2024