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बीते सप्ताह वायरल पांच फर्जी दावों का फैक्ट चेक

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बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने बस्ती में दलित किशोर की मौत, कुवैत में पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए लोग, बदायूं में मुसलमानों को नमाज से रोकने की घटना और देवरिया में दलितों द्वारा ब्राह्मण परिवार पर हमला करने के दावे को शामिल किया है।

1. बस्ती में किशोर की मौत में जातिगत एंगल नहीं है

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने एक्स पर लिखा, ‘योगीराज/भाजपा सरकार में एक दलित बच्चे को सामंतवादियों ने जमकर नग्न करके पीटा ,पेशाब पिलाया और थूक चटवाया एवं उसका वीडियो भी बनाया. सीएम योगी की पुलिस से पीड़ित गुहार लगाता रहा लेकिन उसे न्याय नहीं मिला ,अंततः उस मासूम ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. कोई शर्म है सीएम योगी और भाजपाइयों ? पहले भाजपा के लोग बाबा साहब का अपमान करते हैं और फिर ये ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि भाजपा/योगी राज में PDA यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक को किस प्रकार से भाजपाइयों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. बेहद शर्मनाक ,निंदनीय और सीएम योगी/भाजपा नेताओं की असली मानसिकता का परिणाम है ये.’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि इस घटना में मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दोनों ही पक्ष एक ही बिरादरी से हैं और किशोर की मौत में जातिगत एंगल नहीं है।

2. कुवैत में पीएम मोदी के कार्यक्रम में लोगों के शामिल नहीं होने का दावा गलत है

पॉल कौशया ने एक्स पर एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘यह वीडियो उस व्यक्ति द्वारा शेयर किया गया है जो उस स्थान पर मौजूद था जहाँ मोदी ने कुवैत में एनआरआई आबादी को संबोधित किया था। 2023 तक, कुवैत में लगभग 10,00,726 भारतीय हैं, जिनमें भारतीय प्रवासी और भारतीय मूल के कुवैती नागरिक शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर भारतीय दक्षिणी राज्यों केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु से आते हैं। मोदी को यह जानकर खुशी हुई कि उनमें से कुछ ने वास्तव में कार्यक्रम स्थल पर उनके संबोधन को सुनने का कष्ट उठाया था।’

फैक्ट चेक: कुवैत में आयोजित पीएम मोदी के कार्यक्रम में लोगों के शामिल नहीं होने का दावा गलत है। वायरल वीडियो कार्यक्रम के बाद का है। वहीं वीडियो पर पीएम मोदी के पुराने भाषण को एडिट कर लगाया गया है।

3. बदायूं में मुसलमानों को नमाज से रोकने की घटना में इस्लामोफोबिया का दावा गलत है

इस्लामिक कट्टरपंथी हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : नागपुर गांव,बदायूं,उत्तरप्रदेश. नमाज पढ़ने पर गांव के हिंदुओं ने किया विरोध दोनों पक्ष थाने गए तहसीलदार और सीओ ने नमाज अदा करने से मना कर दिया। इस्लामोफोबिया अपने चरम पर। मुस्लिम समुदाय द्वारा खाली पड़े सलीम के घर में नमाज अदा की जा रही थी। संभल की घटना के बाद हिंदू समाज ने आपत्ति जताई। गांव के हिंदुओं ने नमाज पढ़कर सलीम के घर से कुछ लोगों को निकलते देखा और नमाज को नई परंपरा बताते हुए इसका विरोध किया।’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि मुस्लिम समुदाय ने एक खाली मकान को पहले मदरसे का रूप दिया और बाद में वहां मस्जिद बनाकर सामूहिक नमाज अदा शुरू कर दी। इस पर हिंदू समुदाय ने आपत्ति जताते हुए हंगामा किया। सामूहिक नमाज किसी मस्जिद में नहीं, एक घर में हो रही थी इसीलिए प्रशासन ने नमाज पर रोक लगा दी।

4. बिहार में इमाम की हत्या के मामले में सांप्रदायिक एंगल नहीं है

द मुस्लिम ने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा, ‘लोकेशन : कौआकोल,नवादा,बिहार 70 वर्षीय मस्जिद के ईमाम मोहम्मद सज्जाद अली नमाज पढ़कर जा रहे थे उनको पकड़कर सिर पर रॉड मारी गई जिससे उनकी मौत हो गई और उन्हें ले जाकर सड़क पर फेक दिया । ये खुली हत्या है जिसमें हमारे 3 व्यक्ति और एक महिला भी घायल है ऐसा मृतक के दामाद का कहना है’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि नवादा में मोहम्मद सज्जाद अली की हत्या पंचायत सरकार भवन बनाने को लेकर हुए विवाद में हुई है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

5. देवरिया में दलितों द्वारा ब्राह्मण परिवार पर हमला करने का दावा गलत है

अनुज अग्निहोत्री स्वतंत्र ने एक्स पर इस मामले को शेयर कर लिखा, ‘देवरिया… दलितों का आतंक, २ गरीब ब्राह्मणों को पहुंचाया मौत के मुंह में। तस्वीरों को देखिए कितनी भयावाह है, रूह कांप जा रही है। ब्राह्मण परिवार के पिता और पुत्र पर दलितों ने जानलेवा हमला किया, लाइब्रेरी से लौट रहे प्रत्यूष राय पर 5-6 दलितों ने घायल किया जहां बेटे को बचाने गए पिता बृजेश राय पर भी दलितों द्वारा धारदार हथियार से हमला कर सर फाड़ दिए। हमारा ब्राह्मण समाज अभी भी हिंदुत्व एकता की ठेकेदारी कर रहा है, समाज के नेता मौन हैं। आज हमे ब्राह्मण संरक्षण एक्ट की कितनी आवश्यकता है यह घटना की तस्वीरें बता रही हैं।’

Source: X

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि दलितों द्वारा ब्राह्मण परिवार पर हमले का दावा गलत है। असल में दोनों पक्ष एक ही परिवार के हैं और जमीन विवाद को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट हुई है।




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