Home अन्य बीते सप्ताह वायरल पांच फर्जी दावों का फैक्ट चेक
अन्यहिंदी

बीते सप्ताह वायरल पांच फर्जी दावों का फैक्ट चेक

Share
Share

बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी दावों के साथ वायरल हुईं। हमने इन वायरल दावों का फैक्ट चेक किया और सच्चाई का पता लगाया। ‘OFI’ की इस साप्ताहिक सीरिज ‘टॉप पांच फेक न्यूज’ में हमने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिया पीएम मोदी के खिलाफ बयान, भारत में हिन्दू- मुस्लिम को लेकर पीएम मोदी का बयान, नीतीश कुमार और लालू यादव की मुलाकात, सही काम के लिए घूस लेना अपराध नहीं और भाजपा राज में भ्रष्टाचार कर बने टूटी पुल के वीडियो को शामिल किया है।

1. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी के खिलाफ बयान नहीं दिया

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा, ‘ऐलान-ए-जंग है ये तो! RSS बनाम नरेंद्र मोदी’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि मोहन भागवत ने पीएम मोदी के खिलाफ बयान नहीं दिया। उन्होंने शंकर दिनकर काणे के जन्मशताब्दी वर्ष पर उन्हें याद करते हुए यह बात कही है।

2. भारत में हिन्दू- मुस्लिम को लेकर पीएम मोदी का बयान भ्रामक है

राजीव निगम ने इन्फोग्राफिक इमेज शेयर करते हुए लिखा, ‘बिल्कुल सही बोला आपने, उन नालायकों को आपसे प्रेरणा लेनी चाहिए जो हिंदू मुस्लिम करते रहते है, वो लोग कभी किसी को कपडे से पहचान लेते है कभी बहिष्कार करने की बात करते है, कभी संसद में गंदी गंदी गालियां देते है… आप बहुत अच्छे आदमी है, आपसे सीखना चाहिए लोगों को‘

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी का यह बयान भ्रामक और पुराना है। असल में उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज पूरी दुनिया में बदल रहा है। अगर मैं यहां योगा की बात करता हूँ, तो आप इसे एंटी-मुस्लिम बताते हैं। अब सऊदी अरब में योगा ऑफिशियल सिलेबस का विषय है। लेकिन यहां आपने योगा को हिंदू-मुसलमान का मुद्दा बना दिया।

3. नीतीश कुमार और लालू यादव की मुलाकात का वीडियो दो साल पुराना है

सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘माननीय लालू प्रसाद यादव जी के सिंगापुर से इलाज कराकर वापस आने पर मानवीय आधार पर मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार श्री लालू यादव के आवास पर कुशलक्षेम पूछने पहुँचे। जबकि मीडिया इस भेंट मुलाकात को बात का बतंगड़ बनायेगा। ये समाजवादी लोग हैं पर यह संस्कार भाजपाइयों में कत्तई नहीं है।’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि नितीश कुमार और लालू यादव की मुलाकात का यह वीडियो दो साल पुरानी है। इसे हाल ही का बताकर भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है।

4. सही काम के लिए घूस लेना अपराध नहीं? 9 साल पुरानी खबर भ्रामक दावे के साथ वायरल

फेक न्यूज पेडलर सदफ अफरीन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सही काम के लिए घूस देना अपराध के क्षेणी में नही आता है” अमृत काल मे घूस लेना देना अपराध नही माना जाएगा! गज़ब, तब आम जनता सरकारी कार्यालय में घूस देना जारी रखें! नही तो कल को ऐसा कानून भी बन सकता है, जब घूस न देने वालों को जेल में डालने का आदेश दिया जाएगा??’

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि  वायरल अखबार की कटिंग 9 साल पुरानी है। ‘सही काम के लिए घूस लेना अपराध नहीं’ यह बस लॉ कमीशन का प्रस्ताव था। इसे लागू नहीं किया बल्कि साल 2018 में केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण कानून को सख्त बनाया था।

5. वायरल वीडियो में टूट रहा ब्रिज मोदी सरकार में नहीं बना था

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा, ‘कांग्रेस राज के बनाये पुल से लोग भाजपा राज में भ्रष्टाचार कर बने टूटी पुल के वीडियो बना रहे हैसमानांतर तुलनात्मक अध्ययन करें और अंतर को समझें..!  भाजपा है तो भ्रष्टाचार है, ⁠भाजपा है तो टूट है, ⁠भाजपा है तो डूबना तय है, ⁠भाजपा है तो विखंडन है, ⁠भाजपा है तो लूट है, ⁠भाजपा है तो इंटायर साइंस बेक़ाबू है‘

फैक्ट चेक: पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो में टूट रहा ब्रिज मोदी सरकार में नहीं बना था। दरअसल यह पुल 1983 में कांग्रेस सरकार के दौरान बनाया गया था।

Share