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अस्पताल में नमाज पढ़ने पर UP पुलिस ने नहीं की महिला पर FIR, ओवैसी का दावा है फर्जी

सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसको शेयर कर दावा किया गया है कि प्रयागराज में अस्पताल में महिला ने पढ़ी नमाज तो पुलिस ने FIR दर्ज़ कर दी।

इस खबर को मूलतः न्यूज24, बोलता हिंदुस्तान जैसे मीडिया संस्थानों ने पोस्ट किया था। इसके आलावा इस खबर को एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, पत्रकार श्याम मीरा सिंह, प्रोफेसर अशोक स्वैन ने भी खूब हवा दी।

कथित कार्रवाई को लेकर ओवैसी ने यूपी पुलिस पर निशाना साधा. उन्होने ट्ववीट में कहा, “अस्पताल में भर्ती, अपने रिश्तेदार की देख-भाल करने वाले किसी कोने में, किसी को तकलीफ़ दिए बग़ैर,अपने मज़हब के मुताबिक़ इबादत करते हैं तो इस में जुर्म क्या है? क्या UP पुलिस के पास कोई और काम नहीं है? जहाँ भी नमाज़ पढ़ी जाती है, वहां नमाज़ियों पर FIR दर्ज हो जाती है।”

Fact Check

नमाज पढ़ने पर केस दर्ज होने वाले दावों को लेकर जब हमनें पड़ताल की तो सच्चाई कुछ अलग ही मिली। अपनी पड़ताल के शुरू में हमें पता चला कि नमाज पढ़ने वाला वीडियो प्रयागराज जिले में स्थित बेली अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती जेठवारा प्रतापगढ़ निवासी मरीज की महिला तीमारदार साहिबा का है जिसने 22 सितंबर को वार्ड में ही नमाज पढ़ी थी।

अब हमनें अपनी पड़ताल इस ओर बढ़ाई कि क्या नमाज पढ़ने वाली महिला के खिलाफ प्रयागराज पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस दौरान हमें प्रयागराज पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा कथित घटना को लेकर पोस्ट किए गए दो प्रेस नोट मिले।

पहले नोट में बताया गया कि वायरल वीडियो की जांच में पाया गया कि वीडियो में दिख रही महिला के द्वारा बिना किसी गलत इरादे के, किसी के भी कार्य अथवा बिना चिकित्सालय में आवागमन को प्रभावित किए भर्ती अपने मरीज के शीघ्र स्वस्थ होने प्रार्थना करते हुए नमाज़ अता की गई। इनका यह कृत्य किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।

दूसरे प्रेस नोट में FIR की कथित कार्रवाई का खंडन करने वाला बयान जारी किया गया था। इस बयान में पुलिस ने कहा कि वायरल ट्वीट के संबंध में यह स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक है कि इस प्रकरण में प्रयागराज पुलिस द्वारा कोई भी FIR पंजीकृत नहीं की गई है। FIR पंजीकृत किए जाने की बात पूर्णतः असत्य है, जिसका प्रयागराज पुलिस द्वारा खंडन किया जाता है।

आगे पुलिस ने चेतवानी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भ्रामक सूचनाएं / अफवाह प्रसारित न करें अन्यथा ऐसे लोगों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

पुलिस की प्रतिक्रिया के बाद हमनें अस्पताल प्रसाशन की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की। इस दौरान हमें दैनिक जागरण की रिपोर्ट मिल गई. रिपोर्ट के मुताबिक बेली अस्पताल के अधीक्षक डा. एमके अखौरी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उनके या अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई शिकायत नहीं की गई है। कोई अन्य शिकायतकर्ता भी नहीं है।

स्त्रोत- दैनिक जागरण

कई स्तर पर सत्यापन के क्रम में हमनें यूपी पुलिस के आधिकारिक एप UP COP पर भी जांचा कि क्या FIR दर्ज की गई है। जैसा कि बेली अस्पताल कैंट पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आती है लिहाजा एप पर 22 से 26 सितंबर तक इस पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई FIR को खंगाला. पड़ताल में हमें कुल 5 FIR मिलीं लेकिन ऐसी कोई FIR नहीं मिली जोकि साहिबा नाम की आरोपी के खिलाफ दर्ज हुई हो।

इन तमाम बिंदुओं से स्पष्ट है कि नमाज पढ़ने वाली महिला के खिलाफ प्रयागराज पुलिस ने कोई FIR नहीं दर्ज की है और ओवैसी, मीडिया व अन्य द्वारा किया गया दावा पूरी तरह से फर्जी है।

Claimप्रयागराज में अस्पताल में महिला ने पढ़ी नमाज तो पुलिस ने FIR दर्ज़ कर दी।
Claimed byन्यूज24, बोलता हिंदुस्तान, एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, पत्रकार श्याम मीरा सिंह, प्रोफेसर अशोक स्वैन समेत अन्य यूजर्स
Fact Checkदावा पूरी तरह से फर्जी है, नमाज पढ़ने वाली महिला के खिलाफ प्रयागराज पुलिस ने कोई FIR नहीं दर्ज की है

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जय हिन्द !

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Tags: UP Police Prayag raj Beli Hospital Namaz Owaisi Media Fake

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