Home अन्य भीड़ द्वारा मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई का वीडियो भ्रामक, हरियाणा हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा देहरादून का वीडियो
अन्यहिंदी

भीड़ द्वारा मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई का वीडियो भ्रामक, हरियाणा हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा देहरादून का वीडियो

Share
Share

भारत एक हिंदू-बहुल देश है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि यहां वास्तव में किसका प्रभाव है। ऐतिहासिक रूप से हमने मुहम्मद बिन कासिम जैसे इस्लामी आक्रमणकारियों से लेकर दिल्ली दंगों तक हिंदुओं पर कई इस्लामी हमले देखे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से हिंदुओं पर लगातार हमलों की एक अजीब प्रवृत्ति देखी जा रही है. ताजा मामला हरियाणा हिंसा का है।

हरियाणा हिंसा को और भी ज्यादा भड़काने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों की जमात ग्राउंड के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है। इसी क्रम में ट्विटर पर “True Story” नाम के एक पेज ने एक वीडियो शेयर किय किया। वीडियो में भीड़ एक मुस्लिम व्यक्ति का पीछा कर उसे मारने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही वीडियो में एक पुलिस वाला भी भागते हुए नजर आ रहा है, जो उस मुस्लिम व्यक्ति को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा है।

“True Story” ने वीडियो शेयर करते हुए कैश दिया, “सैंकड़ो लोगो की भीड़.. एक व्यक्ति की पहचान देखते ही उसके खून की प्यासी हो गई.. चंद सेकेंड का यह वीडियो हालात बता रहा हैं।” इसके साथ ही इस वीडियो को हरियाणा हिंसा का बताने के लिए #gurugramviolence का प्रयोग किया गया है।

https://twitter.com/TrueStoryUP/status/1686934627662082048?s=20

इसके साथ ही ‘उमैर इकबाल’ नाम के ट्वीटर यूजर ने यही वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा लिखा, ” भारत अब एक सेक्युलर देश नहीं है, यह हिंदू आतंकवादियों का राज्य है, एक मुस्लिम व्यक्ति खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है लेकिन पुलिस खड़ी है और इन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, अब भारत की कितनी शर्मनाक स्थिति है।”

https://twitter.com/UmairIqbal_/status/1687188293421813760?s=20

‘अब्दुल्ला अलमदी‘ ने भारत में मुस्लिमों को खतरे में बताते हुए लिखा, “क्या किसी नागरिक को उसके धर्म के कारण उसकी मातृभूमि में खतरा पैदा हो गया है? एक भारतीय मुसलमान खुद को उस भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा है, जो अब पुलिस से नहीं डरती! भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत अभियान तेज हो रहे हैं।”

यह भी पढ़ेरियाणा हिंसा : मोहम्मद ज़ुबैर और अन्य चरमपंथियों ने एडिटेड वीडियो साझा कर राज्य में शांति बिगाड़ने की साज़िश रची

फैक्ट चेक

ट्विटर पर तेजी से वायरल होते इस वीडियो का सच जानने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया। जांच में हमने इस वीडियो को ‘Drunk Journalist’ नाम के इंस्टाग्राम पेज पर पाया। इस पेज के मुताबिक यह वीडियो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है।

अपनी जांच को आगे बढ़ाने पर हमें देहरादून पुलिस के ट्वीटर अकाउंट पर इस मामले से जुड़ा एक पोस्ट मिला। जिसमें देहरादून के SSP दलीप सिंह कुंवर ने इस पूरे मामले का खंडन किया है। SSP के मुताबिक यह मामला देहरादून का है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अमन भंडारी नाम के एक युवक के साथ मारपीट की थी। अमन भंडारी को देहरादून में पटेल नगर स्थित श्री महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उसी दौरान हॉस्पिटल के  बाहर एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ मारपीट की गई और उसी घटना का वीडियो हरियाणा हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। SSP दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि जिन व्यक्तियों ने इस वीडियो को गलत दावे के साथ पोस्ट किया है उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

Source- Twitter
Source- Twitter

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर इस मामले के बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें ऑपइंडिया का एक आर्टिकल मिला। ऑपइंडिया के मुताबिक यह मामला कुछ मुस्लिम लोगों द्वारा एक हिंदू युवक अमन भंडारी से मारपीट का है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंदू युवक पर तलवार और लाठियों से हमला किया और ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए थे। इस मामले के बारे में और जनाने के लिए आप ऑपइंडिया का यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।


हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किया गया यह वीडियो हरियाणा हिंसा का नहीं है। इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा इस प्रकार के वीडियो शेयर कर लोगों को भड़काने और सामाजिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। ऊपर उल्लेख किए गए तमाम प्रमाण के आधार पर यह कहना उचित होगा कि कट्टरपंथियों द्वारा फैलाया जा रहा यह वीडियो भ्रामक है।

दावाहरियाणा हिंसा में भीड़ ने दौड़कर मुस्लिम व्यक्ति को पीटा
दावेदारट्विटर यूजर
फैक्ट चेकभ्रामक

यह भी पढ़ेमोदी सरकार में सड़कों की दुर्दशा का दवा फर्जी, कांग्रेस ने 11 साल पहले की फोट ट्वीट कर किया झूठा दावा 

प्रिय पाठकों, हम भारत के खिलाफ फर्जी खबरों को उजागर करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमारे पास अन्य लोगों की तरह कोई कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं है। आपका छोटा सा सहयोग हमें और आगे बढ़ने में मदद करेगा। आप हमें लिविक्स मीडिया फाउंडेशन क्यूआर कोड द्वारा भी सहयोग कर सकते हैं।

Share