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यूपी के बुलंदशहर में प्रधान द्वारा दलित युवक की बारात रोकने का दावा गलत है

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सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ग्राम प्रधान द्वारा एक दलित युवक की बारात को रोकी गयी। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला।

दलित टाइम्स ने लिखा, ‘यूपी के बुलंदशहर में दलित लड़की की बारात आई तो ग्राम प्रधान योगेंद्र शर्मा ने घर के सामने रोड पर कार खड़ी करके बारात का रास्ता रोक दिया। लोगों ने विरोध किया तो पिस्टल निकाल ली। प्रधान पर FIR दर्ज हो गई है…’

कांग्रेस समर्थक विक्रम ने लिखा, ‘रामराजय वाले बुलंदशहर में दलित बेटी की बारात आई थी। ग्राम प्रधान योगेंद्र शर्मा ने घर के सामने रोड पर कार खड़ी करके बारात का रास्ता रोक दिया। बारातियों ने विरोध किया तो पिस्टल निकाल ली। आखिर इन्हें दलितों से इत्तनी नफरत क्यों है?’ 

समाजवादी पार्टी समर्थक शिवम यादव ने लिखा, ‘दलित बेटी की बारात रोकने के लिये बीच में कार खड़ा कर दी,विरोध पर असलहा निकाल लिया” बुलंदशहर के सलेमपुर क्षेत्र में ग्राम प्रधान योगेंद्र शर्मा ने बीच रास्ते मे कांर खड़ा कर दी और बारात वापस ले जाने को बोला। विरोध पर पिस्टल निकाल ली।’ 

सत्य प्रकाश भारती ने लिखा, ‘दलित बेटी की बारात रोकने के लिये बीच में कार खड़ा कर दी,विरोध पर असलहा निकाल लिया” बुलंदशहर के सलेमपुर क्षेत्र में ग्राम प्रधान योगेंद्र शर्मा ने बीच रास्ते मे कांर खड़ा कर दी और बारात वापस ले जाने को बोला। विरोध पर पिस्टल निकाल ली।’

अनुज तोमर ने लिखा, ‘कुछ नहीं बदला। इन लोगों की सोच आज भी वही है।दलित की बारात का विरोध।घोड़ी नहीं चढ़ने देंगे। पहले दलित की बारात के सामने ग्राम प्रधान योगेंद्र शर्मा ने कार अड़ा दी।फिर पिस्तौल दिखा डराया भी। बुलंदशहर UP।’ 

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने लिखा, ‘यूपी में रामराज्य की एक और तस्वीर सामने आई. बुलंदशहर में एक दलित परिवार के यहाँ जा रही बारात को ग्राम प्रधान ने रोक दिया. सिर्फ इसलिए की दलित की बारात ग्राम प्रधान के घर के सामने से होकर जा रही थी।’ 

इस्लामिस्ट निगार प्रवीन ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक दलित बेटी की बारात गाजे-बाजे के साथ घर आ रही थी स्थानीय प्रधान को दलित के घर बजती शहनाई की धुन पसंद नहीं आई। उसने कार बीच में लगाकर बारातियों पर पिस्टल तान दी सोचिए कभी घोड़े पर बैठना पसंद नहीं आता, कभी मूंछे तो कभी गाजे-बाजे नागवार गुजरते है इस नफरत का क्या किया जाए ?’

ऑल्ट न्यूज के फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने भी इस दावे को एक्स पर शेयर किया है

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सम्बन्धित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया अमर उजाला की बेवसाईट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव पारौली निवासी शिवकुमार ने तहरीर देकर बताया कि बुधवार को उसकी बहन की बरात आई थी। रात में बरात चढ़त का कार्यक्रम चल रहा था। गांव में ही होकर बरात निकाली जा रही थी। बैंड-बाजे की धुनों पर बराती नाच गा रहे थे। इसी दौरान ग्राम प्रधान पति योगेंद्र शर्मा व तीन अज्ञात आरोपी कार से वहां पहुंचे और बरात को रोक दिया। आरोप है कि प्रधान पति ने कहा कि उसके घर के आगे से बरात नहीं गुजरने देंगे। जब, पीड़ित पक्ष ने इस बाबत विरोध किया तो आरोपी ने पिस्टल निकालकर धमकाना शुरू कर दिया। साथ ही पुलिस से शिकायत करने पर परिवार सहित हत्या करने की धमकी भी दी। मामले में तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान पति समेत तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सीओ शिकारपुर दिलीप सिंह का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मामला बरात रोकने का सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि ग्राम प्रधान पति अपनी कार लेकर उधर से निकल रहे थे। तभी कार को बरात से निकालने को लेकर विवाद हो गया था। जांच के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

हमे इस मामले में बुलंदशहर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर सीओ शिकारपुर दिलीप सिंह का एक वीडियो भी मिला। उन्होंने बताया कि पिरौली गाँव में एक बारात निकल रही थी। तभी उसी रास्ते से ग्राम प्रधान अपनी गाड़ी से कही जा रहे थे। गाड़ी निकालने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ है। जांच में बारात रोकने जैसी घटना सामने नहीं आई है।

इसके बाद हमने एक स्थानीय पत्रकार की मदद से ग्राम प्रधान के पति योगेन्द्र शर्मा से सम्पर्क किया। योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिस दौरान बारात निकल रही थी, मैं भी एक शादी के कार्यक्रम से वापस अपने घर आ रहा था। जहाँ से बारात चढ़नी शुरू हुई थी, वहां से मेरा घर 200 मीटर दूर है। चूँकि मेरा कंस्ट्रक्शन काम है तो मेरे यहाँ काम करने वाले लोग इस बारात में शामिल थे। उन्होंने कहा कि आप कब तक यहाँ खड़े रहेंगे, हम आपकी गाड़ी आगे निकलवा देते हैं। इस दौरान तीन-चार युवक गाडी के सामने आ गए और बोनट पर हाथ मारना शुरू कर दिया। जब मै बाहर आया तो धक्कामुक्की की गयी, इसी दौरान मेरी कमर से पिस्तौल नीचे गयी।

योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस बहस के बाद मामला शांत हो गया था और मैं घर आ गया था। अगली सुबह बारात रोकने का आरोप लगा दिया गया। योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि मैंने दलित बेटी की शादी में कन्या दान के तौर पर 500 रुपये भी भेजे हैं। अगर मुझे बारात ही रोकनी होती तो मैं शादी में रुपये क्यों भेजता? बारात रोकने का आरोप गलत है। योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने भी इस मामले में दूसरे पक्ष के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है।

निष्कर्ष: पड़ताल में स्पष्ट है कि दोनों पक्षों में गाड़ी निकालने को लेकर विवाद हुआ था। ग्राम प्रधान द्वारा दलित युवक की बारात रोकने का दावा भ्रामक है।

दावाउत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में प्रधान ने रोकी दलित युवक की बारात
दावेदारविक्रम, सत्य प्रकाश भारती व अन्य 
फैक्टभ्रामक
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