सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक भीड़ को “मोदी जी तुम लट्ठ बजाओ हम तुम्हारे साथ हैं” जैसे नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि किसानों का मुकाबला करने और मोदी का समर्थन करने के लिए कट्टरपंथी हिंदू सड़कों पर उतर गए हैं। वहीं पड़ताल में पता चला कि यह वीडियो चार साल पुराना है, जोकि CAA प्रोटेस्ट के समय का है।
क्राइम रिपोर्ट्स इंडिया ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘किसानों का मुकाबला करने और मोदी का समर्थन करने के लिए कट्टरपंथी हिंदू सड़कों पर उतर गए। दिल्ली दंगे 2020 के दौरान भी इन्होने ऐसा ही किया था।
Radical Hindus out of streets to counter Farmers and support Modi.
— Crime Reports India (@AsianDigest) February 14, 2024
They did the same during Delhi Riots 2020 #FarmerProtest2024 pic.twitter.com/SSj4rbIFQt
फैक्ट चेक
दावे की पड़ताल में सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड्स ककी मदद से इस वीडियो को सर्च किया। इस दौरान यह विडियो हमें अवेकड भारत नाम के फेसबुक पेज पर मिला, इस वीडियो को 25 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया था। कैप्शन में इसे CAA के समर्थन में निकाले गए मार्च का बताया गया है।
वहीं पड़ताल में आगे हमें यह वीडियो Hindustan 1st news नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो में भी इसे हरियाणा में CAA प्रोटेस्ट के समर्थन का बताया गया है। कैप्शन में लिखा है “Haryana में CAA के समर्थन में देखने को मिली अनोखी रैली”
वहीं आगे हमें 27 दिसंबर 2019 को प्रकाशित लोकमत की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि हरियाणा के बीजेपी नेता जवाहर यादव ने एक नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में एक रैली का वीडियो शेयर किया है। जो ट्विटर पर वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए जवाहर यादव ने लिखा, “हरियाणा की रैली देश की रैलियों से थोड़ी अलग होती है। “मोदी जी तुम लठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं।”
बता दें दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सीएए के खिलाफ़ शुरू हुए प्रदर्शनों का अंत दंगों की शक़्ल में हुआ। 23 फ़रवरी से 26 फ़रवरी 2020 के बीच हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई। नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है यानी इन तीनों देशों के ऊपर उल्लिखित छह धर्मों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि यह वीडियो हालिया किसान आंदोलन का नहीं बल्कि चार साल पहले का है।
दावा | किसानों का मुकाबला करने और मोदी का समर्थन करने के लिए हिन्दुओं ने किया प्रदर्शन। |
दावेदार | क्राइम रिपोर्ट्स इंडिया |
फैक्ट | भ्रामक |