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मुसलमान नहीं बना रहे अयोध्या के रामलला की मूर्ति, सोशल मीडिया में झूठा दावा वायरल है

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विदेशी आक्रांता बाबर के आदेश पर सन् 1527-28 में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने राम मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद का निर्माण किया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। माना जा रहा है कि 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। ऐसे में सबकी निगाहें रामलला की मूर्ति पर टिकी हैं। इस बीच सोशल मीडिया में लोग दावा कर रहे हैं कि रामलला की मूर्ति को मुसलमान बना रहे हैं।

न्यूज़ 24 ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर में विराजने के लिए रामलला तैयार हैं। मूर्तियों को बंगाल के मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने किया तैयार। पिता-पुत्र की जोड़ी लंबे समय से शिल्पकारी कर रहे हैं। जमालुद्दीन का कहना है, ‘धर्म एक निजी चीज होती है। हमारे देश में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं’ ‘एक कलाकार के तौर पर भाईचारे की संस्कृति मेरा संदेश है’।

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कट्टरपंथी वाजिद खान ने लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर की रामलला की मूर्ति बनाने वाले मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू है। अब भाजपा वाले उस मुर्ति कि पुजा करेंगे या विरोध’

जेडीयू कार्यकर्त्ता प्रतिक पटेल ने लिखा, ‘राष्ट्रसौहार्द के मद्देनज़र हृदय से आभार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू को अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति बनाने के लिए…! वो अलग बात है कि, बाद में मूर्ति को गंगाजल से पवित्र कर लिया जाएगा, “आप लोग” उस बात की चिंता न करें…’

जैकी यादव ने लिखा, ‘यह हमारे प्यारे से देश की ख़ूबसूरती है। अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होने ही वाला है उससे पहले भगवान श्री राम की मूर्तियां तैयार की गईं हैं। इन मूर्तियों को तैयार करने वाले पश्चिम बंगाल के मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू हैं। मोहम्मद जमालुद्दीन ने केवल भगवान श्री राम की ही नहीं बल्कि मां दुर्गा और मां जगधात्री की भी विशाल मूर्तियां बनाईं हैं।’

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सत्य प्रकाश भारती ने लिखा, ‘मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाई राम की मूर्ति गर्भ गृह में स्थापित होगी। अयोध्या के राम मंदिर में मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति स्थापित की जाएगी।’

कांग्रेस नेता डॉ. अरुणेश यादव ने लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर की रामलला की मूर्ति बनाने वाले मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू है। सोचा बता दूं गोबर ज्ञानियों को’

कांग्रेस समर्थक अपर्णा अग्रवाल ने लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर की रामलला की मूर्ति बनाने वाले मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू है। ये बात सुनकर नफरत में अंधों को अटैक ना आ जाये।’

रिटायर IAS सूर्य प्रताप सिंह ने व्यंग्य करते हुए लिखा, ‘क्या कोई हिंदू शिल्पकार नहीं मिला, जो मुस्लिम शिल्पकारों से बनवा ली, राम लला की मूर्ति। वही मुस्लिम जो थूकते रहते हैं, खाने पीने पर, पंक्चर लगाने वाले। कैसे शुद्ध करेंगे, राम लला की मूर्ति को? अंधभक्त किस मुँह से मुसलमान की बनाई मूर्ति पर फूल माला चढ़ायेंगे, उनके लिए तो डूबना मारना हो गया।’

इसके अलावा चेजिंग इंडिया, कट्टरपंथी हैंडल मिस्टर कूल, मोबिन और कांग्रेस नेता विनीता जैन ने भी इस दावे को शेयर किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सबसे पहले मामले से सम्बंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें आजतक की एक रिपोर्ट मिली। 7 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। इन तीनों में से ही एक मूर्ति मंदिर में स्थापित की जाएगी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कर्नाटक और राजस्थान से लाई गई दो चट्टानों में से तीन मूर्तियां बनाई जा रही हैं। मूर्तियां 90 प्रतिशत तैयार हैं और उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन तीनों मूर्तियों में से सर्वश्रेष्ठ मूर्ति का चयन 15 दिसंबर को किया जाएगा और उस मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा। मूर्तियां गणेश भट्ट, अरुण योगीराज और सत्यनारायण पांडे तैयार कर रहे हैं। वहीं दी प्रिंट और जागरण की रिपोर्ट में भी यही जानकारी दी गई  है कि मूर्तियां कर्नाटक और राजस्थान के मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई हैं, जिनमें कर्नाटक के गणेश भट्ट और अरुण योगीराज के साथ जयपुर के कलाकार सत्यनारायण पांडे भी शामिल हैं।

Source- Aajtak

पड़ताल में आगे हमें श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की बेवसाईट पर एक मोबाइल नंबर मिला, जिसपर संपर्क करने पर हमारी बात आदित्य से हुई। उन्होंने हमे बताया कि रामलला की मूर्ति हिंदू समुदाय के लोग बना रहे हैं। तीन मूर्तियाँ बनाई जा रही हैं, इनमे जो सबसे अच्छी होगी उसका चयन किया जाएगा। सोशल मीडिया में जो वायरल है, उसका दावा ट्रस्ट ने नहीं किया है।

इसके बाद हमे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की फेसबुक प्रोफाइल से उनका मोबाइल नम्बर मिला। इस नम्बर पर सम्पर्क करने पर हमारी बातचीत चंपत राय के सहयोगी धर्मवीर से बात हुई। धर्मवीर ने हमे बताया कि रामलला की मूर्ति को गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, सत्यनारायण पांडेय बना रहे हैं, तीनों ही अलग अलग प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं, इनमे से एक का चयन किया जाएगा। भगवान राम के मंदिर में कई मूर्तियाँ स्थापित होंगी लेकिन रामलला की मूर्ति की मोहम्मद जमालुद्दीन या बिट्टू नहीं बना रहे हैं।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि रामलला की मूर्ति गणेश भट्ट, अरुण योगीराज, सत्यनारायण पांडेय बना रहे हैं। मुस्लिम शिल्पकार द्वारा मूर्ति बनाये जाने का दावा झूठा है। 

दावारामलला की मूर्ति को मुस्लिम शिल्पकार कर रहे तैयार 
दावेदारन्यूज़ 24, वाजिद खान, विनीता जैन, प्रतीक पटेल व अन्य 
फैक्टझूठ 
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