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कठुआ केस: वायरल तस्वीर विशाल शर्मा की है, विशाल जंगोत्रा भी बरी हो चुका है

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सोशल मीडिया पर जनवरी 2018 में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आसिफा रेप केस से जुड़े आरोपियों की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सांजी राम, तिलक राज, दीपक खजुरिया और विशाल जंगोत्रा के नाम शामिल हैं। हालांकि हमारी जांच में पता चलता है कि जिस व्यक्ति की तस्वीर विशाल जंगोत्रा के नाम से वायरल हो रही है, वह वास्तव में विशाल जंगोत्रा नहीं है। साथ ही इस मामले में विशाल जंगोत्रा बरी हो चुका है।

इस्लामिस्ट कविश अज़ीज़ ने लिखा, ‘सब छोड़ो दोस्तों एक नजर यहां डालो, ये मुस्लिम लड़की याद है या भूल गए.’

कविश अज़ीज़ के आलावा यह दावा मंजूर खान ने किया.

फैक्ट चेक

वायरल दावे की सत्यता जांचने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें एबीपी न्यूज़ का 25 अप्रैल 2018 का एक X पोस्ट मिला, जिसमें कहा गया था, ‘निर्दोष विशाल शर्मा की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से कठुआ गैंगरेप केस के आरोपी विशाल जंगोत्रा के रूप में फैलाया जा रहा है।’

आगे पड़ताल करने पर हमें द स्टेट्समैन में 7 फरवरी 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्दोष विशाल शर्मा डर के कारण अपने कमरे में बंद हो गया था, जब उसे पता चला कि उसकी तस्वीर कठुआ रेप केस के आरोपी के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उसके फेसबुक अकाउंट पर लोगों की गालियां और आरोप भरे संदेश देखने लगा। उसे रेप केस में आरोपी बताया जाने लगा जबकि सच्चाई यह है कि इस मामले में असली आरोपी विशाल जंगोत्रा है, जिसे पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी। सोशल मीडिया पर विशाल शर्मा की तस्वीर गलत तरीके से वायरल की गई।

पड़ताल में आगे हमें लाइव हिंदुस्तान द्वारा प्रकाशित 10 जून 2019 की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जम्मू-कश्मीर के कठुआ  में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर दिए जाने के मामले में एक विशेष अदालत ने सोमवार को छह दोषियों में से तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन तीनों के नाम सांजी राम, परवेश कुमार और दीपक खुजारिया है। इसके अलावा तीन अन्य को पांच साल की सजा सुनाई गई है। इससे पहले मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे (सातवें आरोपी) विशाल को बरी कर दिया गया।’

जांच को आगे बढ़ाने पर हमें 3 मई 2018 को ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक यूट्यूब रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, कठुआ रेप केस की घटना के दौरान विशाल जंगोत्रा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में मौजूद था। रिपोर्ट में एटीएम के सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए गए, जिनमें विशाल को पैसे निकालते हुए देखा जा सकता है। ज़ी न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विशाल मुजफ्फरनगर में तीन अन्य लड़कों के साथ रहकर पढ़ाई कर रहा था। इन लड़कों ने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच पुलिस ने उन्हें जबरन पीटा और विशाल के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने दबाव डालकर यह बयान दिलवाया कि 12 से 15 जनवरी के बीच विशाल मुजफ्फरनगर में नहीं, बल्कि कठुआ में था।

जांच के दौरान हमें 11 जून 2019 को अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली। रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू एसआईटी कठुआ दुष्कर्म मामले में विशाल जंगोत्रा के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रही। इस मामले में उसकी बेगुनाही साबित करने में सबसे अहम भूमिका उसकी मकानमालकिन सुमन ने निभाई, जिनके घर वह किराए पर रह रहा था। सुमन ने पहले ही कहा था कि विशाल निर्दोष है और एसआईटी ने उसे गलत तरीके से फंसाया है। उसने बताया कि विशाल के खिलाफ सबूत मिटाने के लिए एसआईटी ने उसके मोबाइल से कई तस्वीरें डिलीट कर दी थीं, लेकिन व्हाट्सएप गैलरी में बची एक तस्वीर उसने कोर्ट में पेश कर दी। इसके अलावा, उसने उन बैंकों के एटीएम फुटेज भी कोर्ट में जमा किए, जहां से विशाल ने पैसे निकाले थे। सुमन ने आगे बताया कि 2017 में आकांक्षा कॉलेज में बीएससी एग्रीकल्चर के पहले वर्ष में दाखिला लेने के बाद विशाल अपने दोस्तों के साथ मुजफ्फरनगर आया था और उसने वहां एक कमरा किराए पर लिया था। कठुआ की घटना के दौरान, 10 से 16 जनवरी 2018 तक, विशाल वहीं मौजूद था और इस दौरान उसने खतौली स्थित केके जैन डिग्री कॉलेज में परीक्षा भी दी थी। इसी अवधि में 13 जनवरी को लोहड़ी, 14 जनवरी को उसका निजी पारिवारिक समारोह और 16 जनवरी को उसकी पोती आस्था का जन्मदिन मनाया गया था, जिनमें विशाल भी शामिल था। इन आयोजनों की तस्वीरें उसके मोबाइल में थीं। कठुआ कांड के बाद, 17 मार्च 2018 को जम्मू एसआईटी विशाल को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची। गिरफ्तारी के समय सुमन ने एसआईटी इंस्पेक्टर अशफाक बानी को मोबाइल में मौजूद तस्वीरें दिखाईं, लेकिन उसने मोबाइल लेकर तस्वीरें डिलीट कर दीं। हालांकि, व्हाट्सएप गैलरी में एक तस्वीर बच गई, जिसे बाद में कोर्ट में पेश किया गया।

रिपोर्ट में आगे लिखा है कि कोर्ट के समन पर, सुमन शर्मा पिछले महीने पठानकोट जाकर 13 और 14 मई को कोर्ट के सामने पेश हुई। उसने मोबाइल की तस्वीरें और बैंक फुटेज अदालत में प्रस्तुत कीं, जिनकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। उसके बयान और साक्ष्यों ने विशाल की बेगुनाही साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमर उजाला ने आगे लिखा कि कठुआ कांड में कोर्ट का फैसला आने के बाद, मीरापुर स्थित आकांक्षा कॉलेज के चेयरमैन आर.पी. सिंह ने खुलासा किया कि एसआईटी ने विशाल को फंसाने के लिए संस्थान पर कई बार दबाव बनाया। कॉलेज प्रबंधन को भी इस मामले में परेशान किया गया, जिससे उन्हें दो बार पठानकोट कोर्ट से अंतरिम जमानत लेनी पड़ी।

दावाकठुआ गैंगरेप केस में आरोपी विशाल जंगोत्रा है.
दावेदारसोशल मीडिया यूजर्स 
निष्कर्षजांच में पाया गया कि वायरल हो रही तस्वीर आरोपी विशाल जंगोत्रा की नहीं, बल्कि निर्दोष विशाल शर्मा की थी। विशाल शर्मा का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। वहीं, इस केस में आरोपी विशाल जंगोत्रा को पुलिस गलत तरीके से गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में अदालत ने उसे बरी कर दिया।
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