भगवान शिव के प्रिय माह सावन की शुरुआत होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। इस बीच सोशल मीडिया पर अखबार में छपी एक खबर की कटिंग वायरल है। जिसमें खबर की हेडलाइन है, ‘अनुसूचित जाति के कांवड़ियों को जलाभिषेक से रोका।’ इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अनुसूचित जाति के कांवड़ियों को शिव मंदिर में जलाभिषेक करने से कुछ लोगों ने रोक दिया। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि करीबन 7 साल पुरानी इस घटना को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया गया है।
प्रतीक पटेल ने एक्स पर अखबार में छपी एक खबर की कटिंग शेयर कर लिखा, ‘क्यों रोका..? किसने रोका आप सब जानते हैं। मेरे हिसाब से ठीक ही किया।’
क्यों रोका..? किसने रोका आप सब जानते हैं। मेरे हिसाब से ठीक ही किया। pic.twitter.com/E70xkpjrwV
— Pratik Patel (@PratikVoiceObc) July 25, 2024
SC- ST HUB नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, ‘अंबेडकर मिशन तथा बीएसपी के कमजोर होने से अनुसूचित जाति के गुमराह लोग बार-बार समझाने के बाद भी मनुवादियों के झांसे में आकर बेइज्जत होने के लिए कावड उठाकर जलाभिषेक/पूजा करने के लिए चले जाते हैं। बार-बार हमने चेताया की कावड़ यात्रा पर न जाए पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दें फिर भी..’
अंबेडकर मिशन तथा बीएसपी के कमजोर होने से अनुसूचित जाति के गुमराह लोग बार-बार समझाने के बाद भी मनुवादियों के झांसे में आकर बेइज्जत होने के लिए कावड उठाकर जलाभिषेक/पूजा करने के लिए चले जाते हैं। बार-बार हमने चेताया की कावड़ यात्रा पर न जाए पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दें फिर भी.. pic.twitter.com/kuBMSRD2Qp
— SC- ST HUB (@archanaranjang) July 24, 2024
डॉ.जितेन्द्र मीना ने लिखा, ‘मतलब इतना बेइज्जत होना ज़रूरी है क्या ? अभी जब ये हालत है फिर हिंदू राष्ट्र में क्या क्या होगा ? सोचिए।’
मतलब इतना बेइज्जत होना ज़रूरी है क्या ? अभी जब ये हालत है फिर हिंदू राष्ट्र में क्या क्या होगा ? सोचिए। pic.twitter.com/SdQSASXd7B
— Dr Jitendra Meena (@JitendraMeenaDU) July 24, 2024
वहीं दिव्या कुमारी ने लिखा, ‘जब कावड़ियों के पास नेम्पलेट नहीं तो कैसे पता चला की sc/st के थे….। अब बताओ धर्म मे जातिवाद कौन कर रहा है।’
जब कावड़ियों के पास नेम्पलेट नहीं तो कैसे पता चला की sc/st के थे….।
— दिव्या कुमारी (@divyakumaari) July 24, 2024
अब बताओ धर्म मे जातिवाद कौन कर रहा है।
🥺🥺 pic.twitter.com/yYwOIMIQRn
अंकित कुमार ने लिखा, ‘धर्म कमरा नहीं देता रहने के लिए अछूत कह थूक देता है मुंह पर और ऊपर से डाल देता है कंधों पर अपनी सड़ी हुई संस्कृति की लाश जिसे ढोते हैं हम जाने-अनजाने में जिसको दुर्गंध महसूसता है वह इसे फेंक देता है जिसको कुछ नहीं सूझता वह घुटने टेक देता है… ~बच्चा लाल ‘उन्मेष’
धर्म कमरा नहीं देता रहने के लिए
— Ankit Kumar (@AnkitKu72915241) July 25, 2024
अछूत कह थूक देता है मुंह पर
और ऊपर से डाल देता है कंधों पर
अपनी सड़ी हुई संस्कृति की लाश
जिसे ढोते हैं हम जाने-अनजाने में
जिसको दुर्गंध महसूसता है
वह इसे फेंक देता है
जिसको कुछ नहीं सूझता
वह घुटने टेक देता है…
~बच्चा लाल 'उन्मेष' pic.twitter.com/wSUaw4gP1r
शिव ने लिखा, ‘बस थोड़ी सी बेवफाई है, शेष सब ठीक है’
बस थोड़ी सी बेवफाई है, शेष सब ठीक है..@shivaydv_ @JyotiDevSpeaks pic.twitter.com/fbLiPFqJnd
— ꜱʜɪᴠ ᴮᴴᵁ (@ShivBHU) July 24, 2024
फैक्ट चेक
पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो इस मामले से सम्बंधित कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिली। इसके बाद हमने वायरल कटिंग को रिवर्स सर्च किया तो अखबार की यह कटिंग हमे फेसबुक पर एक पोस्ट में मिली। फेसबुक पर एक यूजर ने 30 जुलाई 2022 को पोस्ट किया था। इससे यह बात तो स्पष्ट होती है कि यह घटना पुरानी है।
इसके बाद हमने अखबार की कटिंग पर गौर किया। अखबार के मुताबिक यह घटना हरियाणा के हिसार के गांव खरीड अलीपुर की है वहीं गांव के सरपंच का नाम सुनील कुमार बताया गया है। हमने गूगल पर इस गांव के सम्बन्ध में खंगाला तो एक बेवसाईट पर सरपंच सुनील कुमार का मोबाइल नम्बर मिला। सुनील कुमार ने हमे बातचीत में कि अब वो गांव के सरपंच नहीं हैं और यह घटना करीबन 8 साल पुरानी है। जाँच में शिव मंदिर में जलाभिषेक करने से रोकने जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। हमने सुनील से मौजूदा सरपंच का मोबाइल नम्बर माँगा तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर की।
इसके बाद हमने गूगल मैप की मदद ली। यहाँ हमे गांव की एक दीवार पर स्कूल का पोस्टर मिला। इस मोबाइल नम्बर पर हमने सम्पर्क किया तो MMD स्कूल के चेयरमैन अनिल सहरावत ने बताया कि यह खबर करीबन 8-9 साल पुरानी खबर है। उन्होंने बताया कि दो कांवड़ियों के गुट मंदिर में पहले जलाभिषेक लेकर आमने-सामने आए थे। इसमें जातिगत एंगल नहीं था।
हमने गांव के राशन डीलर राजीव कुमार से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि यह मामला करीबन 7 साल पुराना है। राजीव कुमार ने बताया कि गांव में प्राचीन शिवालय है। गांव दो कांवड़ियों के गुट पहले पूजा करने चाहते थे। कोई हरिद्वार से कांवड़ आती है, कोई गंगोत्री से। उनमे मंदिर में पहले जाने को लेकर बहस हो जाती है, जातिगत वाली बात तो कभी नहीं हुई।
इसके बाद हमे गांव के मौजूदा सरपंच रमेश सैनी से सम्पर्क किया। रमेश ने बताया कि यह मामला करीबन 7 साल पुराना है। उस वक्त दो पक्षों में विवाद हुआ था लेकिन तब समझौता करवा दिया गया था। किसी ने इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। गांव में फिलहाल इस तरह का कोई विवाद नहीं है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि यह मामला करीबन 7-8 साल पुराना है। इस मामले में दलितों को मंदिर में जलाभिषेक करने से रोकने के आरोपों की पुष्टि नहीं होती है।