सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर कर लोग दावा कर रहे हैं कि उज्जैन में एक मस्जिद को शहीद कर दिया गया। लोगों के मकान तोड़ दिए गए। हालाँकि इस सम्बन्ध में लोगों को मुआवजा भी दिया गया है, साथ ही मस्जिद को धर्मगुरुओं की सहमती से हटाया गया है। लेकिन लोगों को सांप्रदायिक तौर पर भड़काने के सुनयोजित उद्देश्य से इन बातों को छुपाया जा रहा है।
सदफ आफरीन ने लिखा, ‘MP, उज्जैन प्रशाशन ने महाकाल मंदिर के पास वाली मस्जिद “तकिया मस्जिद” को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया! निजामुद्दीन कॉलोनी के सभी 257 घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया! निजामुद्दीन बस्ती पर बुलडोजर चलाने का सरकार का मकसद जाने– •वहां स्थित महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा दी जाए! •पार्किंग बनाई जाएगी या फिर अन्य चीज़ बनाई जाएगी! एक धर्म की आस्था पर बुलडोजर चलाकर और लोगो को बेघर कर के आप दूसरे धर्म की आस्था को बरकरार रखना चाहते है?? सरकार आपकी है, आप कुछ भी कर सकते है!’
द मुस्लिम ने लिखा, ‘लोकेशन : उज्जैन, मध्यप्रदेश दिनांक : 11 जनवरी तकिया मस्जिद पर बुलडोजर चलाकर प्रशासन ने मस्जिद को शहीद कर दिया। महाकालेश्वर मंदिर के विस्तार के लिए निजामुद्दीन कॉलोनी में 257 मकानों को जमींदोज कर दिया और वहां मौजूद तकिया मस्जिद को भी शहीद कर दिया गया।’
जुबैर ने लिखा, ‘उज्जैन, मध्यप्रदेश तकिया मस्जिद पर बुलडोजर चलाकर प्रशासन ने मस्जिद को शहीद कर दिया। महाकालेश्वर मंदिर के विस्तार के लिए निजामुद्दीन कॉलोनी में 257 मकानों को जमींदोज कर दिया और वहां मौजूद तकिया मस्जिद को भी शहीद कर दिया गया।’
पड़ताल में हमे इस सम्बन्ध में अमर उजाला और एनबीटी की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के 500 मीटर क्षेत्र को खाली करवाया जा रहा है। तकिया मस्जिद के साथ ही अब तक 100 से ज़्यादा मकानों को धराशाई कर दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई। पिछले दो सालों से इस मामले में न्यायालय और प्रशासन की कार्यवाही चल रही थी। स्थानीय लोगों को नोटिस दिए गए थे और उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका भी खारिज कर दी थी। साथ ही प्रशासन ने कुल 66 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है, जिसमें से 32 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। बाकी का मुआवजा भी जल्द ही दिया जाएगा।
एनबीटी की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि मस्जिद को हटाने के लिए धर्मगुरुओं से चर्चा की गई थी। चर्चा के बाद उनके बाद सामान हटाने के लिए समय की मांग की गई थी। प्रशासन ने उन्हें समय दिया था। महाकाल लोक परिसर में आने वाली इस मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिम समाज ने सहमति दी थी। धर्मगुरुओं की सहमति के बाद पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाई गई है।
दावा | उज्जैन में मस्जिद को शहीद कर दिया गया। |
दावेदार | सदफ आफरीन समेत अन्य |
हकीकत | इस सम्बन्ध में लोगों को मुआवजा भी दिया गया है, साथ ही मस्जिद को धर्मगुरुओं की सहमती से हटाया गया है। |
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