भारत में पिछले चार वर्षो से इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अराजकता का माहौल बना रखा है। चाहे दिल्ली दंगा हो, या राजस्थान के करौली या फिर महाराष्ट्र केऔरंगाबाद का, कट्टरपंथियों ने अपने पारिस्थितिकी तंत्र की मदद से भारत में अशांति का माहौल पैदा करने का पुरजोर प्रयास किया है। कल यानी सोमवार से हरियाणा का नूह जिला दंगो के चपेट में है। उम्मीद है आप ने सोशल मीडिया और न्यूज़ में आगजनी और हिंसा की घटनाएं की वीडियो अथवा ज़रूर देखी होंगी।
हरियाणा का नूह जिला जो कि मेवात के नाम से भी जाना जाता है वहां से शुरु हुआ हिंसा की आग गुड़गांव तक पहुंच गई। इस लेख में हम हिंसा क्यों हुई, और किसने शुरू किया इस पर प्रकाश डालेंगे, लेकिन इससे पहले सोशल मीडिया पर इस दंगे को लेकर क्या धारणा बनाई जा रही है, उस पर एक नजर डालेंगे।
जैसे कि मशहूर इतिहासकार सीताराम गोयल ने कहा, “ कम्युनिज्म इज इस्लाम माइनस अल्लाह” । सीताराम गोयल की इस बात को सार्थक बनाते हुए ट्विटर पर वामपंथियों और इस्लामिस्टों ने मिलकर हिंदू धर्म, मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी को जमकर कोसा है। इस तर्क को सत्यापित करने के लिए कुछ सीमांत तत्व का हवाला दिया है।
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के चाटुकार अविशेक गोयल ने एक मनगढ़त थ्रेड लिखकर हिन्दुओं को हिंसा के लिए दोषी करार दिया है।
विदेश में बैठकर भारत की अखंडता को चोट पहुंचाने की कोशिश करने वाले अशोक स्वेन ने भी हिंसा के जिम्मेदार हिन्दुओं को बताया।
फेक न्यूज़ पेडलिंग की वजह से ट्विटर टाइमलाइन पर दिखने वाली सदफ अफरीन ने चंद, मुठ्ठी भर फ्रिंज एलीमेंट्स का वीडियो का हवाला देते हुए दंगो का जिम्मेदार हिंदू धर्म को बताया।
इतना ही नहीं, alt News की पत्रकार शिंजी मजूमदार ने श्रीकांत पंडित के एक फेसबुक पोस्ट का हवाला दिया, और दावा किया कि सिर्फ मोनू मानेसर ही नहीं श्रीकांत पंडित ने अपने समर्थकों को निमंत्रण दिया था, जिसके कारण हिंसा हुआ।
हिंदू फ़ोबिक ट्विटर अकाउंट द मुस्लिम ने मोनू मानेसर का एक वीडियो साझा कर दावा किया कि मोनू मानेसर रैली में आया था, इसलिए हिंसा हुआ था।
ऐसा दावा करने द मुस्लिम अकेला नहीं, उसके आलवा कुख्यात कट्टरपंथी मोहम्मद तनवीर, और आबिद शेख है। आप इनके ट्वीट्स को यहां, यहां देख सकते हैं।
हरियाणा का दो शहर जल रहा है। पांच लोगों की मौत हुई है। 40 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। तीन जिलों में इंटरनेट वाधित है। ऐसे में सवाल उठता है कि वामपंथियों और इस्लामिस्टों द्वारा किए जा रहें दावे में कितनी सच्चाई है! एक सवाल यह भी है कि क्या दंगों का जिम्मेदार हिन्दुओं को बताकर नैरेटिव शिफ्ट करने की कवायद तो नहीं चल रही है। चलिए देखते हैं! सच क्या है!
फैक्ट चेक
अगर इस पूरे घटनाक्रम को इस्लामिस्टों के चस्में से देखें तो तर्क है कि मेवात में मोनू मानेसर जो दो मुस्लिमों को हत्या का कथित आरोपी है वो मेवात जुलूस यात्रा में शामिल होने वाला था, इससे नाराज इस्लामिस्टों ने हिंसा, दंगा और आगजनी किया। इस क्रम में हम सबसे पहले इस बात का पता लगाएंगे कि क्या सच में मोनू मानेसर मेवात में जुलूस यात्रा में शामिल हुआ था?
द मुस्लिम एवं अन्य कट्टरपंथियों द्वारा शेयर किया गया वीडियो का कीफ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च के उपरांत हमें यह जानकारी मिली कि मोनू मानेसर का साथी श्रीकांत पंडित ने हालिया में वायरल किया जानी वाली वीडियो साल 2022 में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया था।
इसके अलावा हमें दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट हाथ लगी, जिसमें पुलिस का हवाला देकर यह बात सत्यापित किया गया है कि मोनू मानेसर नूह शोभा यात्रा में शामिल नहीं था।
बता दें कि मोनू मानेसर गौ रक्षा के पुण्य कार्य के आगे रहने वाला एक बजरंग दल का स्वयंसेवक है। फरवरी 2023 में मोनू के ऊपर दो मुस्लिम युवक को जान से मारने का आरोप लगा था।
ऊपर उल्लेख किए गए दो प्रमाणों के आधार पर यह साबित होता है कि मोनू मानेसर नूह शोभा यात्रा में शामिल हुआ ही नहीं था। यह कथन एक दूसरे प्रश्न को जन्म देता है कि अगर मोनू मानेसर शोभा यात्रा में शामिल नहीं हुआ था तो कट्टरपंथियों को किस बात की आपत्ति थी?
इस प्रश्न को शांत करने के लिए OFI की टीम ने यह पता लगाया कि कैसे मोनू मानेसर की यात्रा में शामिल होने का फर्जी खबर को सोशल मीडिया पर कैसे प्लांट है ताकि दंगे को पहले से पूर्व नियोजित और पूर्व निर्धारित किया जा सके।
फेसबुक पर मोहम्मद साबिर खान ने हिंसा से पहले की रात गैस सिलेंडर का फोटो साझा करते हुए लिखा, “ मोनू सोनू कल आजा बस बेटा तू पूरी मेवात तेरे स्वागत में है। ऐसी प्याज कूटेगी की फिर कभी जड़ी बूटी से जुड़ नहीं पायेगी। इंसाअल्लाह।”
गैंगस्टर अतीक अहमद की मौत पर दुःख मनाने वाली आयशा नवाज ने शोभा यात्रा का वीडियो साझा कर लिखा, “ भाइयों हमें उम्मीद है कि तुम लोग समझदारी और शांति दिखाओगे।”
गौर करने वाली बात यह है आयशा ने शोभा यात्रा का वीडियो साझा किया।
फेसबुक पर जुनेद सिंगर नामक यूजर ने लिखा, मेवात आरो जनाब, प्याज वाली बात ना जनाब के कोई डर ना बिल्कुल भी”
रईस खान रंगलिया ने लिखा, “रोई पुर shona में रास्ता बंद कर देना, डंपर लगा देना।”
एक ट्विटर यूजर्स ने लिखा “मियो मुस्लिम हिंदुत्व के गुंडों से लड़ने के लिए उत्सुक हैं। उन्होने यह प्रण लिया है कि झुकने से अच्छा है अपने शर्तों पर जिए।”
आप इन सभी पोस्ट से यह अनुमान लगा सकते है कि कैसे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पहले से पूर्व नियोजित ठंग से इस नूह हिंसा को अंजाम दिया है। फेसबुक पोस्ट से यह प्रतीत होता है कि कट्टरपंथियों ने शोभा यात्रा से जुड़ी जानकारी फेसबुक पर साझा कर दंगा का योजना बनाया है।
आपको बता दें कि हरियाणा में हुए हिंसा के पीछे इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल का भी हाथ है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने मोनू मानेसर का एक वीडियो साझा किया। मोनू मानेसर अपने वीडियो अपने समर्थकों से अपील कर रहा है कि, सभी शोभा यात्रा में बढ़ चढ़ कर शामिल हो। वो भी होगा।
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने मोनू मानेसर के इस अपील को भारत में रह रहें मुसलमानों के बीच साझा किया और दावा किया कि मोनू का कानून का खौफ नहीं है। वो खुले में घूम रहा है। निस्संदेह इस दावे से नूह में रह रहें मुसलमानों के बीच जो पहले से ही हिंसक प्रवृति के है, उनके अंदर फिर से हिंसा करने की चेष्टा जगी होगी क्योंकि इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने साफ कर दिया है भारत के मुसलमनों को पुलिस तंत्र पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है। इस लेख में आपके पसंदीदा उत्पादों के बारे में बताया गया है, जो बेहद कम कीमत पर उपलब्ध हैं। उसी दिन डिलीवरी, ड्राइव-अप डिलीवरी या ऑर्डर पिकअप में से चुनें।
इसी कालक्रम को आगे बढ़ाते हुए देखेंगे, जब सोमवार को मोनू मानेसर शोभा यात्रा में शामिल नहीं हुआ तो कट्टरपंथियों ने उसका पुराना वीडियो वायरल कर दावा किया कि मोनू शोभा यात्रा में शामिल हुआ हैं। सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों की बातों को सही मानकर बाकी कट्टरपंथी मुस्लिम रोड़ पर निकाल दंगा फैलाने लगे। परिणामस्वरूप आगजनी हुई, हिंसा हुआ और पांच लोगों की जान गई।
कुलमिलाकर नूह हिंसा के चौबीस घंटे बाद चौंका देने वाले तथ्य सामने आए हैं।
1- मोनू मानेसर ने हिन्दुओं से शोभा यात्रा में शामिल का अपील का वीडियो बनाया।
2- इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने मोनू का वीडियो का मुस्लिमों के बीच वायरल कर दावा किया कि मोनू मुस्लिमों को हत्या कर घूम रहा है, उन्हें अब पुलिस तंत्र पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है।
3- जब मोनू शोभा यात्रा में शामिल नहीं हुआ तो उसके शामिल होने का फर्जी खबर वायरल कर दंगाइयों को इकठ्ठा कर हिन्दुओं के ऊपर हमला किया।
4- जब साक्ष्य प्रस्तुत करने पर साबित हुआ कि दंगे के लिए नूह के आनुवंशिक रूप से कट्टर मुसलमान मुख्य रूप से जिम्मेदार है तो ऐसे में वामपंथियों ने इस्लामिस्टों द्वारा किए गए कांड पर लीपापोती शुरू कर दिया।
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