सरयू एक्सप्रेस में महिला सिपाही के साथ बलात्कार का दावा गलत है

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सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस में महिला स‍िपाही के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया था। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है, महिला सिपाही के साथ बलात्कार की घटना नहीं हुई है।

सदफ आफरीन ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी सरयू एक्सप्रेस में महिला पुलिस कर्मी से भयानक गैंगरेप हुआ है! हैवानों ने महिला के पूरे बदन को नोच लिया, गाल को काट दिया, पूरा शरीर खून से लतपत था!महिला पुलिस बेहोश थी, अर्धनग्न अवस्था में सीट के नीचे पड़ी थी! महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है!बताया जा रहा है कि महिला आरक्षी सुल्तानपुर पुलिस में तैनात है! उसकी अयोध्या सावन झूला मेला में ड्यूटी लगी हुई थी! वह मंगलवार की रात सुल्तानपुर से सरयू एक्सप्रेस में अयोध्या आने के लिए सवार हुई थी! लेकिन ट्रेन में सो जाने के कारण वह मनकापुर पहुंच गई! सुबह करीब साढ़े 4 बजे जब सरयू एक्सप्रेस अयोध्या पहुंची तो वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिली!यूपी में अब महिला पुलिस भी सुरक्षित नही!

इसके अलावा काशिफ अर्सलान, राशिद, सत्य प्रकाश भारती, योगिता भयाना, समाजवादी पार्टी के नेता जितेन्द्र वर्मा समेत कई यूजर्स ने यही दावा किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमने सम्बन्धित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो करीबन 6 दिन पहले दैनिक भास्कर पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “घायल महिला सिपाही की स्थिति सामान्य होने पर उनका बयान लिया जाएगा। फॉरेंसिक और अब तक की जांच में महिला सिपाही से यौन अपराध की पुष्टि नहीं हुई है। हाईकोर्ट को अब तक हुई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी गई है।”

रिपोर्ट में महिला सिपाही के भाई ने बताया है कि मेरी बहन के साथ कोई दुष्कर्म जैसी घटना नहीं हुई थी। सोशल मीडिया पर लोग इस तरह खबरें चलाकर परिवार की छवि धूमिल कर रहे हैं। पीड़िता का लखनऊ ट्रॉमा सेंटर मे इलाज चल रहा है। पहले से स्थिति ठीक है। पुलिस विभाग भी सहयोग कर रहा है। लोगों से अपील है कि वे गलत सूचनाएं न फैलाएं।

इसके बाद हमे महिला सिपाही के भाई का वीडियो भी मिला जिसमे उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में मेरी बहन के बारें में गलत तरीके से दिखा रहे हैं, मेरी बहन के साथ कोई गंदा काम नहीं किया गया है। इससे हमे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अपनी पड़ताल में हमे जीआरपी एसपी पूजा यादव का वीडियो मिला जिसमे उन्होंने बताया है कि सरयू एक्सप्रेस में घायल महिला सिपाही के सम्बन्ध में मेडिकल और FSL रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया में चल रही खबर असत्य हैं।

हमे इस मामले में पत्रकार संजय त्रिपाठी का एक पोस्ट मिला जिसमे उन्होंने लिखा है कि सरयू एक्सप्रेस में महिला कांस्टेबल संग हुई वारदात के मामले में अनीस नाम के युवक को ⁦@Uppolice ने एनकाउंटर में मार गिराया, जबकि उसके दो साथी विशंभर दयाल दुबे और आज़ाद ख़ान को मुठभेड़ के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया है। छेड़छाड़ के विरोध में महिला कांस्टेबल को बुरी तरह पीटा था।

हमने इन कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो हमे दैनिक भास्कर पर 22 सितम्बर 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली जिसमे बताया गया है कि इस घटना के सम्बन्ध में पुलिस ने एक आरोपी अनीश खान एनकाउन्टर में मारा गया है। इसके अलावा दो आरोपियों आजाद और विशम्भर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक नीश, आजाद और विशम्भर पेशेवर चोर हैं। चलती ट्रेनों में चोरियां करते हैं। 30 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में चोरी के इरादे से ही चढ़े थे। अयोध्या स्टेशन आने से पहले बोगी तकरीबन खाली हो चुकी थी। उस दौरान ये तीनों सीट पर बैठे मोबाइल पर ब्लू फिल्म देख रहे थे। सामने की सीट पर महिला कॉन्स्टेबल बैठी थीं। अयोध्या में पूरी तरह से बोगी खाली होने पर उन्होंने महिला के साथ जबरदस्ती करना शुरू किया। कॉन्स्टेबल ने विरोध किया तो उसके चेहरे पर धारदार चीज से वार किए। सिर को खिड़की से टकराया। फिर भी कॉन्स्टेबल लड़ती रही। हावी होने में नाकाम होने पर महिला कॉन्स्टेबल को बुरी तरह से मारा। इसके बाद कॉन्स्टेबल बेसुध हो गई। जमीन पर गिर पड़ी। आरोपियों ने इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल के कपड़े उतार दिए। इस दौरान मनकापुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन पहुंच गई। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने कॉन्स्टेबल को सीट के नीचे ढकेल दिया और खुद ट्रेन से नीचे उतर गए।

दावासोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस में महिला स‍िपाही के साथ बलात्कार हुआ था।
दावेदारसदफ आफरीन, काशिफ अर्सलान, राशिद, सत्य प्रकाश भारती, योगिता भयाना, समाजवादी पार्टी के नेता जितेन्द्र वर्मा समेत कई यूजर्स 
फैक्ट चेकगलत & भ्रामक

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