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त्रिपुरा में EVM में गडबडी की वजह से 100% से ज्यादा मतदान होने का दावा भ्रामक है

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लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को वोट डाले गए। वहीं पहले चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद खबर आई कि त्रिपुरा में 100 प्रतिशत से ज्यादा मतदान रिकॉर्ड हुआ। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग EVM में गड़बड़ी व घोटाले का आरोप लगाने लगे।

CPIM त्रिपुरा ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट कर चुनाव आयोग से त्रिपुरा वेस्ट कॉन्स्टिट्वेंसी के कुछ पोलिंग बूथ में 100 प्रतिशत से अधिक मतदान रिकॉर्ड होने पर आपत्ति दर्ज करवाई। इसके साथ ही दोबारा चुनाव करवाने की मांग की।

Source: Facebook

कांग्रेस समर्थक पत्रकार दयाशंकर मिश्रा ने लिखा, ‘त्रिपुरा में 100 प्रतिशत से ज़्यादा वोटिंग! देश में क्या चल रहा है?’

एमबी भारती ने लिखा, ‘EVM का कमाल कही 110% तो कही 105% तो कही 101% तो कई जगह 100% ज्यादा वोटिंग मामला त्रिपुरा का है’

वहीं सुधीर चौधरी कमेन्ट्री ने news24 का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘त्रिपुरा में कैसे हुई 108 % वोटिंग ? EVM – 100 % VVPAT मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सॉफ्टवेयर को लेकर बवाल, क्या है EVM का ‘सोर्स कोड’ जिसका आज तक खुलासा नहीं किया गया?’

वामपंथी मीडिया संस्थान THE WIRE ने भी इस खबर को अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से चलाया।

यह भी पढ़ें: रवीना टंडन ने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को वोट देने की अपील नहीं की

फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमें सबसे पहले एक्स पर त्रिपुरा के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर का एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में लिखा है, ‘यह जानकारी पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। 1-पश्चिम त्रिपुरा संसदीय क्षेत्र के भीतर, कुछ मतदान केंद्र ऐसे रहे हैं जहां बड़ी संख्या में चुनाव अधिकारियों ने EDC (Election Duty Certificate) के तहत उन केंद्रों में मतदान किया जिसके कारण मतदान प्रतिशत 100% से अधिक आया।’ वहीं इस पोस्ट के रिप्लाई में  लिखा है, ‘कृपया ध्यान दें कि EDC चुनाव अधिकारियों को उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी मतदान केंद्र पर मतदान करने की अनुमति देता है।’

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात वे सभी लोग जो उस स्थान पर मतदान नहीं कर सकते जहां मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं, उन्हें EDC (Election Duty Certificate) के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जाती है। EDC के माध्यम से चुनाव अधिकारी उसी मतदान केन्द्र में मतदान कर सकते हैं, जहां उन्हें ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है।

CEO त्रिपुरा के इस पोस्ट में एक प्रेस रिलीज भी है, जिसमें कुछ पोलिंग बूथ पर हुए 100% से अधिक मतदान का पूरा गणित समझाया गया है, यह इस प्रकार है-

पोलिंग स्टेशन – पार्ट नंबर 44 ऑफ 10 मजलिसपुर असेंबली, 1-पश्चिम त्रिपुरा

कुल वोटर्स545
डाले गए वोट498
वोटिंग प्रतिशत91.37
इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट (EDC) के तहत डाले गए वोट68
EDC प्रतिशत12.48
कुल वोटर्स का प्रतिशत + EDC के तरह डाले गए वोट का प्रतिशत103.85

पोलिंग स्टेशन – पार्ट नंबर 44 ऑफ 5 कायेरपुर असेंबली, 1-पश्चिम त्रिपुरा

कुल वोटर्स1290
डाले गए वोट 1053
वोटिंग प्रतिशत81.62
इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट (EDC) के तहत डाले गए वोट07
EDC प्रतिशत0.54
कुल वोटर्स का प्रतिशत + EDC के तरह डाले गए वोट का प्रतिशत82.17

पोलिंग स्टेशन – पार्ट नंबर 25 ऑफ 5 कायेरपुर असेंबली, 1-पश्चिम त्रिपुरा

कुल वोटर्स840
डाले गए वोट 734
वोटिंग प्रतिशत87.38
इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट (EDC) के तहत डाले गए वोट5
EDC प्रतिशत0.59
कुल वोटर्स का प्रतिशत + EDC के तरह डाले गए वोट का प्रतिशत87.97

पोलिंग स्टेशन – पार्ट नंबर 38 ऑफ 2 मोहनपुर असेंबली, 1-पश्चिम त्रिपुरा

कुल वोटर्स452
डाले गए वोट 429
वोटिंग प्रतिशत94.91
इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट (EDC) के तहत डाले गए वोट63
EDC प्रतिशत13.93
कुल वोटर्स का प्रतिशत + EDC के तरह डाले गए वोट का प्रतिशत108.84

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि त्रिपुरा वेस्ट कॉन्स्टिट्वेंसी​​​​​​ में इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट (EDC) प्रक्रिया के तहत डाले गए वोट के चलते 100 प्रतिशत से अधिक मतदान रिकॉर्ड हुआ है। EVM समेत चुनाव प्रक्रिया की गड़बड़ी का दावा भ्रामक है।

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