सोशल मीडिया पर दावा है कि हैदराबाद के निजाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था। लोग लिख रहे हैं की हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान ने भारत सरकार को चीन के खिलाफ युद्ध के लिए 5,000 किलो सोना दान किया था। हालांकि जब हमने इसकी पड़ताल की तो यह दावा भ्रामक पाया गया।
Journo Mirror ने एक्स पर लिखा, ‘मुसलमानों को घुसपैठिए कहने वालों को चाचा ने दिया करारा जवाब, बोले- हैदराबाद के निजाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे?’
मुसलमानों को घुसपैठिए कहने वालों को चाचा ने दिया करारा जवाब, बोले- हैदराबाद के निज़ाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे?#LokSabhaElection2024 #Muslim #India
— Journo Mirror (@JournoMirror) May 6, 2024
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कट्टरपंथी वाजिद खान ने लिखा, ‘हैदराबाद के निजाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे?’
हैदराबाद के निज़ाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे? pic.twitter.com/NAHpbYzHBV
— Wajidkhan (@realwajidkhan) May 7, 2024
टीपू सुलतान पार्टी ने लिखा, ‘सन् 1962 में, निजाम मीर उस्मान अली ने चीन के खिलाफ युद्ध में फंड के प्रति पांच टन – यानि 5000 किलो सोना दिया था । आज के बाजार मूल्य के रूप में निजाम का योगदान करीब 2500 करोड़ रुपये है, भारत में किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा अब तक का सबसे बड़ा योगदान है।’
सन् 1962 में, निजाम मीर उस्मान अली ने चीन के खिलाफ युद्ध में फंड के प्रति पांच टन – यानि 5000 किलो सोना दिया था ।
— Tipu Sultan Party ٹیپو سلطان پارٹی (@TSP4India) November 27, 2021
आज के बाजार मूल्य के रूप में निजाम का योगदान करीब 2500 करोड़ रुपये है, भारत में किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा अब तक का सबसे बड़ा योगदान है। pic.twitter.com/c46PQ71rDa
तनवीर अहमद ने लिखा, ‘मुसलमानों को घुसपैठिए कहने वालों को चाचा ने दिया करारा जवाब, बोले- हैदराबाद के निजाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे?’
मुसलमानों को घुसपैठिए कहने वालों को चाचा ने दिया करारा जवाब, बोले- हैदराबाद के निज़ाम ने इस देश के लिए 5 हज़ार किलो सोना दिया था, क्या वो घुसपैठिए थे? pic.twitter.com/4nECJscRFE
— Tanveer Ahmad (@Tanveera2805) May 6, 2024
मोहम्मद आसिफ खान ने लिखा, ‘इस भगवा मूर्ख योगी को इतिहास का A,B,C,D भी नहीं पता.. निज़ाम भागे नहीं थे। 1965 में पीएम शास्त्री चीन से लड़ने के लिए फंड के लिए उनसे मिले थे और निज़ाम ने राष्ट्रीय रक्षा कोष में 5000 किलोग्राम सोना दान किया.. यह अब तक किसी भी व्यक्ति द्वारा किया गया सबसे बड़ा योगदान था !!’
This saffron idiot Yogi didnt even know A,B,C,D of History .. Nizam didnt flee but PM Shastri met him in 1965, for funds to fight China. And Nizam donated 5000 KG Gold to National Defence Fund.. It was/is biggest ever Contribution by any individual till now !! https://t.co/IRdyDtH7tG
— Md Asif Khan (@imMAK02) December 2, 2018
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फैक्ट चेक
पड़ताल में हमने मामले से संबंधित की-वर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक आरटीआई के जवाब में इस बात से इनकार किया। पीएमओ ने कहा कि इस तरह के किसी डोनेशन की कोई जानकारी नहीं है या इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है।
वहीं नवभारत टाइम्स के मुताबिक, 1965 में जब भारत चीन की लड़ाई छिड़ी तब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने फंड जुटाने का अभियान शुरू किया। इसी दौरान सरकार ने नेशनल डिफेंस गोल्ड स्कीम की शुरुआत की। निजाम ने इस स्कीम में 6.5% ब्याज के साथ 425 लाख ग्राम (425 किलोग्राम) सोना निवेश किया। नेशनल डिफेंस गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश करने वालों को कई प्रकार की छूट थी। कस्टम रेगुलेशन लागू नहीं होता साथ ही आयकर अधिनियम के तहत भी छूट थी। किसी की आय कम होने पर भी सोना कहां से आया इसको लेकर कोई सवाल नहीं था।
11 दिसंबर, 1965 की द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और हैदराबाद के निजाम के बीच एयरपोर्ट पर कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हुआ। बाद में शाम को एक जनसभा को संबोधित करते हुए शास्त्री ने निजाम को 425 लाख ग्राम सोने के बांड में निवेश करने पर बधाई दी।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि निजाम ने सोना दिया जरूर था लेकिन दान में नहीं बल्कि नेशनल डिफेंस गोल्ड स्कीम में निवेश किया था। उन्होंने कुल 425 किलो गोल्ड का निवेश किया था। इस इन्वेस्टमेंट पर उन्हें तब 6.5 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलना था।