उत्तरप्रदेश, एटा में दो गुटों के बीच हुआ ज़मीन को लेकर झड़प को कुख्यात कट्टरपंथी काशिफ अरसलान और अली सोहराब ने दिया सांप्रदायिक रंग

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फर्जी
ऊपर उल्लेख किए गए ट्वीट के दावे फर्जी है

भारत में चरमपंथी जिहादी दो तरह से  सोशल मीडिया के माध्यम से देश में माहौल खराब करते हैं। पहला यह कि – विक्टिमकार्ड खेल कर देशभर के वामपंथियों का सहानुभूति प्राप्त करते है। और दूसरा यह कि- किसी भी आम मसले के अंतर्गत सांप्रदायिक एंगल निकाल कर, देशभर के चरमपंथियों को उकसाते हैं। काशिफ अरसलान और अली सोहराब जैसे जिहादी इन दोनों तरीकों में माहिर हैं। हाल ही में काशिफ और अली ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर दावा किया कि उत्तरप्रदेश के एटा में हिन्दुओं ने मुस्लिमों के मकान पर कब्जा करने के नियत से उनके ऊपर हमला किया और फिर उत्तरप्रदेश प्रशाशन ने केवल मुस्लिमों के ऊपर करवाई की।

कुख्यात कट्टरपंथी काशिफ अरसलान ने ट्वीट कर लिखा, “उत्तरप्रदेश – एटा, गाँव नगला जगरूप, 100 सालों से रह रहे एक मुस्लिम परिवार पर घर कब्ज़ाने के लिए (जगदीश, छोटू, नरेश, योगेश, लेखपाल राजकुमार) ने हमला किया गया, व बुलडोज़र साथ ला कर घर गिनाने की कोशिश करने लगे। घर में औरतें बच्चे सबको बुरी तरह से पीटे जाने का आरोप है, पीड़ित का आरोप है के पुलिस को दिए गए तहरीर पर पुलिस ने उल्टा उनके खिलाफ ही करवाई करते हुए परिवार के एक सदस्य “शहीद” को गिरफ़्तारी करके ले गई।”

इस्लामिस्ट चरमपंथी अली सोहराब ने लिखा, “उत्तरप्रदेश: एटा, गाँव नगला जगरूप में जगदीश, छोटू, नरेश, योगेश, लेखपाल राजकुमार के अगवाई में हिन्दुओं  ने 100 सालों से रह रहे एक मुस्लिम परिवार पर घर कब्ज़ाने के लिए हमला किया और बुलडोज़र साथ ला कर घर गिनाने की कोशिश करने लगे…”  

हिंदूफोबिक ट्विटर हैंडल द मुस्लिम ने लिखा, “100 साल से रह रहे एक मुस्लिम परिवार का घर कब्ज़ाने के लिए हिंदू (जगदीश, छोटू, नरेश, योगेश, लेखपाल राजकुमार) ने बुलडोजर लेकर हमला किया । आरोप है घर में औरतें बच्चे सबको बुरी तरह से पीटा और बुलडोजर लेकर घर तोड़ने की कोशिश की। पीड़ित का आरोप पुलिस को दिए गए तहरीर पर पुलिस ने उल्टा मुस्लिम परिवार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए परिवार के एक सदस्य “शाहिद” को गिरफ़्तार कर लिया ।”

इन तीनों एंटी- हिंदू ट्विटर यूजर्स के आलावा और भी कट्टरपंथियों ने कतार में ट्विटर पर एक मत में बिल्कुल समान दावा किया। आप इन्हें यहां, यहां और यहां देख सकते हैं।

काशिफ अरसलान और अली सोहराब जैसे चरमपंथी एंटी- हिंदू प्रवृति के सीरियल फेक न्यूज़ पेडलर है, ऐसे में इनके द्वारा किए जा रहे दावों की सच्चाई जाना आवश्यक है।

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फैक्ट चेक

इस ख़बर की पड़ताल करने के लिए इस मामले से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट की जांच की। पड़ताल के दौरान हमें जानकारी मिली कि यह मामला दो गुटों के बीच जमीन को लेकर विवाद के कारण हुआ है।

दैनिक भास्कर के अनुसार, “ एटा, कोतवाली देहात क्षेत्र के तहत गांव नगला जगरूप में रविवार को विवादित जमीन को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। दोनों ओर से लाठी-डंडे चले और पथराव भी हुआ। बाद में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस मामले में अब पुलिस टीम पर हमला और पथराव करने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।”

Source- Dainik Bhaskar

दैनिक भास्कर ने इस मामले में आगे प्रकाश डालते हुए लिखा, “ अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय सिंह कुशवाह ने बताया कि नगला जगरूप में ज़मीन के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट हुई है। इस मामले में दोनों पक्षों से एक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”

Source- Dainik Bhaskar

इस विवाद की पड़ताल को सत्यापित करने के लिए हमने अमर उजाला द्वारा प्रकशित की गई रिपोर्ट के ओर भी रुख किया।

अमर उजाला के मुताबिक,  ‘उत्तरप्रदेश, एटा के थाने के निरीक्षक अपराध जेपी अशोक ने अब्दुल सहित 13 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। बताया कि जमीन के विवाद को लेकर दोनों पक्षों ने मारपीट और दंगा-फसाद किया है। सूचना पर पुलिस टीम पहुंची तो उस पर पथराव कर दिया। गाली-गलौज कर मारपीट की गई। जान से मारने की धमकी दी। सरकारी कार्य में बाधा डाली गई है। कोतवाली देहात प्रभारी शंभूनाथ ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों पर कार्रवाई की जा रही है।‘

Source- Amar Ujala

बता दें कि इस पूरे प्रकरण की सच्चाई की पुष्टि करने हमें एटा पुलिस द्वारा दिया गया बयान मिला। पुलिस के अनुसार, यह पूरा मामला दो गुटों के बीच ज़मीन को लेकर विवाद के कारण हुआ था। अतः फिलहाल दोनों गुटों से एक- एक आदमी को गिराफ्तर किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने मामले को सांप्रदायिक एंगल नहीं दिया है।

मीडिया रिपोर्ट और पुलिस के कथन के अलावा हमें इस मामले से संबंधित FIR की कॉपी भी हाथ लगी है। FIR की कॉपी में यह साफ हो गया है कि मामले में दोनों गुटों के उपद्रवी नामजद है। जिसमें हिंदू और मुस्लिम है। साथ ही में FIR ने भी सांप्रदायिक कारण को नकारा है।

Source- FIR
Source- FIR

इसलिए निष्कर्ष में यह साफ हो जाता है कि उत्तरप्रदेश, एटा में हुआ विवाद जिसका वीडियो कट्टरपंथियों ने वायरल कर दिया है उसमें किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक कारण नहीं है। पूरा मामला दो गुटों के बीच हुए ज़मीन को लेकर विवाद के कारण हुआ, उसके बाद दोनों गुटों के तरफ से पुलिस के ऊपर पथराव हुआ। नतीजन, दोनों गुटों के लोग FIR में नामजद हैं।

दावा
चरमपंथियों ने दावा किया कि हिन्दुओं ने मुस्लिमों के घर पर कब्ज़ा करने के इरादे से उनके ऊपर हमला किया और पुलिस ने केवल मुस्लिमों के ऊपर कार्रवाई किया है।
दावेदार
काशिफ अरसलान, अली सोहराब एवं अन्य कट्टरपंथी
फैक्ट चेकफर्जी

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