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योगेन्द्र यादव और उनके हवा हवाई चुनावी सर्वे की सच्चाई जानिए

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योगेंद्र यादव विपक्ष और वामपंथियों की नजर में आज एक प्रमुख राजनीतिज्ञ, विचारक, चुनावी विश्लेषक, किसान और आंदोलनकारी के रूप में माने जाते हैं। वे हर लोकसभा या विधानसभा चुनाव से पहले अपने पक्ष को सोशल मीडिया और टीवी पर एक ‘जिम्मेदार’ चुनावी विश्लेषक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस बार भी उन्होंने हाल ही में एक पोस्ट के माध्यम से दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 50 सीटों को जीतना मुश्किल हो सकता है। योगेंद्र यादव के मुताबिक बीजेपी यूपी में अपना जनाधार खो रही है जबकि सपा कांग्रेस और अन्य पार्टियां अपने वोट बैंक को बढ़ा रही हैं।

योगेन्द्र यादव ने X पर कुछ मुद्दों को लेकर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में राजनैतिक भूचाल आ सकता है।मेरठ से बनारस तक 15 संसदीय क्षेत्रों में सैकड़ों ग्रामीण वोटर से बात कर यह साफ है कि सभी जगह सभी जातियों में बीजेपी का वोट खिसक रहा है। 70 तो छोड़िए, बीजेपी के लिये 60 सीट बचाना भी नामुमकिन है, मुझे तो 50 भी नहीं दिख रहीं।

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फैक्ट चेक

यूपी की सीटों को लेकर योगेन्द्र यादव के आंकलन का नतीजा 4 जून को आएगा। तब तक हम उनके पुराने विश्लेषण पर बात कर लेते हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की भविष्यवाणी करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी 2014 की तुलना में 100 सीटें खो देगी क्योंकि पीएम मोदी अब पहले जैसे लोकप्रिय नहीं हैं। हालांकि जब चुनाव के परिणाम आए तो बीजेपी को 303 सीटें मिलीं। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 282 सीटें मिलीं थीं अर्थात 2019 में 21 सीटों की वृद्धि हुई।

2017 गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले योगेन्द्र यादव ने अपना निजी एग्जिट पोल साझा किया और तीन दावों किए। उन्होंने सभी तीन दावों में बीजेपी की हार की संभावना जताई। पहले सेनारियों में उन्होंने कहा कि बीजेपी को 86 सीटें मिलेंगी और कांग्रेस को 92 सीटें। दूसरे सेनारियों में बीजेपी को 65 सीटें और कांग्रेस को 113 सीटें मिलेंगी तो तीसरे सेनारियों में कहा कि बीजेपी का हाल कुछ अधिक ही बुरा हो सकता है। हालांकि जब चुनाव के परिणाम आए तो बीजेपी को 99 सीटें और कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं।

साल 2017 में योगेन्द्र यादव में उत्तराखंड में बीजेपी को पूर्ण बहुमत, यूपी में किसी को बहुमत नहीं, पंजाब में अकाली, गोवा में बीजेपी को बढ़त, मणिपुर में किसी को बहुमत नहीं लेकिन कांग्रेस को बढ़त का आंकलन किया। वहीं नतीजों में उत्तराखंड और यूपी में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला। पंजाब में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। गोवा में कांग्रेस को बढ़त मिली। उसे कुल 17 सीट मिली जबकि बीजेपी को 13 पर संतोष करना पड़ा। इसके अलावा मणिपुर में किसी पार्टी को बहुमत मिला, योगेन्द्र यादव के दावे के विपरीत कांग्रेस को 19 सीटों का नुकसान हुआ।

बीते वर्ष मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के संबंध में योगेन्द्र यादव ने पत्रकार आशुतोष के कार्यक्रम में पूरे आत्मविश्वास के साथ दावा किया कि एमपी और छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। हालांकि नतीजों में दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था।  मध्य प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 54 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को 35 सीटें प्राप्त हुईं थीं।

वहीं बीते तेलंगाना विधानसभा चुनाव के बारे में योगेन्द्र यादव ने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से जीतेगी। 2023 मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में योगेन्द्र यादव ने दावा किया था कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।

वहीं पत्रकार अजीत अंजुम के कार्यक्रम में 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के बारे में भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि राजस्थान में कुछ भी हो सकता है। बीजेपी हार सकती है, कांग्रेस चुनाव जीत सकती है या फिर दोनों में से किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। हालांकि राजस्थान के चुनाव नतीजों में बीजेपी को 115 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 69 सीटें। राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे भी योगेन्द्र यादव की भविष्यवाणी के विपरीत थे।

साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में बीजेपी का वोट गिर गया है और जीत मुश्किल है। हालांकि नतीजे उनकी भविष्यवाणी के विपरीत थे। बीजेपी को पूर्ण बहुमत के साथ 255 सीटें मिलीं। 


साल 2014-2015 के दौरान आम आदमी पार्टी ने हरियाणा से लोकसभा चुनाव की लड़ाई लड़ी थी। इसमें योगेन्द्र यादव भी गुड़गांव से चुनाव में शामिल थे। योगेन्द्र यादव ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगी। हालांकि नतीजा यह था कि सभी दस सीटों में हार हुई और योगेन्द्र यादव सहित सभी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर ली गई।

Source- Times of India

2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें महागठबंधन की जीत का दावा किया था। उनका आंकलन सही साबित हुआ।

निष्कर्ष: योगेन्द्र यादव के दावे और उनकी हकीकत से स्पष्ट होता है कि वो चुनावी विश्लेषक कम राजनेता ज्यादा हैं। उनकी अधिकांश चुनावी भविष्यवाणियाँ असफल होती हैं। यादव विपक्षी दलों के साथ काम करते हैं इसलिए उनके चुनावी आंकलन में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ द्वेष साफ नजर आता है।

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