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अयोध्या के राम मंदिर में दलित की पिटाई का दावा झूठा

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सोशल मीडिया पर एक लड़के की पिटाई का वीडियो वायरल है। वीडियो में दिखा रहा है कि कैसे दो लोग युवक की जमकर पिटाई कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अयोध्या का है, जहां राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के को आयोजकों ने पीटा। हालांकि हमारी पड़ताल म यह दावा झूठा निकला।

पारो निधि राव में एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के विष्णु को आयोजकों ने पीटा। भाई आपको किस ने कहा था वहां सेलिब्रेट करो दलित का काम बस दंगा करना हिंदू ब्राह्मण के राज के लिए लड़ना है राम मंदिर के दान पुन का और वहां पुजारी बनने का हक पोंगा पंडित का है।’

कट्टरपंथी मोहम्मद तनवीर ने लिखा, ‘ धार्मिक समारोह मे दलित युवक ने फूल फेंक दिया तो दो व्यक्ति ने पकड़ कर धुन दिया। अरे भाई तुम्हारा काम है मुसलमानों की मस्जिद पर हमला करना मुस्लिम विरोधी दंगों में आगे रहना यह,धार्मिक काम उच्च जातियों के लिए रिजर्व है।’

वहीं स्वलेहा ने भी इसे अयोध्या का बताते हुए लिखा ‘अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर आयोजकों ने दलित लड़के विष्णु की पिटाई की। उसको क्या पता के वो फूल नही डाल सकता। क्यू की वो दलित है?’

 Crime Reports India ने लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर आयोजकों ने दलित लड़के विष्णु की पिटाई की’ 

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान वीडियो से जुड़ी एक खबर हमें 24 दिसंबर को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना हरियाणा के फरीदाबाद में गीता जयंती समारोह की है। इस समारोह में स्कूली बच्चे शामिल हुए, जिसमें  सीनियर सैकंडरी सरकारी स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र विष्णु गौंछी भी शामिल हुआ। विष्णु के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाली अन्य बच्चे और बच्चियां भी थीं। उस दौरान गोंछी सरकारी स्कूल में संस्कृत पढ़ाने वाले टीचर रवि मोहन और कमल ने विष्णु पर लड़कियों पर फूल फेंकने का आरोप लगाया। इसके बाद जमीन पर गिराकर उसकी बुरी तरह पिटाई की।

Source- Dainik Bhaskar

वहीं इस मामले में दैनिक भास्कर की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चे को जमीन पर गिराकर पीटने वाले टीचरों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। उन पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74,75 और आईपीसी की धारा 323, 506 लगाई गई है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन लिया गया है।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के की पिटाई का दावा झूठा है। असल में यह मामला हरियाणा के गीता जयंती समारोह में टीचरों द्वारा एक छात्र को पीटने का है।

दावाअयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के को आयोजकों ने पीटा
दावेदारपारो निधि राव, मोहम्मद तनवीर व स्वलेहा 
फैक्टझूठ
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