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52 करोड़ में अहमदाबाद के हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने का दावा भ्रामक है

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सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि गुजरात के अहमदाबाद में 42 करोड़ रुपये की लागत से हाटकेश्वर ब्रिज बनाया गया लेकिन घटिया निर्माण सामग्री की वजह से अब इसे 52 करोड़ रुपये में तोडा जाएगा। हालांकि हमारी जांच में यह दावा भ्रामक पाया गया है।

मुख्यधारा मीडिया पर सुधीर चौधरी और सईद अंसारी ने इस मामले में रिपोर्ट की है। आज तक ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘पुल बनाने की कीमत 42 करोड़, गिराने की 52 करोड़!’

कांग्रेस पार्टी ने इन्फोग्रफोक इमेज शेयर करते हुए लिखा, ‘ गुजरात मॉडल में ब्रिज बनाने की कीमत 42 करोड़ और तोड़ने की कीमत 52 करोड़।‘

ऑल्ट न्यूज के संस्थापक सदस्य और फेक न्यूज़ पेडलर मुहम्मद ज़ुबैर ने लिखा, ‘अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज। 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण। गुजरात मॉडल में उसी पुल को गिराने की लागत 52 करोड़ रुपये।‘

प्रशांत भूषण ने लिखा, ‘देखिए गुजरात मॉडल का कमाल! 2017 में ४२ करोड़ की लागत से अहमदाबाद में बना पुल अब ५२ करोड़ के ख़र्चे पर ध्वस्त किया जाएगा! पैसा ही पैसा!‘

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल, ‘भाजपा का भ्रष्टाचार सबके सामने है। 2017 में भाजपा शासित केंद्र और गुजरात सरकार में ये ब्रिज अहमदाबाद में 42 करोड़ की लागत से बना और दावा किया गया कि इस ब्रिज की आयु 100 साल है, लेकिन ये ब्रिज मात्र 7 साल में ध्वस्त हो गया और अब इसे तोड़ने के लिए 52 करोड़ रुपए खर्च होगा। जनता के पैसे की इतनी बर्बादी और महाभ्रष्टाचार अब सबके सामने है। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए से और नकदी में भाजपा/भाजपा नेताओं/अधिकारियों ने कंपनियों से भारी मात्रा में रिश्वत खाई अपनी पसंदीदा कंपनियों को ठेके दिए और कंपनियों ने गुणवत्ताहीन काम किया जिसका परिणाम सामने है। पिछले सवा 10 वर्षीय भाजपा शासनकाल में देश को भ्रष्टाचार में धकेल कर बर्बाद कर दिया है भाजपा ने और हालात जानलेवा और अर्थव्यवस्था की बर्बादी के सबके सामने हैं।‘

कट्टरपंथी अली सोहराब ने लिखा, ‘अहमदाबाद: ₹42 करोड़ में बना पुल, तोड़ने में ₹52 करोड़ खर्च…‘

गोविन्द प्रताप सिंह ने लिखा, ‘गुजरात मॉडल देख लीजिए। अहमदाबाद में 2017 में 42 करोड़ की लागत से हाटकेश्वर ब्रिज बना। तब दावा किया गया कि इस पुल की उम्र 100 साल होगी, लेकिन 5 साल बाद ही पुल जर्जर होने के कारण बंद करना पड़ा। अब हालात ये हैं कि: इसे तोड़ा जाएगा, जिसमें 52 करोड़ का खर्च आएगा।‘

दिनेश कुमार ने लिखा, ‘अहमदाबाद: 42 करोड़ में बना पुल, तोड़ने में 52 करोड़ खर्च‘

इसके अतिरिक्त, इस दावे को साक्षी जोशी, सदफ अफरीन, आईपी सिंह, सुरेंद्र राजपूत, बोलता हिंदुस्तान, नरेंद्र नाथ मिश्र, श्रीनिवास बीवी और अंकित मयंक ने भी साझा किया है।

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फैक्ट चेक

पड़ताल में हमे 27 जुलाई 2024 को टाइम्स ऑफ इंडिया पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद नगर निगम ने हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने और फिर से निर्माण करने के लिए एक नया टेंडर जारी किया है। इस टेंडर की मूल लागत 51.7 करोड़ रुपये है।

Source- Times of India

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमें इंडियन एक्सप्रेस की 16 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट मिली। इसमें बताया गया कि खराब निर्माण कार्य की वजह से अहमदाबाद नगर निगम ने हाटकेश्वर ब्रिज बनाने वाली कंपनियों, अजय इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और एस जी एस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। साथ ही, अहमदाबाद नगर निगम ने अपने आठ इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की है, जिनमें से चार को निलंबित कर दिया गया है, तीन को सेवानिवृत्त किया गया है और एक संविदा पर काम कर रहा है। ये सभी इंजीनियर पुल परियोजना की निगरानी के लिए जिम्मेदार थे। अहमदाबाद नगर निगम ने इन दोनों कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और अजय इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को पल्लव चार-रास्ता (चौराहा) पर एक अन्य निर्माणाधीन पुल का ठेका भी रोक दिया गया है।

इसके बाद हमें लोकतेज की 15 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद म्युनिसिपल कमिश्नर एम. थेनारसन ने बताया कि तीन विशेषज्ञों की कमेटी ने पुल की पूरी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपी है, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि अब इस पुल को गिराकर फिर से बनाया जाएगा और इसका पूरा खर्च ठेकेदार को वहन करना होगा।

इसके अलावा ‘अहमदाबाद मिरर‘ पर 30 मई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि अजय इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (एईआईपीएल) के चार निदेशकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

दावाअहमदाबाद में बने हाटकेश्वर ब्रिज की लागत 42 करोड़ रुपये थी, अब इसे तोड़ने की लागत 52 करोड़ रुपये होगी।
दावेदार जुबैर, सुरेंद्र राजपूत, सदफ अफरीन, प्रशांत भूषण और अन्य।
निष्कर्षहाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने और पुनर्निर्माण की कुल लागत 52 करोड़ रुपये है। साथ ही, नए निर्माण का पूरा खर्च पुराने ठेकेदार से वसूला जाएगा।
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