मोहम्मद जुबैर ने चुनिंदा ट्वीट्स दिखाकर चलाया पाकिस्तानी प्रोपोगेंडा, जानिए पूरा सच।

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रविवार को दुबई में खेले गए एशिया कप सुपर-4 के रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को एक गेंद शेष रहते 5 विकेट से हरा दिया। हालांकि इसी बीच कई ट्विटर पर अर्शदीपखालिस्तानी जैसे ट्रेंड ट्विटर पर दिखने लगे। ट्रेंड को लेकर कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह राइट विंगहिंदुत्व समर्थकों द्वारा चलाया गया है।

Fact Check

हमनें इस मसले की एक गहन पड़ताल की तो दावे की तो हमारी पड़ताल में सच्चाई कुछ अलग ही निकली। 

सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अंशुल सक्सेना ने कुछ ट्वीट्स के स्क्रीन शॉट शेयर किए जिससे ज्ञात हुआ कि पाकिस्तानियों ने कथित तौर पर ट्विटर पर अर्शदीप के खिलाफ प्रचार शुरू किया और उन्हें “खालिस्तानी” कहा।

अर्शदीप के खिलाफ आलोचना करने वाले कुछ ट्विटर अकाउंट में पाकिस्तानी पत्रकार डब्ल्यूएस खान शामिल हैं, जिसने कहा था कि “अर्शदीप स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान आंदोलन का हिस्सा है”।

अर्शदीप को निशाना बनाने वाले इनमें से ज्यादातर अकाउंट पाकिस्तान से हैं और भारत के खिलाफ खालिस्तान प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। कई फर्जी अकाउंट्स भी तैयार किए गए ताकि लगे कि अर्शदीप के कैच छोड़ने के बाद भारतीयों ने सिख होने की वजह से उनकी आलोचना की।

वहीं मैच समाप्त होने के बाद पाकिस्तान में अर्शदीप टॉप ट्विटर ट्रेंड बन गया था जिसे हवा कई पाकिस्तानी पत्रकार व सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ने दी।

इसके अलावा 4 सितम्बर को खालिस्तानी शब्द के इस्तेमाल में भी पाकिस्तान सबसे ऊपर रहा है। इसके बाद यूएई, कतरकनाडा जैसे देश भी शामिल हैं।

कीवर्ड “खालिस्तानी” का Google ट्रेंड मैप दिखाता है कि लगभग आधे से ज्यादा सर्च पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और कतर से किए गए हैं। वहीं भारत में इसके ट्रेंड होने का प्रमुख कारण लोगों द्वारा षड्यंत्र की आलोचना है।

ट्विटर एडवांस सर्च के जरिए भाषाई तौर पर विश्लेषण करने पर पता चला कि पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन टीएलपी व इमरान खान की पार्टी पीटीआई से जुड़े लोगों ने भी खालिस्तानी शब्द का बखूबी इस्तेमाल किया।

इस ट्रेंड में कई बॉट अकाउंट भी इस्तेमाल किए गए हैं। उदाहरण के लिए नीचे देखें।

आर्काइव लिंक

हमारे विश्लेषण से साफ है कि अर्शदीप को खालिस्तानी बताने वाले ट्वीट्स ज्यादातर पाकिस्तान से हैं और एक एजेंडा के तहत इन्हें शुरू किया गया था। इसके अलावा जो आरोप लगे उन्हें चुनकर हाइलाइट किया जबकि दूसरे पक्ष को छुपा दिया गया।

Claimअर्शदीप व खालिस्तानी जैसे ट्रेंड राइट विंग व हिंदुत्व समर्थकों द्वारा चलाया गया।
Claimed byऑल्ट न्यूज पत्रकार अभिषेक, राणा अयूब, अशोक स्वैन, पत्रकार मोहम्मद जीशान आदि।
Fact Checkदावा भ्रामक है।

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जय हिन्द।