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मुस्लिम युवक को जूते से पानी पिलाने का वीडियो भ्रामक, पहले भी कई बार हो चूका है वायरल!

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सोशल मीडिया पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा एक वीडियो ट्वीट किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति को जूते में पानी भरकर पिला रहे हैं। लोगों का दावा है कि मुस्लिम युवक को ऊंची जाति के लोगों ने जूते से पानी पिलाया है।

इसी क्रम में ट्वीटर पर अक्सर झूठ फैलाने वाले ‘वसीउद्दीन सिद्दीकी‘ ने इस वीडियो को ट्वीट किया है। सिद्दीकी ने पीड़ित को मुस्लिम बताते हुए लिखा, ” इस वीडियो क्लिप की जितनी भी निंदा की जाये कम हैं आजाद भारत में एक समाज के प्रति इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है !! मगर मन में ये सवाल आ रहा है कि आखिर ये लोग क्यों मुसलमानों के खिलाफ विरोध और हिंसा करने में सबसे आगे रहते है !! आखिर ये लोग कैसे बार बार इस्तेमाल हो जाते है !!

Source- Twitter

वहीं ‘मोहम्मद मुस्तकीम मेवाती‘ नाम के कट्टरपंथी ने भी 4 सितंबर को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ” संविधान की धज्जियां उड़ाता हुआ ये वीडियो..” इस ट्वीट को अब तक 1318 बार रीट्वीट किया जा चुका है।

Source- Twitter

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में मुस्लिम युवक को हिन्दुओं द्वारा जूते से पानी पिलाया गया? आइये जानते हैं इस दावे का सच।

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फैक्ट चेक 

आपको बता दें कि यह दावा पहले कई बार वायरल हो चूका है। ‘Only Fact’ ने 2022 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था। रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो राजस्थान का है, जोकि 2020 में सामने आया था। इसके बाद 2022 में भी जातिवाद के भ्रामक दावे से वायरल हुआ।

‘Only Fact’ की पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, “ये घटना राजस्थान के पाली ज़िले के सुमेरपुर की है जहाँ एक युवक को गांव की विवाहित महिला से प्रेम-प्रसंग होने की आशंका की वजह से 11 जून को अगवा कर सिरोही के सुपरणा (सरदारपुरा) गांव में लाया गया था। वहां पर आरोपियों ने लड़के की पिटाई की। उन्होंने इस लड़के को ज़बरदस्ती शराब की बोतल से पेशाब पिलाया। इतना ही नहीं लड़के को जूते में पानी भर कर भी पिलाया गया।”

राजस्थान पुलिस ने इस मामले पर ट्वीट कर इसका खंडन भी किया था। पुलिस ने बताया कि “वीडियो में दलित के साथ ज्यादती का दावा किया गया है। यह सरासर गलत है, दोनों पक्ष एक ही समुदाय से संबंधित हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि यह वीडियो साल 2020 का है, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।” पूरे मामले को समझने के लिए आप ‘Only Fact’ के पुराने फैक्ट चेक को यहां पढ़ सकते हैं।  

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि पीड़ित युवक मुस्लिम नहीं है, न ही यह कोई जातिवाद का मामला है। बस एक पुराने वीडियो को जान मुचकर लोगों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने के लिए यह वीडियो ट्वीट किया जा रहा ह। अंत में यह कहना उचित होगा कि यह दावा भ्रामक है

दावाहिन्दुओं ने मुस्लिम युवक को जूते से पिलाया पानी
दावेदारवसीउद्दीन सिद्दीकी और मोहम्मद मुस्तकीम मेवाती
फैक्ट चेकभ्रामक

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