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असम के करीमगंज में कोई अवैध मतदान नहीं हुआ है; वायरल वीडियो मॉक पोल का है

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लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान पूरा हो चुका है, और तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होने वाला है। इस समय राजनीतिक दलों सहित उनके समर्थक जमीन से लेकर सोशल मीडिया पर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक ही मतदाता ने भाजपा के पक्ष में लगातार पांच वोट दिए हैं। इसके साथ ही, वीडियो को शेयर कर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल के बाद यह दावा गलत साबित हुआ।

INDI गठबंधन की समर्थक और गायक नेहा सिंह राठौर ने X पर लिखा, ‘देखिए भस्मासुर पार्टी को कैसे 400 पार कराया जा रहा है। लोकतंत्र के महोत्सव में भ्रष्टाचार का नंगा नाच देख लीजिए।केंद्रीय चुनाव आयोग को श्रद्धांजलि के फूल भेज दीजिये।‘

कांग्रेस समर्थक शांतनु ने लिखा, ‘यह वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति को देखा गया है जो करीपनाथ मल्लाह, असम के करीमगंज संसदीय क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार के लिए 5 बार वोट डाल रहा है। बैलेट यूनिट – 0028661, @ECISVEEP, यहां क्या हो रहा है? लोगों को स्पष्टीकरण की योग्यता है! मैच फिक्सिंग?‘

आम आदमी पार्टी के समर्थक मनु ने लिखा, ‘यह एक  उदाहरण है कि कैसे टैम्परिंग किया जा सकता है, बार-बार भाजपा के लिए वोटिंग?

– क्या @ECISVEEP साबित कर सकता है कि यह वीडियो सत्यापित है?

– उन्हें EVMs तक पहुंच कैसे मिला?

– क्या कोई जांच चल रही है?

– कृपया स्पष्टीकरण करें ताकि लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास सही बना रहे।‘

तृणमूल कांग्रेस से राज्य सभा सांसद सुष्मिता देव ने लिखा, ‘एक व्यक्ति द्वारा बार-बार @BJP4India के लिए वोट करने का यह वीडियो कैचार में वायरल हो गया है। @dccachar और @ECISVEEP ने क्या कार्रवाई की है। आप दोषियों के चेहरे देख सकते हैं, @cacharpolice को जांच करनी चाहिए।‘

तन्मय ने लिखा, ‘लोकतंत्र के हत्यारे। इस वायरलवीडियो में, एक व्यक्ति को कहा जा रहा है कि वह पांच बार मतदान कर रहा है, करीपनाथ मल्लाह, असम के करीमगंज पीसी से बीजेपी उम्मीदवार के लिए।क्या चुनाव आयोग स्पष्टीकरण करेगा?‘

आम आदमी पार्टी समर्थक चयन ने लिखा, ‘क्या यह बूथ कैप्चरिंग नहीं है ❓करीमगंज लोक सभा में भाजपा का पोलिंग एजेंट एक के बाद एक वोट डाल रहा है भाजपा के लिए।अब भाजपा के शाखा कार्यालय यह कहेगा कि यह मॉक पोल है।‘

चरमपंथी हारून खान ने लिखा, ‘इस वायरल वीडियो में, कहा जा रहा है कि एक व्यक्ति करीमगंज पीसी से असम के भाजपा उम्मीदवार क्रिपानाथ मल्लाह के लिए 5 बार मतदान कर रहा है। बैलेट यूनिट – 0028661। चुनाव आयोग @ECISVEEP को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हो रहा है।‘

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल करने के लिए हमने मामले से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट सर्च किया जिसके बाद हमें इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित 29 अप्रैल की रिपोर्ट मिली। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, असम के करीमगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक वीडियो शेयर हुआ जिसमें दावा किया गया कि एक मतदाता प्रतिनिधि पांच बार EVM पर भाजपा के उम्मीदवार के लिए वोटिंग कर रहा है, जिसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता प्रतिनिधियों को शो कॉज़ नोटिस जारी किया। जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने आगे कहा कि वीडियो को “मॉक पोल” के दौरान रिकॉर्ड किया गया था जब मतदान आधिकारिक रूप से शुरू नहीं हुआ था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आगे लिखा है, वीडियो में असम के निर्दल उम्मीदवार अब्दुल हमीद के मतदाता प्रतिनिधि अब्दुल साहिद को देखा जा सकता है, जो पांच बार सीधे भाजपा उम्मीदवार और वर्तमान सांसद कृपानाथ मल्लाह के लिए बटन दबा रहे हैं। DEO कार्यालय के बयान के अनुसार, वीडियो के खिलाफ शिकायत के बाद, मामला सामान्य निरीक्षक के सामने लाया गया और पोलिंग टीम को बुलाया गया। इसके अनुसार, मतदान केंद्र के प्रेसाइडिंग अधिकारी ने कहा कि वीडियो मॉक पोल के दौरान बनाया गया था और वोट किए गए थे। इसके साथ ही स्पष्ट किया गया कि वास्तविक मतदान शुरू होने से पहले हुआ था। DEO के अनुसार, मतदाता प्रतिनिधि अब्दुल साहिद ने भी इसे स्वीकार किया।

Source- The Indian Express

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने DEO द्वारा जारी दो प्रेस रिलीज़ देखी, जो करीमगंज जिले के कमिश्नर के आधिकारिक हैंडल से शेयर की गई थी। इस रिलीज़ में कहा गया है कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि कुछ व्यक्तियों ने 26 अप्रैल को नायधर एल.पी. स्कूल में पोलिंग स्टेशन संख्या 11 में भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाले। इस पर शिकायत मिलने के बाद, मामला 27 अप्रैल को सामान्य निरीक्षक और उम्मीदवार/चुनाव एजेंट के सामने लाया गया। पोलिंग टीम को बुलाया गया और प्रेसाइडिंग अधिकारी ने कहा कि वीडियो मॉक पोल के दौरान बनाया गया था और बाद में वास्तविक मतदान की शुरुआत से पहले सीआरसी किया गया था। इसे शेयर किए गए व्यक्तियों के बयान द्वारा भी पुष्टि की गई है, जैसे अब्दुल साहिद आजीमुद्दीन के पुत्र, गांव – चेनजुर, जो अब्दुल हमीद, स्वतंत्र उम्मीदवार के मतदाता प्रतिनिधि हैं। मॉक पोल के दौरान मतदाता प्रतिनिधियों को उम्मीदवार के पक्ष में कुछ वोट डालने की अनुमति होती है। अन्य मतदान प्रतिनिधियों के बयान के अधीन कुछ है और मतदान अधिकारियों को इस संबंध में शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है।

दूसरे प्रेस रिलीज़ में लिखा है, ‘पिछले प्रेस रिलीज़ के बाद, यह फिर से स्पष्ट होता है कि वीडियो केवल मॉक पोल के दौरान बनाया गया था और यह वास्तविक मतदान से संबंधित नहीं है। वास्तविक मतदान के दौरान कोई नियम उल्लंघन नहीं हुआ है। इसे 27 अप्रैल 2024 को सुबह 11 बजे में सामान्य निरीक्षक और प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों की मौजूदगी में स्क्रूटनी के दौरान स्पष्ट किया गया था। हालांकि, मॉक पोल के दौरान उक्त घटना चुनाव आयोग के निर्देशों का गंभीर उल्लंघन था जो मतदान केन्द्र में मोबाइल फोन ले जाने की प्रतिबंध के संबंध में था। ECI निर्देशों के उल्लंघन के लिए, प्रेसाइडिंग अधिकारी के खिलाफ प्रवृत्ति कार्रवाई पहले ही की गई है और उस मतदाता प्रतिनिधि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।‘

निष्कर्ष: रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि असम के करीमगंज में बीजेपी के पक्ष में कोई अवैध मतदान नहीं हुआ है। वायरल वीडियो मॉक पोल का है, जिसमें वास्तविक मतदान से कोई संबंध नहीं है।

दावाअसम करीमगंज में बीजेपी के पक्ष में अवैध मतदान हुआ है
दावेदारइंडी गठबंधन के समर्थक
फैक्ट चेकभ्रामक

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