सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जमीन के नीचे छिपी एक इमारत दिखाई जा रही है। इस वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि यह मस्जिद संभल में खोजी गई है। इसके साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि यह मस्जिद शाहजहाँ की बेगम के नाम पर बनाई गई थी और लगभग 150 सालों से मिट्टी के नीचे दबी हुई थी। हाल ही में एक मंदिर की तलाश के दौरान यह ‘अकबराबादी मस्जिद’ मिली है।
नेशनल मुस्लिम ने लिखा, ‘1857 में अंग्रेजों द्वारा इस मस्जिद को तोडवाकर मिट्टी में दबा दिया गया था!! शाहजहां की बीबी के नाम से बनी ये मस्जिद 150 साल से मिट्टी में दबी हुई थी!! मंदिर ढूंढ़ते ढूंढ़ते अकबरा बादी मस्जिद मिल गई माशाअल्लाह.’
1857 में अंग्रेजों द्वारा इस मस्जिद को तोडवाकर मिट्टी में दबा दिया गया था!!
— NATION MUSLIM🌍 (@AmjadAsR) January 7, 2025
शाहजहां की बीबी के नाम से बनी ये मस्जिद 150 साल से मिट्टी में दबी हुई थी!!
मंदिर ढूंढ़ते ढूंढ़ते अकबरा बादी मस्जिद मिल गई माशाअल्लाह ✌️
फालो- @AmjadAsR pic.twitter.com/4CZ1zGwHRl
चांदनी ने लिखा, ‘अंग्रेजों ने 1857 में इस मस्जिद को गिर कर मिट्टी में दफन कर दिया था. शाहजहां की बीवी के नाम पर बनी थी ये मस्जिद. कई सालों तक दफन रही लेकिन मंदिर की तलाश में खोदने पर अल्हम्दुलिल्लाह वहां से ये निकल आई।’
अंग्रेजों ने 1857 में इस मस्जिद को गिर कर मिट्टी में दफन कर दिया था ,,
— 𓂆 چاندنی (@Chandnii__) January 7, 2025
शाहजहां की बीवी के नाम पर बनी थी ये मस्जिद।
कई सालों तक दफन रही लेकिन मंदिर की तलाश में खोदने पर अल्हम्दुलिल्लाह वहां से ये निकल आई। #Sambhal pic.twitter.com/tEcgghXGCp
इसके अलावा इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया गया है.
2
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का भाषण टेलीप्रॉम्प्टर की वजह से रुकने का दावा गलत, वायरल वीडियो एडिटेड है
फैक्ट चेक
अपनी पड़ताल में हमने देखा कि इस वीडियो में संभल के चंदौसी में बीते दिनों खुदाई में मिली बावड़ी की तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया है। इस सम्बन्ध में हमने अन्य दैनिक भास्कर, NBT की रिपोर्ट को भी देखा, इसमें कहीं भी मस्जिद का जिक्र नहीं है। यह एक बावड़ी है, बावड़ी (जिसे बाउरी, बावली, या वाव भी कहा जाता है) एक पारंपरिक जल संरचना है, जिसे प्राचीन भारत में पानी के संरक्षण और भंडारण के लिए बनाया जाता था. यह सीढ़ीनुमा कुएं की तरह होती है, जिसमें लोग सीढ़ियों के जरिए पानी तक पहुंच सकते हैं. यह भारतीय स्थापत्य और जल प्रबंधन प्रणाली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए भी इनका उपयोग होता था।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के वोयस ऑवर के कीवर्ड्स और बावड़ी के अलावा दूसरी तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च के दौरान हमें एनडीटीवी इंडिया द्वारा 7 जुलाई 2012 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाला वोयस ऑवर और तस्वीरें हैं, इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में मेट्रो के तीसरे फेज की खुदाई के दौरान जामा मस्जिद के पास एक ऐतिहासिक मस्जिद के अवशेष मिले, जिसे बीबी अकबराबादी बेगम के नाम पर बनाया गया था। बताया गया कि अंग्रेजों ने 1857 के विद्रोह के दौरान इस मस्जिद को नष्ट कर दिया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह मस्जिद दरियागंज इलाके में उस जगह से मिली, जहां मेट्रो स्टेशन बनाया जा रहा था। खुदाई के दौरान उस समय के कई सुंदर बर्तन भी मिले, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया गया कि इनका इस्तेमाल मस्जिद में किया जाता था। इसके बाद लोगों ने मांग की कि मस्जिद को दोबारा उसी रूप में पुनर्निर्मित किया जाए। डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो) ने इस विवाद को देखते हुए अपनी स्टेशन की योजना बदल दी।
इसके अलावा, हमें नवभारत टाइम्स की जुलाई 2022 की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया कि दिल्ली मेट्रो के फेज-3 प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक स्थलों के नीचे अंडरग्राउंड सेक्शन बनाने की वजह से यह प्रोजेक्ट न केवल भारत, बल्कि विश्व के सबसे चुनौतीपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक बन गया था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 6 जुलाई 2012 को जब नेताजी सुभाष पार्क इलाके में मेट्रो स्टेशन के लिए खुदाई हो रही थी, तब जमीन से करीब 10-12 फीट नीचे एक मध्यकालीन इमारत के अवशेष मिले। यह खबर तेजी से फैल गई, और स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ये अवशेष 17वीं सदी की अकबराबादी मस्जिद से जुड़े हैं। माना जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1650 में अपनी पत्नी अकबराबादी बेगम के नाम पर करवाया था। कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान यह मस्जिद क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र बन गई थी, जिसके चलते अंग्रेजों ने इसे नष्ट कर दिया।
दावा | संभल में खुदाई के दौरान मस्जिद मिली |
दावेदार | सोशल मीडिया यूजर्स |
निष्कर्ष | पड़ताल से स्पष्ट है कि संभल में खुदाई में मस्जिद मिलने का दावा गलत है, इस वायरल वीडियो में दिल्ली की साल 2012 की मस्जिद के मामले से जुड़ा वोइस ऑवर डाला गया है। |