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पुलिस द्वारा बोर्ड पर लिखे अम्बेडकर के कथन को मिटाने का दावा भ्रामक है

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सोशल मीडिया पर एक बोर्ड पर बाब साहेब अम्बेडकर की तस्वीर को पोंछते पुलिसकर्मियों का वीडियो वायरल है। बोर्ड पर आंबेडकर की तस्वीर के साथ लिखा है, ‘तुम्हारे पैरों में जूते भले ही न हों लेकिन हाथों में किताब जरूर होनी चाहिए।’ इसे उत्तर प्रदेश के एटा का बताकर दावा किया जा रहा है कि पुलिस दोदलपुर गांव में लगे बोर्ड पर लिखे बाब साहेब के कथन को मिटा रही है। हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।

पत्रकार अब्बास रिज़वी ने एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा, ‘दोदलपुर गांव में लगे बोर्ड में लिखा था “तुम्हारे पैरों में जूते भले ही न हों लेकिन हाथों में किताब जरूर होनी चाहिए” इस लेख को मिटाते पुलिस कर्मी।’

आशुतोष चौकसी ने लिखा, ‘दोदलपुर गांव में लगे बोर्ड में लिखा था “तुम्हारे पैरों में जूते भले ही न हों लेकिन हाथों में किताब जरूर होनी चाहिए” इस लेख को मिटाते पुलिस कर्मी। बाबा साहब के विचारों से इतनी घृणा ?’

वहीं गौरव और भीम सिंह ने भी इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।

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फैक्ट चेक

दावे की पड़ताल में हमें गौरव द्वारा शेयर किये गए इस वीडियो के रिप्लाई में सेक्शन में एटा पुलिस का जवाब मिला। पुलिस ने बताया कि ’21 दिसंबर 2024 को अज्ञात लोगों द्वारा बोर्ड पर रंग लगा दिया गया था। तत समय स्थानीय पुलिस द्वारा गांव के संभ्रांत व्यक्तियों से बातचीत कर उनकी मौजूदगी में रंग को हटा कर बोर्ड को साफ किया गया था। जिम्मेदार बने, कृपया अपुष्ट,तथ्यहीन व भ्रामक पोस्ट न करे।’

कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें 22 दिसंबर को प्रकाशित हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक चपरई मार्ग स्थित गांव दौदलपुर की पहचान को गांव के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है। बोर्ड पर डा. भीमराव अंबेडकर का चित्र बनाया गया। 21 दिसंबर को बोर्ड के साथ अराजकतत्वों ने छेड़छाड़ कर दी। बोर्ड पर आरोपियों ने पेंट करते हुए माहौल खराब करने का प्रयास किया गया। यह घटना पहली बार नहीं हुई है। तीसरी बार घटना होने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे और कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। जानकारी पर सकीट पुलिस के साथ-साथ रिजोर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने बोर्ड को सही कराया है। ग्रामीणों ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

दावा यूपी पुलिस एटा के दोदलपुर गांव में लगे बोर्ड पर लिखे बाब साहेब के कथन को मिटा रही है।
दावेदार अब्बास रिज़वी, वंदना सोनकर व अन्य
निष्कर्ष पुलिस द्वारा बोर्ड पर लिखे बाब साहेब के कथन को मिटाने का दावा भ्रामक है। असल में दोदलपुर की इस घटना में बोर्ड पर अराजक तत्वों ने पेंट पोत दिया था, जिसे पुलिसकर्मी साफ कर रहे थे।

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